बेतिया : प्रखंड मुख्यालय मझौलिया दोपहर के करीब ढ़ाई बजे है. सामने कन्या मध्य विद्यालय में विरानगी पसरी हुई है. थोड़ा करीब जाने पर प्रधानाध्यापक का कक्ष दिखायी पड़ता है. कक्ष के सामने कुर्सियों पर बैठे शिक्षक गप हांक रहे है. ये नियमित शिक्षक है. बच्चों के नहीं आने की वजह से टाइम पास कर […]
बेतिया : प्रखंड मुख्यालय मझौलिया दोपहर के करीब ढ़ाई बजे है. सामने कन्या मध्य विद्यालय में विरानगी पसरी हुई है. थोड़ा करीब जाने पर प्रधानाध्यापक का कक्ष दिखायी पड़ता है. कक्ष के सामने कुर्सियों पर बैठे शिक्षक गप हांक रहे है. ये नियमित शिक्षक है. बच्चों के नहीं आने की वजह से टाइम पास कर रहे है.
आस-पास से पता चला कि नियोजित शिक्षकों के आंदोलन की वजह से 11 अप्रैल से ही पठन-पाठन का कार्य बंद है. विद्यालय में कुल 16 शिक्षक है. इनमें 9 नियमित व 7 नियोजित. नियमित शिक्षकों की संख्या नियोजितों से ज्यादा है. फिर भी शिक्षण कार्य बाधित है. तर्क यह कि बच्चे नहीं आ रहे. बात में थोड़ी सच्चई भी है. वेतनमान की मांग को लेकर आंदोलन रत्त शिक्षक बच्चों को वापस भेज दे रहे है. वहीं नियमित शिक्षकों को भी पढ़ाने से राहत मिल रही है. लेकिन विद्यालय भी जाना है जो जाते है और गप हांक लौट जाते है.
सरिसवा. नियोजित शिक्षकों ने गुरुवार को सीआरसी भवन से लेकर प्रखंड मुख्यालय तक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व शिक्षा मंत्री पीके शाही की शव यात्रा निकाली.
कार्यक्रम का नेतृत्व शिक्षक अनिल सिंह ने की. श्री सिंह ने बताया कि राज्य के 75 हजार विद्यालय नियोजित शिक्षक के हड़ताल पर जाने से बंद पड़े है. लेकिन वर्तमान सरकार समान कार्य में समान वेतन की मांग को पूरा नहीं कर रही है. मौके पर जिलाध्यक्ष अमित श्रीवास्तव, मंकेश्वर राम, अशोक सिंह, सुनील कुमार, जवाहर लाल, अरविंद उपाध्याय, रिकू दास, रेशाना खातून उपस्थित रहे.