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शहर के ज्यादातर छठ घाट खतरनाक

बक्सर : लोक आस्था व संस्कृति का महापर्व छठ को लेकर लोगों ने अभी से तैयारियां शुरू कर दी है. तैयारी के तहत नगरवासी घाटों पर होनेवाली भीड़ को देखते हुए अभी से छठ घाट के लिए जगह सुरक्षित करना शुरू कर दिये हैं. इस आस्था के महान पर्व को लेकर प्रशासनिक स्तर पर अभी […]

बक्सर : लोक आस्था व संस्कृति का महापर्व छठ को लेकर लोगों ने अभी से तैयारियां शुरू कर दी है. तैयारी के तहत नगरवासी घाटों पर होनेवाली भीड़ को देखते हुए अभी से छठ घाट के लिए जगह सुरक्षित करना शुरू कर दिये हैं.

इस आस्था के महान पर्व को लेकर प्रशासनिक स्तर पर अभी तक कोई तैयारी नहीं दिख रही है.न किसी घाट की साफ-सफाई की शुरुआत हुई है और न ही प्रशासनिक स्तर पर घाटों की वस्तु स्थिति की जायजा ही लिया गया है. जबकि सेंट्रल जेल से लेकर आरक्षी अधीक्षक आवास तक दो दर्जन से ज्यादा गंगा घाट हैं और इसमें ज्यादातर घाटों की स्थिति बदतर है. इससे गंगा किनारे छठ के लिए जुटनेवाली भीड़ को कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा.

कई घाट हैं खतरनाक : नगर किनारे छोटे-बड़े गंगा घाट दो दर्जन से भी ज्यादा हैं. इनमें कुछ घाटों पर छठ करना काफी खतरनाक है. ज्यादातर घाट बारिश में तेज बहाव के कारण या तो कट गये हैं या मिट्टी जमाव की वजह से खड़ा हो चुके हैं, तो कुछ घाटों पर जाने में गंगा किनारे बना मेरिन ड्राइव व्यवधान पहुंचायेगा. ऐसे घाटों पर छठ करना अनहोनी को न्योता देने के बराबर है.
कुछ घाटों पर है दलदल : कुछ घाटों की स्थिति गंगा की महीन बालू मिली मिट्टी दलदली पैदा कर दिया है. जहां गंगा में प्रवेश करना खतरनाक है और लोग फंस सकते हैं. इस दलदल में ऐसे घाट भी कई हैं.
कुछ घाटों पर गहरा पानी : कुछ घाटों पर उतरते ही गहरा पानी है, जिसमें अंदाजा नहीं मिलने पर व्रती अनहोनी का शिकार हो सकते हैं. वैसे छठ के दिन गंगा घाटों का दायरा सिमट जाता है. सेंट्रल जेल से लेकर आरक्षी अधीक्षक के आवास तक छठ घाट का रूप.
नगर में हैं गंगा घाट : सती घाट, सोमेश्वर स्थान घाट, लक्ष्मी नारायण घाट, रामरेखा घाट, जहाज घाट, नाथ बाबा घाट, सिद्धनाथ घाट, गोला घाट, सिपाही घाट, अंबेदकर घाट, बंगला घाट, सती घाट, रानी घाट, फुआ घाट समेत दर्जन भर घाट हैं.
खतरनाक घाट : सती घाट, सोमेश्वर घाट, गोला घाट, रानी घाट, बंगला घाट, रामरेखा घाट, लक्ष्मी नारायण घाट, अांबेडकर घाट समेत अन्य कई छोटे घाट दलदल बन गये हैं. कुछ घाटों पर गंगा में प्रवेश के साथ गहरा पानी है तथा कुछ घाटों पर मिट्टी की जमाव की वजह से गंगा घाट सीधा हो गया है, जिससे घाटों पर आसानी से नहीं पहुंचा जा सकता है.
प्रशासनिक व्यवस्था : प्रशासनिक व्यवस्था का इस महापर्व को लेकर शुरुआत नहीं हो सकी है और न ही घाटों का सत्यापन ही किया गया है. घाटों को व्यवस्थित करने में प्रशासन को महीने दिन का समय लग सकता है, पर अभी तक शुरुआत नहीं हो सकी है.

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