धनु राशि में षष्ठग्रही योग से मचेगा उथल-पुथल व प्राकृतिक आपदा की संभावना
बेतिया : वर्ष का आखिरी कंकड़ाकृति सूर्यग्रहण 26 दिसंबर को भारतीय समय अनुसार स्पर्श 8 : 26 मिनट पर होगा. मध्य 9: 46 बजे तथा मोक्ष 11:19 बजे होगा. इस सूर्यग्रहण के असर से कोई क्षेत्र अछूता नहीं रहेगा, जहां ग्रहण का प्रभाव नहीं दिखाई देगा. सूर्यग्रहण का प्रभाव धनु राशि पर रहेगा. यह भारत में दिखाई देगा. षष्ठ ग्रही में पड़ने से करीब तीन घंटे तक भूमंडल पर एक विशेष प्रकार का दबाव रहेगा. ग्रहण का प्रभाव असरकारी होने से कहीं-कहीं प्रकृति में उथल-पुथल दिखायी देगी.
मीना बाजार के आचार्य सुजीत द्विवेदी ने बताया कि 150 वर्षों बाद इस सूर्य ग्रहण पर कंकड़ाकृति की तरह सूर्य दिखेगा. शास्त्र के अनुसार पौष मास कृष्ण पक्ष, स्नानदान अमावस्या और गुरुवार का दिन है. साथ ही मूल नक्षत्र धनु राशि में सूर्य, चंद्र, बुध, गुरु, शनि और केतु षष्ठ ग्रही का योग बन रहा है. छह ग्रह एक साथ एक ही राशि मे रहेंगे. केतु के स्वामित्व वाले नक्षत्र मूल में ग्रहण लगने से राजनैतिक उथल-पुथल, प्राकृतिक आपदा, सर्दी का प्रकोप बढ़ेगा. कई हिस्सों में वर्षा व ओलावृष्टि के योग रहेंगे.
ग्रहण के समय भोजन नहीं करना चाहिए. विज्ञान के अनुसार ग्रहण से निकली किरणें भोजन को नुकसान पहुंचाती हैं. सूर्य ग्रहण से चार प्रहर पूर्व यानी 12 घंटे पूर्व ही सूतक लग जाता है. इसलिए भोजन नहीं करना चाहिए और मंदिर की कपाट भी 12 घंटे पूर्व ही बंद हो जाते हैं. लेकिन बूढ़े, बच्चे और रोगी डेढ़ प्रहर पूर्व यानी 4.30 घंटे पहले तक खा सकते हैं. ग्रहण के शुरू होते ही स्नान, मध्य में होम, देवपूजन और किसी विशेष मंत्र का जाप कर सिद्धि प्राप्त कर सकते हैं और अंत में वस्त्र सहित स्नान करना चाहिए. ग्रहण के समय गाय को घास, पक्षियों को अन्न और जरूरतमंदों को जरूरी चीजों का दान करना चाहिए. गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के समय विशेष ध्यान रखना चाहिए.