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खुद रहें अलर्ट, फायर ब्रिगेड के भरोसे नहीं बुझेगी आग

इन दिनों चल रही पछुआ हवा ने अगलगी का खतरा बढ़ा दिया है. चूल्हे से निकली एक चिंगारी भी बड़े हादसे को अंजाम देने के लिए काफी है. ऐसे में अलर्ट रहने की जरूरत है, खुद अगलगी से बचाव करने को लेकर सतर्क रहने की आवश्यकता है. नहीं तो फायर ब्रिगेड के भरोसे आग नहीं […]

इन दिनों चल रही पछुआ हवा ने अगलगी का खतरा बढ़ा दिया है. चूल्हे से निकली एक चिंगारी भी बड़े हादसे को अंजाम देने के लिए काफी है. ऐसे में अलर्ट रहने की जरूरत है, खुद अगलगी से बचाव करने को लेकर सतर्क रहने की आवश्यकता है. नहीं तो फायर ब्रिगेड के भरोसे आग नहीं बुझने वाली है.

बेतिया : आग लगने की घटनाएं शुरू हो गयी हैं. खेतों में लहलहा रही गेहूं की फसलों पर आग लगने का खतरा बढ़ गया है. लेकिन, जिला प्रशासन ऐसे हादसों से निपटने के लिए अभी तक तैयार नहीं दिख रहा है.
अगलगी से बचाव के कोई भी प्लान नहीं बनाये जा सके हैं. आग लगने के सीजन आने के बाद भी अग्निशमन विभाग ने भी कोई तैयारी नहीं की है. हालात यह है कि फायर विभाग के पांच बड़े वाहनों में से दो कबाड़ हो चुके हैं. तीन चालू हालत में हैं. छोटी गाड़ी भी खराब पड़ी हैं. गाड़ियों में पानी भरने के लिए भी फायर विभाग के पास कोई इंतजाम नहीं है. संसाधनों के अलावे मैनपॉवर की भी विभाग में कमी है. आधे से अधिक पद रिक्त हैं. यह हालात तब है,
जब मार्च माह के 12 दिनों में सरकारी आंकड़े के मुताबिक आग लगने की 18 घटनाएं हो चुकी हैं. इधर, मौसम में तल्खी तेज होती जा रही है. धूप बढ़ता जा रहा है और पछुआ हवाओं की रफ्तार भी गति पकड़ती जा रही है. लिहाजा अगलगी की संभावना बढ़ रही है. आपदा होने के चलते इन घटनाओं को रोका तो नहीं जा सकता है, लेकिन सतर्कता की वजह से नुकसान को कम किया जा सकता है. जागरूकता अभियान चला अलर्ट रहना सिखाया जा सकता है. लेकिन,
यह विडंबना ही है यह जिला प्रशासन के पास इसको लेकर कोई योजना ही नहीं है. न तो कोई जागरूकता अभियान ही चलाये जा रहे और न ही विभाग के कमियों को दूर किया जा रहा है. वह भी तब, जब शहर से ले गांव तक के कई इलाके हादसों के मुहाने पर हैं. शहरों में ट्रांसफार्मरों के नीचे दुकानें सजी हैं तो गांवों में खेतों से हो गुजरे जर्जर बिजली तार गेंहू की फसलों को राख करने के लिए मुंह बाये खड़े हैं.
आग से बचाव के उपाय
दिन का खाना 9 बजे सुबह के पहले एवं रात का खाना शाम 6
बजे के बाद बना लें
हवन-अनुष्ठान सुबह 9 बजे से पूर्व कर लें खाना बनाकर चूल्हे की आग को पानी से अच्छी तरह बुझा दें
खेत-खलिहान के आस-पास बीड़ी-सिगरेट न पीयें, न पीने दें खेतों मे फसल काटने के बाद बचें डंठल को नहीं जलायें
आग लगे तो करें डॉयल :101 या 9939024365
अगलगीको लेकर प्रशासन की तैयारी कितनी है. यह इसी बात से समझा जा सकता है कि फायर ब्रिगेड वाहनों में पानी भरने तक के इंतजाम नहीं है. पूर्व में पीएचइडी के हाइडेंट से फायर विभाग वाहनों में पानी भरने का कार्य करता था, लेकिन हाल ही के दिनों में यह हाइडेंट नगर परिषद के अधीन हो गया और तब से इसके दुर्दिन शुरू हो गये हैं. फायर अफसर की माने तो 4500 लीटर पानी की क्षमता वाले फायर ब्रिगेड वाहन में पानी भरने में 7 से 8 मिनट लगते थे, लेकिन अब हाईडेंट से पानी का रफ्तार ऐसा है कि यह वाहन में पानी भरने में आठ घंटे लगते हैं. ऐसे में आग लगने पर हाहाकार तय है.
मौजूद संसाधनों में करते हैं बेहतर
अगलगी की जहां से भी सूचनाएं मिलती हैं. टीम तत्काल भेजी जाती हैं. पानी भरने को लेकर थोड़ी परेशानी हैं, लेकिन कोशिश रहती है कि गाड़ियों में पहले से ही पानी भर लिया जाय. लेकिन, जब एक दिन में कई मामले आते हैं तो दिक्कत होती हैं. वैसे मौजूद संसाधन में बेहतर किया जा रहा है.
तीन माह में 23 जगहों पर लगी आग
माह अगलगी के मामले क्षति
जनवरी 03 1.50 लाख
फरवरी 12 9 लाख
मार्च(अबतक) 08

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