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नये समीकरण में सीटों पर नजर

बक्सर विधानसभा क्षेत्र वैसे तो कांग्रेस के कब्जे में कई वर्षो तक रहा है, मगर वर्तमान में यह सीट भाजपा के खाते में है. पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा से डॉ सुखदा पांडेय ने कब्जा जमाया था. उन्होंने राजद के उम्मीदवार श्याम लाल कुशवाहा को पराजित किया था. सीटिंग गेटिंग के फॉमरूले के तहत भाजपा […]

बक्सर विधानसभा क्षेत्र वैसे तो कांग्रेस के कब्जे में कई वर्षो तक रहा है, मगर वर्तमान में यह सीट भाजपा के खाते में है. पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा से डॉ सुखदा पांडेय ने कब्जा जमाया था.

उन्होंने राजद के उम्मीदवार श्याम लाल कुशवाहा को पराजित किया था. सीटिंग गेटिंग के फॉमरूले के तहत भाजपा फिर से डॉ सुखदा पांडेय को उम्मीदवार बनाने का मन बनाये हुए है.

मगर आरएसएस के समर्पित कार्यकर्ता रहे प्रदीप दूबे उनकी राह में रोड़ा बन सकते हैं. वैसे भाजपा ने श्री दूबे को पार्टी विरोधी कार्यो को लेकर निलंबित कर चुकी है. दूसरी तरफ महागंठबंधन के तीनो दलों के नेता इस सीट पर उम्मीदवारी का दावा ठोंक रहे हैं. राजद, जदयू व कांग्रेस के जिलाध्यक्ष उम्मीदवार बनने की कतार में हैं. बसपा के पूर्व विधायक प्रो हृदय नारायण भी राजद से उम्मीदवारी चाह रहे हैं.

जबकि राजद जिलाध्यक्ष शेषनाथ सिंह भी कतार में हैं. कांग्रेस के जिलाध्यक्ष तथागत हर्षवर्धन भी मजबूत दावेदार हैं जबकि जदयू जिलाध्यक्ष अशोक कुमार सिंह भी प्रयासरत हैं.

इन दिनों

भाजपा में अंदरूनी कलह. लेकिन, पार्टी लगातार कार्यक्रम कर रही है. महागठबंधन के लोग बैठकें कर कार्यकर्ताओं को एकजुट कर रहे हैं.

मुद्दे

सड़कों का निर्माण

सिवरेज व सफाई की समस्या

पर्यटन स्थल का विकास

4. शुद्ध पेयजल की व्यवस्था

औद्योगिक क्षेत्र का विकसित न होना

राजपुर

एनडीए में कई नेता कतार में

राजपुर सुरक्षित विधानसभा क्षेत्र फिलहाल जदयू के खाते है. पूर्व के चुनाव में भाजपा-जदयू गंठबंधन के कारण यह सीट आसानी से जदयू के हाथ लग गयी थी. संतोष कुमार निराला ने लोजपा के छेदी लाल राम को पराजित किया था. इस सीट पर महागठबंधन के दूसरे घटक दल के नेताओं की भी नजरें गड़ी हैं. दूसरी तरफ भाजपा और उसके सहयोगी दल लोजपा के नेता भी टिकट की इच्छा पाले हुए हैं.

भाजपा की तरफ से बिहार प्रशासनिक सेवा से सेवानिवृत हुए बेचन राम लगातार कार्यक्रमों में भागीदारी निभा रहे हैं. पूर्व विधायक राम नाथ राम के पुत्र भी टिकट की आस संजोए हुए हैं. लोजपा की तरफ से पिछले चुनाव में पराजित प्रत्याशी छेदी लाल राम समेत पुराने नेता मुखिया निर्भय पासवान भी टिकट का दावा ठोंक रहे हैं.

निर्भय पिछले दस साल से मुखिया हैं भाजपा व लोजपा में कई और चेहरे राजपुर से टिकट पाने की जुगत में लगे हैं. प्रत्याशियों की घोषणा के बाद तसवीर साफ होगी.

