कमतौल : इलाके में आखिरी बार बारिश एक माह पहले हुई थी. पहले भी बारिश हुई तो लगा कि इस साल बाढ़ के हालात बन जाएंगे, लेकिन इसके बाद मानसून ऐसा रूठा कि बारिश का कोई पता नहीं. अब तीन-चार दिनों की बारिश से हालात यह हैं कि गली-मुहल्ले की सड़क पानी में डूब गयी है. खेतों में लहलहाती धान की फसल डूबने से बरबाद हो रही है.
नदियों का जलस्तर बढ़ने लगा है. चहुंओर बाढ़ आने की खबर से इलाके के लोग चिंतित हैं. बाढ़ आने से पहले ही लोगों ने घरेलू जरूरत के सामान भारी मात्रा में खरीदने लगे हैं. रविवार से आलू, प्याज, चीनी, नमक आदि की बिक्री जोरों पर रही. जिन ग्रामीण दुकान से दिनभर में एक-दो बोरी आलू की बिक्री होती थी, रविवार को एकाएक 17 बोरी आलू की बिक्री हो गयी. इससे दुकानदार के चेहरे खिल उठे. ग्रामीण इलाके में बिक्री में बढ़ोत्तरी होने से सामानों के भाव आसमान छूने लगे. शनिवार को सात से नौ रुपये बिकने वाला आलू सोमवार को नौ से बारह रुपये प्रतिकिलो बिक रहा था. वहीं प्याज 26 से 30 रुपये बिका.