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हर-हर गंगे से गूंजे घाट, लगायी आस्था की डुबकी

हर-हर गंगे से गूंजे घाट, लगायी आस्था की डुबकीसंस्कृति. मकर संक्रांति पर श्रद्धालुओं ने किया स्नान-दान, मेले में उमड़ा सैलाबरामरेखा घाट पर लाखों लोगों ने लगायी गंगा नदी में डुबकी, मकर संक्रांति के त्योहार पर लगा मेलालोगों से दिन भर पटे रहे सड़क व घाट, जिले भर के गंगा घाटों पर भक्तिमय रहा माहौलफोटो-17-रामरेखा घाट […]

हर-हर गंगे से गूंजे घाट, लगायी आस्था की डुबकीसंस्कृति. मकर संक्रांति पर श्रद्धालुओं ने किया स्नान-दान, मेले में उमड़ा सैलाबरामरेखा घाट पर लाखों लोगों ने लगायी गंगा नदी में डुबकी, मकर संक्रांति के त्योहार पर लगा मेलालोगों से दिन भर पटे रहे सड़क व घाट, जिले भर के गंगा घाटों पर भक्तिमय रहा माहौलफोटो-17-रामरेखा घाट पर उमड़े श्रद्धालु फोटो-18-मेला सा नजारा दिखा सड़कों पर संवाददाता, बक्सर/चौसा/राजपुर.रामरेखा घाट पर मकर संक्रांति के मौके पर लाखों लोगों ने डुबकी लगायी. न सिर्फ रामरेखा घाट बल्कि बक्सर जिले के सिद्धनाथ घाट, नाथ बाबा घाट, जहाज घाट एवं प्रखंडों के अन्य घाटों पर भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु महिला-पुरुषों ने गंगा में डुबकी लगायी. गंगा घाटों पर सुबह से ही मेला सा नजारा रहा और दूरदराज से आने वाले श्रद्धालु महिला-पुरुष देर रात से ही गंगा के किनारे पहुंचने लगे थे. भारी भीड़ को देखते हुए नगर थाना के पास ही दोपहिया वाहनों एवं अन्य गाडि़यों को रोक कर रखा गया. और सिर्फ पैदल लोगों को गंगा घाट तक जाने की अनुमति मिली. गंगा स्नान के बाद लोगों ने गंगा के किनारे बैठे दरिद्र नारायण को भी चावल,तिल, द्रव्य और वस्त्र का दान किया. धारणा के मुताबिक धनु राशि से मकर राशि में सूर्य के प्रवेश के समय लोग तीर्थ स्थलों पर गंगा में डुबकी लगाते हैं. ताकि सूर्य का तेज उन्हें प्राप्त हो सके और लोग पाप से मुक्ति पा सकें.रामरेखा घाट पर नहीं थी तिल रखने की जगह : रामरेखा घाट पर आने जाने का पूरा मार्ग श्रद्धालुओं से पटा रहा और लोगों ने फुटपाथी और अस्थायी दुकानों से भी खरीदारी की. पारचूनी सामान की कई दुकानें लगी थी जिस पर महिलाओं की भीड़ दिखायी पड़ी. इसके अतिरिक्त खानपान और गोलगप्पे की दुकानों पर भी लोगों ने आनंद उठाया. चौसा प्रतिनिधि के अनुसार प्रखंड के विभिन्न भागों में शुक्र वार को मकर संक्रांति का पर्व उमंग, आस्था व धूमधाम के साथ मनाया गया. प्रखंड मुख्यालय स्थित पवित्र गंगा नदी में डुबकी लगाने के लिए सुबह से ही हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ विभिन्न गंगा घाटों पर लगी रही. जहां श्रद्धालु गंगा में डुबकी लगा दानपुण्य किये. ग्रामीण इलाकों में जहां बच्चों ने पतंगबाजी का लुत्फ उठाया. वहीं घर-घर लोग दही चूड़ा व साग खाकर मकर संक्रांति का पर्व मनाया. क्षेत्र के चौसा महादेवा घाट,बाजार घाट, बारा मोड़ घाट, रानी घाटों पर डुबकी लगाने के लिए दिन भर भीड़ लगी रही. और आयोजित मेले का लोगों ने भरपूर आनंद उठाया.