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मुख्य सड़क व मुहल्लों में कचरा

परेशानी. शहर में आठ दिन से ठप है सफाई, नहीं हुई वैकल्पिक व्यवस्था अावारा पशु कूड़ादान से कचरे को फैला रहे सड़कों पर दुर्गंध से लोग परेशान, संक्रमण का खतरा बढ़ा मोतिहारी : नगर परिषद अनुबंध कर्मियों की हड़ताल से शहर की स्थिति बीमार जैसी हो गयी है. जगह-जगह कूड़े का अंबार लगा है. चौक-चौराहों […]

परेशानी. शहर में आठ दिन से ठप है सफाई, नहीं हुई वैकल्पिक व्यवस्था

अावारा पशु कूड़ादान से कचरे को फैला रहे सड़कों पर
दुर्गंध से लोग परेशान, संक्रमण का खतरा बढ़ा
मोतिहारी : नगर परिषद अनुबंध कर्मियों की हड़ताल से शहर की स्थिति बीमार जैसी हो गयी है. जगह-जगह कूड़े का अंबार लगा है. चौक-चौराहों से लेकर गल्ली-मुहल्ले तक बदहाल हैं. इनमें मुख्य पथ एवं बाजार की स्थिति काफी दयनीय है. अब तो राह चलना भी दूभर हो गया है. शहर के गांधी चौक, मीना बाजार, गाजा चौक, स्टेशन चौक, चांदमारी चौक, अस्पताल रोड, बलुआ गोलंबर आदि जगहों पर सड़े-गले कचरे से निकल रही दुर्गंध से आसपास के लोगों का जीना मुहाल हो गया है. राहगीरों को नाक पर रूमाल रख कर गुजरना पड़ रहा है.
कूड़ादानों में जमा कचरे के पास सूअर व अन्य आवारा पशुओं का डेरा बन गया है. सूअर जमा कूड़े को तितर-बितर कर सड़क पर फैला रहे हैं. जिससे मुहल्लों के लोगों को आवागमन में काफी परेशानी हो रही है़ अगर कुछ दिन ऐसी ही स्थिति रही तो शहर में संक्रमित बीमारियों के फैलने से इनकार नहीं किया जा सकता. अब तक नप प्रशासन व जिला प्रशासन द्वारा सफाई को लेकर कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गयी है. हड़ताल समाप्ति का ठोस प्रयास नहीं हो रहा है.
आठवें दिन भी जारी रही हड़ताल : एक सप्ताह से जारी नप कर्मियों की हड़ताल बुधवार को भी जारी रही. एजेंसी के साथ टैग किये जाने के विरोध में आठवें दिन भी कर्मी हड़ताल एवं अपनी मांग पर डटे रहे. इस दौरान कर्मियों ने नप कार्यालय कार्य को बाधित रखा. वहीं कार्यालय परिसर में धरना दिया. नप संघर्ष संचालन समिति के तत्वावधान में कर्मियों ने समिति के अध्यक्ष जितेन्द्र नाथ शर्मा एवं संयोजक भरत राम के नेतृत्व में धरना दिया. सभा को संबोधित करते वक्ताओं ने मांग पूरी नहीं होने तक आंदोलन जारी रखने का आह्वान किया.
समझौता की शर्त्त पर हड़ताल वापसी को कर्मी हैं तैयार : एसडीओ के समक्ष हुए समझौते एवं शर्त्त पर कर्मी कार्य को तैयार हैं. इसकी जानकारी देते हुए संघर्ष संचालन समिति के संयोजक भरत राम ने बताया कि समझौता के मुताबिक कर्मियों को षष्ट्म वेतन का भुगतान, हड़ताल अवधि के वेतन का भुगतान करने एवं अनुबंध कर्मियों को एजेंसी द्वारा काम से नहीं हटाये जाने एवं कर्मियों को अन्य तमाम सुविधाएं दिलाने संबंधी एजेंडों पर समझौता हुआ है. वार्त्ता के दौरान कर्मियों को इससे संबंधित पत्र देने की बात सामने आयी,जिसकी पहल नप प्रशासन को करनी थी. बावजूद वार्त्ता के तीन दिन बाद भी नप प्रशासन द्वारा पत्र नहीं उपलब्ध कराया गया है.
दोहरा पासा खेल रहे नप के स्थायी कर्मी : अनुबंध कर्मियों की हड़ताल किसी चौसर से कम नहीं. अनुबंध सफाई कर्मियों की हड़ताल के पीछे स्थायी कर्मी दोहरा पासा खेल रहे हैं. प्रशासन की नजर में स्थायी कर्मी कार्य पर बने हुए हैं, तो दूसरी ओर अनुबंध कर्मियों के कार्य बहिष्कार के समर्थन में दबी जुबान में अपनी सहमति भी जता रहे हैं. पूछने पर यूनियन के कर्मी अपनी जुबान तक नही खोल रहे. हड़ताल को लेकर हुई वार्त्ता में षष्टम वेतन भुगतान के एजेंडा से यह स्पष्ट हो गया है कि हड़ताल में शामिल होने से अपने को बचाते हुए स्थायी कर्मी हड़ताल का बाहर से समर्थन कर रहे हैं.

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