पीपराकोठी : नियोजित शिक्षकों के द्वारा सातवें वेतनमान को लागू करने के मांग को लेकर मानव श्रृंखला के वहिष्कार के निर्णय से मानव श्रृंखला के सफलता पर प्रश्न चिह्न लगते दिख रहा है. मद्य निषेध के समर्थन में बिहार सरकार के द्वारा आयोजित आगामी 21 जनवरी को मानव श्रृखला ज्यादातर सरकारी स्कूल के शिक्षक व बच्चों पर ही निर्भर है. प्रखण्ड क्षेत्र के बैरिया देवी स्थान से लेकर पीपराकोठी मुख्य चौराहा एवं उधर सिवान रोड में बंगरी ओवर ब्रिज तक राज मार्ग 28 के आठ किलोमीटर की दूरी में करीब सोलह हजार लोगों की आवश्यकता है. ऐसे में महज छह पंचायतों के जनप्रतिनिधि, सेविका, सहायिका,
आशा, जीविका, एएनएम, विकास मित्र, प्रेरक, किसान सलाहकार, न्याय मित्र, कचहरी सचिव, अंचल कर्मी, प्रखंड कर्मी, आवास सहायक सहित अन्य विभागों के कर्मचारियों को जोड़ा जाय तो हजार की संख्या को जुटाने में कठिन परिश्रम करना होगा. सरकार ने इस मिशन को पूरा करने के लिए सरकारी स्कूलों को अपना लक्ष्य मान के चल रही थी. इधर फीटमेंट कमेटी के सदस्य सचिव राहुल सिंह के द्वारा सातवें वेतन मान को नियोजित शिक्षकों को नही देने संबंधी बयान पर नियोजित शिक्षकों ने मानव श्रृखला का वहिष्कार का ऐलान किया है. उधर सरकार को 15 जनवरी तक मांग को पूरा करने की धमकी दी है. यह समस्या केवल पीपराकोठी ही नहीं बल्कि राज्य भर में हो सकती है. इस संबंध में संघ के प्रखंड अध्यक्ष मो जहांगीर ने बताया कि अगर 15 जनवरी तक सरकार सातवें वेतनमान का लाभ नहीं दिया तो किसी भी सूरत में हम लोग मानव श्रृंखला में भाग नहीं लेंगे.