राजपुर प्रतिनिधि के अनुसार मकर संक्रांति का पर्व ग्रामीणों द्वारा पारंपरिक तरीके से मनाया गया़ लोगों ने सुबह सरोवरों में स्नान कर ब्राह्मणों को दान दिया़ इसके बाद दही और चूड़ा के साथ भोग लगाया़ दोपहर बाद ग्रामीणों ने रीति रिवाज के अनुसार खेतों में पहुंचकर चना और खेसारी के साग का लुत्फ उठाया़ इस दौरान क्षेत्र के तियरा ,मनोहरपुर, देवढ़ियां, खीरी, नागपुर, गैधरा, मंगरॉव, संगरॉव सहित अन्य गांवों में खेतों में मेले का माहौल बना रहा़पूजा-अर्चना के लिए मंदिरों में जुटे श्रद्धालु-जाडे़ के व्यंजनों को खा लोगों ने उठाया लुत्फफोटो संख्या-01-पतंग के साथ बच्चे.डुमरांव़ मकर राशि राशि के सूर्य में प्रवेश होते ही संक्रांति पर्व परवान पर चढ़ गया़ अहले सुबह से ही स्नान कर घर की महिलाएं बच्चे व बुजुर्ग नगर के विभिन्न मंदिरों में पहुंच माथा टेक मंगल भविष्य की कामना की़ घर आकर लोगों ने जाडे़ के मशहूर व्यंजनों को खाकर लुत्फ उठाया़ मकर संक्रांति का धार्मिक आस्था के साथ ही उल्लास के भावों को प्रगट करता है़ बदलते मौसम में अच्छे स्वास्थ्य को लेकर इस पर्व की महत्ता बढ़ जाती है़ लोगों ने अपने घरों में तिल, गुड़ व खिचड़ी खाया.पतंगबाजी में आगे रहे बच्चे :पर्व के उल्लास बच्चों के बीच हावी रहा़ इस मौके पर बच्चे पूरे दिन पतंगबाजी मंे मशगूल रहे. पतंग को लेकर शहर के मैदानों व छतो पर पतंग उड़ाने के लिये बच्चे धमाल करते रहे़ बच्चों के संग परिजन व युवाओं की टोलियों ने भी पतंगबाजी का मजा उठाया़ वहीं पतंग के दुकानों पर भी अहले सुबह से ही पतंग की खरीदारी को लेकर भीड़ लगी रही़ दूध-दही की हुई बिक्री :पर्व को लेकर दूध व उससे बनने वाले दही की बिक्री जम कर हुई. शहर के कई दुकानों पर ग्राहक दूध व दही की अग्रिम बुकिंग कराये थे़ दूध व दही बेचने वाले दुकानदार पर्व को लेकर अपने स्टाकों से अधिक खपत की़ कई दुकानदारों ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों से दूध के आवक में कमी होने से कई ग्राहकों को निराश होना पड़ा. 3. गरीबों को खिलाया चूड़ा-दहीफोटो संख्या-02 गरीबों को चूड़ा-दही खिलाते युवराज शिवांग व संघ परिवार के लोग.डुमरांव़ मकर संक्रांति पर राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के बैनर तले राज हाईस्कूल के खेल मैदान मे गरीब गुरबों को चूड़ा-दही का भोज कराया गया़ युवराज शिवांग विजय सिंह सहित स्वयंसेवकों ने नगर के विभिन्न मुहल्ले से पहुंचे गरीबों को पंक्तिबद्ध बैठा कर भोजन कराया़ इसके पूर्व स्वयंसेवकों ने राष्ट्रध्वज को नमस्कार कर भारत माता, हेडगवार सहित अन्य विभूतियों के तैलचित्र पर पुष्प अर्पित कर भारत में सुख-शांति की कामना की़ इस मौके पर शिवांग विजय व धनजी दुबे ने कहा