बािरश. बिछावन तक सिमट कर रह गये बच्चे व बुजुर्ग, नरक बनी शहरवासियों की जिंदगी
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घर-आंगन में पानी, भोजन पर आफत
बािरश. बिछावन तक सिमट कर रह गये बच्चे व बुजुर्ग, नरक बनी शहरवासियों की जिंदगी दरभंगा : रविवार से लगातार हो रही वर्षा के कारण नगर के सैंकड़ों घरों में पानी घुसा हुआ है. प्रभावित परिवारों की जिंदगी गलीज हो गयी है. न रहने का ठिकाना और न ही भोजन का. सबसे अधिक परेशानी बुजुर्ग […]
दरभंगा : रविवार से लगातार हो रही वर्षा के कारण नगर के सैंकड़ों घरों में पानी घुसा हुआ है. प्रभावित परिवारों की जिंदगी गलीज हो गयी है. न रहने का ठिकाना और न ही भोजन का. सबसे अधिक परेशानी बुजुर्ग एवं बच्चों को है. उनकी जिंदगी बिछावन पर सिमट कर रह गयी है. जनजनित बीमारी तथा कीड़े मकोड़ों से बचाव को ले बच्चे तथा बुजुर्ग को बिछावन से नीचे नहीं उतरने दिया जा रहा. घर से लेकर बाहर तक पानी ही पानी होने से लोगों की दिनचर्या पूरी तरह से बदल गयी है. काम काज ठप हो गया है. अभी भी दर्जनों मुहल्ले में एक से तीन फीट तक पानी लगा है. घरों में पानी प्रवेश कर जाने के कारण दर्जनों परिवार ऊंचे स्थान पर चले गये हैं.
इसके लिए आसपास के स्कूल भवनों का सहारा लिया जा रहा है. दो मंजिला घर वाले ग्राउंड फ्लोर में पानी प्रवेश कर जाने के कारण उपर शिफ्ट कर गये हैं. परेशानी उनके साथ है जिनका घर बहुमंजिला नहीं है. ऐसे परिवार चौकी व पलंग आदि के नीचे ईंट आदि लगाकर सामान को बचाने के प्रयास में लगे हुए हैं. लक्ष्मीसागर, धर्मपुर, चूनाभट्ठी, बंगाली टोला, बलभद्रपुर, भीगो, छपकी, मिश्रटोला, बहादुरपुर हाउसिंग कालोनी आदि मुहल्ले में सैंकड़ों घरों में पानी घुसा हुआ है.
लक्ष्मीसागर के धर्मपुर रोड स्थित दर्जनों घरों में पानी प्रवेश कर गया है. तरूण मिश्र के घर के ग्राउंड फ्लोर में करीब दो फीट पानी जमा है. यह परिवार उपरी तल्ले में शिफ्ट हो गया है. वहीं सिंघेश्वर ठाकुर का परिवार पानी लगे घर में ही रहने को विवश है. श्री ठाकुर बताते हैं कि कीड़े-मकोड़े से बचने के लिए रतजगा करना पड़ रहा है. अर्जुन पासवान का हाल इन्हीं लोगों के जैसा है. सड़क से सटे मकान होने के कारण घर में वर्षा का पानी प्रवेश तो कर ही गया, वाहनों के चलने से पानी का दबाव लगातार घर के भीतर बना रहता है.
छपकी गांव में करीब दर्जनों घर में पानी घुसा है. संजय राम के घर में पानी भरा है. पेंटिग का काम कर परिवार का भरण पोषण करने वाला संजय बताता है कि बारिश के कारण काम काज ठप हो गया है. घर में पानी घुस जाने के कारण परिवार को छोड़ कर काम की तलाश में बाहर जा भी नहीं सकते. एक ही बिछावन पर बैठकर बाल- बच्चों के साथ दिन काट रहे हैं.
अल्लपटी में संजय साह के घर में भी पानी है. उसकी चाय की दुकान है. चाय का ठेला ही इस विपत्ति में उसका ठिकाना बना हुआ है. संजय ने बताया कि ठेला पर खाना बनाकर बाल बच्चों का पेट भरते हैं. रात में इसी ठेला पर बच्चों के साथ सो जाते हैं. लक्ष्मीसागर मुहल्ला में आनंद सिंह के घर में पानी भरा है. श्री सिंह कहते हैं कि पानी के कारण रहना मुहाल हो गया है. विशेष कर बच्चे परेशान हैं. हमेशा डर बना रहता है कि सांप आदि न घर में आ जाए. पानी में खड़ा रहकर भोजन बनाना होता है. इससे हमेशा डर बना रहता है. छपकी मुहल्ला के दु:खी राम पानी से भरे घर में बिछावन पर सोये हैं. बीमार दु:खी पानी घर में आ जाने के बाद से परेशान हैं. नित्य कर्म के लिए भी उन्हें परेशानी हो रही है.
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