मानक के अनुसार 15 मई से 25 जून तक बोया जायेगा धान का बिचड़ा
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काफी इंतजार के बाद बाजार में आये उन्नत धान के बीज
मानक के अनुसार 15 मई से 25 जून तक बोया जायेगा धान का बिचड़ा रक्सौल : एक तरफ से किसानो को विभिन्न कार्यक्रमो के माध्यम से प्रशिक्षण देकर खेती की जानकारी दी जा रही है ताकि किसान कम लागत में अच्छी पैदावार कर सके. लेकिन कृषि विभाग की उदासिनता के कारण यह योजना धरातल पर […]
रक्सौल : एक तरफ से किसानो को विभिन्न कार्यक्रमो के माध्यम से प्रशिक्षण देकर खेती की जानकारी दी जा रही है ताकि किसान कम लागत में अच्छी पैदावार कर सके. लेकिन कृषि विभाग की उदासिनता के कारण यह योजना धरातल पर सही से उतरती दिखायी नहीं दे रही है.
15 मई से लेकर 25 जून तक सरकार के द्वारा धान का बीज बोये जाने के लिए समय निर्धारित किया गया है. कृषि विभाग के अधिकारियों ने किसानो के साथ बैठक कर पूर्व में भी इसको लेकर जानकारी दी थी लेकिन स्थिती यह है कि 15 मई की बजाय 5 जून को सरकारी बीज उपलब्ध हो पाया है. ऐसे में 15 मई से बीज के लिए इंतजार कर रहे किसानो के लिए खुशी की बात तो है लेकिन इसमें यह भी है कि 22 दिन बाद जो बीज आया है वह मात्र दो प्रकार है. प्रशिक्षण कार्यक्रम में जितने बीजों व उसकी खुबियों के बारे में किसानो को बताया गया, उस हिसाब से बीज नहीं पहुंच पाया है. जिससे स्थानीय किसानों में रोष है.
किसानों का कहना है कि सरकार खेती से पहले प्रशिक्षण में तरह-तरह के सपने दिखाती है, ऐसे खेती होगी, वैसे खेती होगी. लेकिन जब बात किसानो को धरातल पर उक्त सुविधा मुहैया कराने की होती है तो यहां पर सरकार फेल हो जाती है. कृषि कार्यालय रक्सौल से मिली जानकारी के अनुसार रक्सौल में मात्र दो तरह का ही बीज उपलब्ध हो पाया है.
जिसमें बीज ग्राम योजना से संबंधित स्वर्ण स्वागन बीज व मुख्यमंत्री तीव्र बीज विस्तार योजना से अभिषेक बीज प्राप्त हुआ है. इसका भी वितरण केवल एक दूकान से किया जा रहा है. जहां से किसान अनुदान प्राप्त बीज की खरीद कर सकते है. हालांकि इस बार नियमों में कुछ परिवर्तन करते हुए किसानो को सीधा लाभ दिया जा रहा है.
कहते हैं अधिकारी
दो दिन पूर्व दो नस्ल की बीज प्राप्त हुयी है. किसानो को सब्सीडी दर पर बीज दिया जा रहा है. बीज ग्राम योजना से 300 किसानो को 14-14 किलो के दर से दिया जायेगा तो मुख्यमंत्री तीव्र बीज विस्तार योजना से एक किसान को 6 किलो धान का बीज दिया जायेगा.
विवेकानंद झा, प्रखंड कृषि पदाधिकारी
क्या हुआ है परिवर्तन
पहले किसान यदि अनुदान पर बीज खरीदते थे तो पूरा पैसा देने के बाद अनुदान का पैसा उनके खाते में आता था. खाता के गड़बड़ी के कारण कई किसान ई-किसान भवन का चक्कर लगाते थे. लेकिन इस बार किसानो को मिलने वाली सब्सीडी को काटकर ही बीज दिया जा रहा है. बीज ग्राम योजना के बीज में 50 प्रतिशत का अनुदान है तो मुख्यमंत्री तीव्र बीज विस्तार योजना में 90 प्रतिशत का अनुदान किसानो को दिया जा रहा है. इसके लिए किसान को आधार कार्ड व लगान रसीद की आवश्यकता है. इसके आधार पर उनके बीच बीज का वितरण किया जा रहा है.
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