कि मकर संक्रांति का पर्व भाईचारे का संदेश देता है़ मकर राशि के सूर्य में प्रवेश करने के बाद मांगलिक कार्यों के लिये राहे आसान हो जाती है़ इस पर्व पर गरीबों को अन्य व वस्त्र दान करने का विशेष महत्व बताया गया है़ मौके पर रमेश केसरी, समदर्शी जायसवाल, अंब्रीश पाठक, सुधीर कुमार, संजय केसरी सहित अन्य मौजूद थे़ वहीं दूसरी ओर हरिजी के हाता मैदान में आरएसएस स्वयंसेवकों ने मकर संक्रांति उत्सव मनाया़ उत्सव के दौरान स्वयंसेवकों ने भाईचारे का संदेश देते हुए आपसी मेल मोहब्बत बरकरार रखने की हिमायत की़ मौके पर राजीव भगत, रघुवर सिंह, सुधीर जायसवाल, कंचन वर्मा, सुरेंद्र प्रसाद सहित अन्य मौजूद थे़ 4. मंदिरों में माथा टेका, बाजार रहा गुलजारगंगा स्नान को लेकर बस, जीप समेत रेलवे स्टेशनों पर लगी रही भीड़डुमरांव़ मकर संक्रांति को लेकर नगर के महामाया महाविद्या राज राजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी मंदिर, नगर पंचित काली आश्रम, राजगढ़ चौक काली मंदिर, डुमरेजनी मंदिर, मां बसवनी मंदिर समेत विभिन्न मंदिरों में शुक्रवार को अहले सुबह से देर शाम तक भीड़ लगी रही़ इस दरम्यान लोग अपने घरों से स्नान और दान व चूड़ा-दही ग्रहण करने के बाद मंदिरों में पहुंचकर पूजा-अर्चना मत्था टेक आशीर्वाद लिया़ शुक्रवार को गोला रोड, स्टेशन रोड़, जंगल बाजार, चौक रोड़, शहीद गेट व चुड़ी बाजार में खरमास के बाद पहले दिन चहल-पहल रहा़ दूसरी तरफ बक्सर गंगा स्नान करने को लेकर जीप, बस स्टैण्ड समेत रेलवे स्टेशनों पर अहले सुबह भीड़ देखने को मिली़ 5.पतंगबाजी में खींच रे की गूंजती रही आवाज बच्चे, युवा समेत बुजुर्ग में पंतगबाजी को लेकर रहा उत्साहफोटो संख्या-04 खेत मे साग खाने पहुची महिलाएं.डुमरांव़ मकर संक्रांति को लेकर शुक्रवार को लोगों ने स्नान कर चावल, तिल दान कर चूड़ा-दही का भोग लगाया. धूप खिली रहने से लोगों ने गर्म कपड़े को हटाये रखा़ युवा वर्ग और बच्चें छत पर पहुंच पतंगबाजी करने लगे है़ जिसे देखकर बुजुर्गों में भी उत्साह दिखा और पतंगबाजी करते दिखे़ 80 वर्षीय देवेन्द्र मिश्रा उर्फ ददनी मिश्र ने बताया कि युवा काल में भी जमकर पतंगबाजी किया करता था, और आज मुझे पतंगबाजी करने को लेकर उत्साहित हूं. आकाश में पतंगबाजी के दौरान खींच रे पतंग का जलवा रहा़ वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में महिला व युवती साग खेतों में पहुंच परंपरा के अनुसार साग ग्रहण किया़ पूरे दिर अनुमंडल क्षेत्र में हजारों छतों से पतंगबाजी बच्चे, युवाओं ने किया़ इस दरम्यान पंतग कटने व काटने और पतंग दूकानों पर पूरे दिन खरीददारी का सिलसिला चलता रहा़ वहीं दूध, दही नहीं मिलने पर लोगों ने अफसोस जाहिर करते हुए कोरम जैसे-तैसे पूरा किया़ दूध दुकानदार सोनू ने बताया कि दूध की अच्छी खासी इस बार बिक्री हुई है़

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