बक्सर : जिला के सहायक नाजिर पंकज कुमार सिंह की गिरफ्तारी को लेकर न सिर्फ बक्सर और बिहार में छापेमारी की गयी, बल्कि बनारस और इलाहाबाद में भी उसके संभावित ठिकानों पर छापेमारी की गयी. मगर अब तक पंकज पुलिस की पकड़ में नहीं आया है. जांच के लिए जिला प्रशासन द्वारा डीडीसी मोबिन अली अंसारी की अध्यक्षता में बनायी गयी तीन सदस्यीय टीम ने शनिवार की सुबह से शाम तक नजारत के कार्यों की समीक्षा की और फिर बैंक के खातों और की गयी निकासी का मिलान किया गया. मिलान के बाद फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ,
जिसमें पता चला कि फर्जी तरीके से बैंक स्टेटमेंट मंगवा कर नजारत में रखा गया, ताकि हिसाब मिल जाये. ज्ञात हो कि सहायक नाजिर पंकज कुमार सिंह उत्तरप्रदेश के जौनपुर जिले के पृथ्वीपुर गांव का रहनेवाला है और पिछले एक साल से डीएम के फर्जी हस्ताक्षर के जरिये सरकारी खाते से पैसे की निकासी कर रहा था. इस संबंध में यह भी पता चला कि 10 चेकों के जरिये एक करोड़ 15 लाख 74 हजार 576 रुपये की निकासी की गयी.
इसके अतिरिक्त ग्रामीण कार्य विभाग डुमरांव के पांच चेक के सहारे 36 लाख रुपये की निकासी की जा चुकी है. डीडीसी मोबिन अली अंसारी के साथ जांच करनेवाले तीन सदस्यीय टीम में कोषागार पदाधिकारी अजमत अली अंसारी और डीटीओ तथा भूअर्जन पदाधिकारी तौकीर अकरम ने सुबह से शाम तक नजारत में बैठ कर जांच की.
निकासी और बैंकों के स्टेटमेंट का जब मिलान किया, तो पाया गया कि बैंकों के स्टेटमेंट भी फर्जी तरीके से बनवा कर विभाग के फाइल में लगाये गये हैं. बैंकों से फर्जी स्टेटमेंट बनाये जाने का मतलब बैंकों की पूर्ण मिलीभगत उजागर हो गयी है, जिसमें कई बैंकों के अधिकारी फंसेंगे. बैंकों के स्टेटमेंट मिलाये जाने के बाद कई और फर्जी निकासी का खुलासा होने की संभावना जतायी गयी है