सुरक्षा में चूक. सिर्फ सख्त होते गये मंडल कारा के नियम-कायदे
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नहीं रुका ”अवैध” सामान पहुंचना
सुरक्षा में चूक. सिर्फ सख्त होते गये मंडल कारा के नियम-कायदे बेतिया : मर्ज बढ़ता ही गया, ज्यों-ज्यों दवाएं की. इसी तर्ज पर जिला मुख्यालय के मंडलकारा के हालात हैं. जिला प्रशासन की ओर से लगातार नियम और कायदे जैसे-जैसे सख्त होते गये. वैसे-वैसे मंडलकारा मेें अवैध सामान का जाना भी बढ़ते गया. यह हम […]
बेतिया : मर्ज बढ़ता ही गया, ज्यों-ज्यों दवाएं की. इसी तर्ज पर जिला मुख्यालय के मंडलकारा के हालात हैं. जिला प्रशासन की ओर से लगातार नियम और कायदे जैसे-जैसे सख्त होते गये. वैसे-वैसे मंडलकारा मेें अवैध सामान का जाना भी बढ़ते गया. यह हम नहीं कह रहे हैं कि बल्कि जेल के भीतर हुई हर बार की जांच व छापेमारी में मिले सेलफोन और प्रतिबंधित सामान खुद ब खुद इसकी चुगली करती दिख रहे हैं. शुक्रवार को हुई जांच में भी जेल से सेलफोन बरामद किये गये हैं.
सरकारी दावा तो यह है कि मंडलकारा अभेद्य दुर्ग है और इसमें परिंदे भी पर नहीं मार सकते. लेकिन कहनेभर मात्र के लिए यह जेल है, परंतु यहां बंद कैदियों की सुविधाएं किसी वीआईपी से कम नहीं हैं. मंडल कारा में रूटीन छापेमारी तो होती ही है.
आश्चर्य है कि हर छापेमारी में मोबाइल, सिम, चार्जर, चाकू, नशीले पदार्थ, खैनी-तंबाकू तथा अन्य कई प्रतिबंधित सामान जब्त किये जाते हैं. यदि पिछले एक वर्ष के छापेमारी पर गौर करें तो शायद ही कोई ऐसा मौका रहा होगा, जब जेल में हुई छापेमारी के दौरान कोई प्रतिबंधित वस्तुएं बरामद नहीं किये गये हों.
जबकि जेल में मुलाकात के लिए भी नियम और कानून पूर्व की अपेक्षा काफी सख्त हो गये हैं. नये मुलाकाती भवन में खिड़कियों के जरिए परिजनों से मिलने दिया जा रहा है. खाने-पीने की चीजें पहुंचाने पर भी रोक लगा दी गई है. बावजूद इसके जेल में प्रतिबंधित सामान के मिलने का सिलसिला नहीं थम रहा है. हालांकि सूत्रों की माने तो जेल में लंबे समय से जमे बंदी रक्षक और अफसर ही कूरियर का काम कर प्रतिबंधित सामानों को कैदियों तक पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं.
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