7.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

दिन भर रणक्षेत्र बना रहा डीएमसीएच

दरभंगा : शिशु रोग विभाग व गायनिक विभाग में मरीजों की मौत के बाद परिजनों और एमएसयू कार्यकर्ताओं द्वारा किये गये हंगामा और तोड़फोड़ को लेकर पिछले तीन दिनों से जारी हंगामा विस्फोटक रूप धारण कर लिया है. इसके कारण मंगलवार को दिन भर पूरा डीएमसीएच रणक्षेत्र में तब्दील रहा. रविवार को शिशु रोग वार्ड […]

दरभंगा : शिशु रोग विभाग व गायनिक विभाग में मरीजों की मौत के बाद परिजनों और एमएसयू कार्यकर्ताओं द्वारा किये गये हंगामा और तोड़फोड़ को लेकर पिछले तीन दिनों से जारी हंगामा विस्फोटक रूप धारण कर लिया है. इसके कारण मंगलवार को दिन भर पूरा डीएमसीएच रणक्षेत्र में तब्दील रहा. रविवार को शिशु रोग वार्ड में एक सात महीने के बच्चे की मौत और सोमवार की सुबह गायनिक वार्ड के लेबर रूम में तीन मिनट के भीतर दो प्रसूता की मौत के बाद मृतक के परिजनों ने जमकर हंगामा किया.

वहीं शिशु रोग वार्ड में बच्चे की मौत के बाद परिजनों के बुलावे पर आये एमएसयू कार्यकर्ताओं की जूनियर डॉक्टरों द्वारा पिटाई को लेकर एमएसयू कार्यकर्ताओं ने सोमवार को अधीक्षक कार्यालय पर प्रदर्शन किया था. एमएसयू कार्यकर्ताओं की मांग थी कि दोषी चिकित्सकों के विरूद्ध कार्रवाई हो. इधर सोमवार को जेडीए के प्रतिनिधियों ने अधीक्षक से मिलकर सुरक्षा की गारंटी देने की मांग की. वार्ता विफल होने के बाद जेडीए ने हड़ताल की घोषणा कर दी.
इधर, एमएसयू के प्रदर्शन से मेडिकल छात्र व जूनियर डॉक्टरों में भारी आक्रोश था. एमएसयू कार्यकर्ताओं के डीएमसीएच में जाने के बाद जूनियर डॉक्टर एकजुट होकर सोमवार की शाम से ही चिकित्सा व्यवस्था ठप कर दी. इधर मरीजों का इलाज नहीं होने से गुस्साये परिजनों ने मंगलवार की सुबह इमरजेंसी चौक पर सड़क जाम कर अस्पताल प्रशासन के विरोध में नारे लगाये.
जूनियर डॉक्टरों को सूचना मिली कि एमएसयू कार्यकर्ताओं ने सड़क जाम की है. जानकारी मिलते ही जूनियर डॉक्टर एकजुट होकर सौ की संख्या में लाठी-डंडा से लैस होकर इमरजेंसी चौक पहुंचे. जूनियर डॉक्टरों का रौद्र रूप देख मरीज के परिजन जान बचाकर भाग निकले. इधर हंगामा की खबर मिलने पर डीएमसीएच अधीक्षक डॉ. संतोष कुमार मिश्र जैसे ही इमरजेंसी चौक पहुंचे. जूनियर डॉक्टरों ने उनकी पिटाई करते हुये बंधक बना लिया.
काफी मशक्कत के बाद बंधक मुक्त हुए अधीक्षक
डीएमसीएच अधीक्षक की पिटाई के बाद बंधक बना लिये जाने की सूचना पर सदर एसडीओ डॉ. गजेन्द्र प्रसाद सिंह, एएसपी दिलनवाज अहमद दंगा निरोधक दश्ता के साथ पहुंचे. जूनियर डॉक्टरों की सारी समस्या सुनने व काफी मशक्कत के बाद अधीक्षक डॉ. मिश्र को बंधक मुक्त कराया.
नहीं हो सका एक भी ऑपरेशन
डीएमसीएच में पिछले तीन दिनों से जारी तनातनी को लेकर मंगलवार को डीएमसीएच की चिकित्सा व्यवस्था पूरी तरह से ठप हो गयी. ओपीडी ठप करा देने के कारण करीब दो हजार मरीज बिना इलाज कराये ही मायूस होकर वापस लौटना पड़ा. हड्डी रोग विभाग में मरीज का ऑपरेशन नहीं होने पर परिजनों ने बताया कि लंबे इंतजार के बाद आज ऑपरेशन का डेट दिया गया था. हड़ताल के कारण ऑपरेशन नहीं होने से उनकी परेशानी और बढ़ गयी.
दर्द से कराह रहे मरीज
डीएमसीएच के विभिन्न वार्डों में अभी भी करीब पांच सौ मरीज भर्ती हैं. भर्ती मरीजों को चिकित्सक नहीं देख रहे हैं. इसके कारण मरीज बिना इलाज के दर्द से कराह रहे हैं. गायनिक वार्ड में भर्ती मरीज के परिजन दिनेश कुमार ने बताया कि उसकी पत्नी प्रसव पीड़ा से कराह रही है लेकिन, लेबर रूम में ताला लटका हुआ है.
नर्स व कर्मी चिकित्सकों के हड़ताल के कारण यहां से जाने को कह रहे हैं. साथ ही गायनिक वार्ड के रजिस्ट्रेशन काउंटर के समीप प्रसव पीड़ा से कराह रही मरीज के परिजन ने बताया कि उनके पास पैसे नहीं है. अगर भर्ती नहीं किया गया तो इसी बरामदे पर रहने के अलावा कोई उपाय नहीं है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें