संग्रामपुर : प्रखण्ड क्षेत्र के कई गांवों में वर्षा का पानी घुस जाने से जन जीवन अस्तव्यस्त हो गया है. धान रोपनी के शुरुआती दौर में अतिवृष्टि से धान के बिचड़े जलप्लावित हो गए हैं. उतरी बरियरिया पंचायत के बरियरिया गांव के प्रकाश पाण्डेय, कामेश्वर पंडित ,बाला राऊत व पूर्वी संग्रामपुर पंचायत के रमना टोला अशरफ अली,नवी हसन व दर्जी टोला गांव के कई लोगो के घरों में वर्षा का पानी घुस गया हैं.
पानी निकासी को लेकर बरियरिया गांव के ग्रामीणों ने संग्रामपुर परशुरामपुर मुख्य सड़क पर प्रदर्शन करते हुए आक्रोश व्यक्त किया. ग्रामीण संतोष कुमार पाण्डेय ने बताया की उक्त सड़क निर्माण के समय कई होम पाइप से निर्मित पुलिया को ध्वस्त कर दिया गया.
होम पाइप बंद होने के कारण पानी का बहाव नही हो रहा हैं, जिस कारण लोगो के घरों में पानी भर गया हैं. ग्रामीणों के सहयोग से पम्पिंग सेट से पानी निकाला जा रहा है. वहीं उतरी मधुबनी के पांडेय टोला में भी वर्षा का पानी घर घर मे घुस गया है. ग्रामीण शंकर महतो, बुधाई महतो, जयप्रकाश तिवारी, गुड़ु तिवारी, बबलू महतो आदि ने बताया कि घर से निकलना मुश्किल हो गया है।. बाध्य होकर ग्रामीण सड़क पर जिंदगी गुजारने को मजबूर होंगे. सड़क जाम करने वालो में प्रकाश पाण्डेय,कामेश्वर पाण्डेय,वयास राउत ,ध्रुव साह, प्रेमशंकर पाण्डेय आदि थे.
डीएम ने किया चम्पारण तटबंध का निरीक्षण : बाढ़ पूर्व तैयारी को लेकर डीएम रमन कुमार ने चम्पारण तटबन्ध व घाटों का जायजा लिया. इजरा, संग्रामपुर बिंद टोली, पुछरिया, मंगलापुर में डीएम द्वारा बाढ़ का जायजा लिया गया. सीओ निरंजन कुमार सिंह ने बताया कि नदी में अभी पानी नीचे स्तर पर है, जिससे खतरे की संभावना अभी नही हैं. डीएम ने नदी में बनाये गए कटावरोधी कार्यो को देखा. मौके पर अरेराज एसडीएम धीरेंद्र कुमार मिश्र आदि थे.
दलित बस्ती के घरों में घुसा पानी: पकड़ीदयाल. प्रखंड क्षेत्र में मूसलाधार बारिश से बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. क्षेत्र के बड़का गांव स्थित दलित बस्ती के 50 से ज्यादा घरो में बरसात का पानी घुस गया है. ग्रामीणों ने बताया कि दलित बस्ती के सड़क के बगल में नाला था, जिससे बगल के पोखरी एवम उत्तर की ओर से आने वाली पानी नाला होते हुए निकल जाती थी.
कालांतर में स्वार्थी तत्वो ने निजी फायदे के लिये नाला पर मिट्टी भर दिया, जिससे पानी निकलने का मार्ग अवरुद्ध हो गया. घरो में चौकी-चूल्हा डूब गये है. लोगो के सामने खाना बनाने व भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. वहीं बारिश से धान के बिचड़े डूब गये. किसानों के सैकड़ो एकड़ धान के ऊपर दो से तीन फीट पानी बह रहा है.