इन दिनों

जद यू विधायक लगातार सक्रिय हैं. हर घर दस्तक कार्यक्रम चल रहा. भाजपा, लोजपा भी कार्यक्रमों के जरिये कार्यकर्ताओं की गोलबंदी में जुटी है.

मुद्दा

क्षेत्र का विकास

पेयजल की व्यवस्था का सुदृढ़ नहीं होना

किसानों की समस्या और पटवन की परेशानी

ब्रह्मपुर

प्रत्याशियों की घोषणा का इंतजार

ब्रह्मपुर विधान सभा क्षेत्र पर भाजपा की दिलमणि देवी जीत दर्ज कर विधायक बनीं हैं. पिछले चुनाव में दिलमणि ने भाजपा-जदयू गठबंधन की हवा में अच्छे वोटों से जीत दर्ज की थी. उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी राजद के दिग्गज नेता अजित चौधरी को पराजित किया था.

यहां की भाजपा की राजनीति का एक सिरा डॉ स्वामी नाथ तिवारी से भी जुड़ता है. उनकी उम्र भले ही करीब 60 साल है, लेकिन वे एक बार फिर सक्रिय हो रहे हैं. बिहार व यूपी को जोड़ने वाले पुल को लेकर नैनीजोर में दो बार अनशन कर उन्होंने भाजपा नेतृत्व को अपने जनसमर्थन का एहसास कराया है. वैसे सीटिंग गेटिंग के फॉमरूले में दिलमणि की उम्मीदवारी की मजबूत दावेदारी दिख रही है. महागठबंधन की ओर से अजित चौधरी और सेवानिवृत प्राध्यापक प्रो बलिराज ठाकुर अपना दावा मजबूती से ठोंके हुए हैं.

किस पार्टी के खाते में महागठबंधन में सीट जायेगी, चुनावी समीकरण इस पर भी निर्भर करेगा. कांग्रेस से भाजपा में आये सत्येन्द्र कुंवर भी क्षेत्र में सक्रिय हैं.

इन दिनों

राजनीतिक दल चुनाव की तैयारी कर रहे हैं, तो लोग बाढ़ की आशंका से भयाक्रांत हो बचाव-राहत के बारे में चर्चा व विचार करने में मशगूल हैं.

मुद्दे

रघुनाथपुर रेलवे स्टेशन का विकास नहीं होना

सरकारी कॉलेज का क्षेत्र में नहीं होना

खेती व बिजली की समस्या

क्षेत्र के साथ-साथ दियारा क्षेत्र का विकास,

जर्जर हुईं सड़कें की मरम्मत

डुमरांव

सक्रिय हुए सभी दलों के नेता

डुमरांव विधानसभा सीट पर फिलहाल जदयू के डॉ दाउद अली का कब्जा है. पिछले विखानसभा चुनाव में डॉ दाउद अली ने राजद के सुनील कुमार को पराजित किया था. इस बार के चुनाव में सीटिंग-गेटिंग में वर्तमान विधायक दाउद अली का दावा मजबूत है और अगर जदयू के खाते में सीट रहती है तो फिर से इन्हें ही उम्मीदवारी मिलनी तय है. वैसे महागठबंधन के अन्य घटक के प्रत्याशी भी दावेदारी में पीछे नहीं हैं.

क्षेत्र के समीकरण के हिसाब से राजद की ओर से पप्पू यादव पूरे दमखम के साथ लगे हैं. दूसरी तरफ भाजपा की ओर से डुमरांव राज परिवार के कुमार शिवांग विजय सिंह का दावा है. इन दिनों वे अपने पिता युवराज चंद्र विजय सिंह के साथ नजर आते हैं. वैसे पिछले चुनाव में तीसरे स्थान पर रहे जद सेकुलर के ददन यादव भी इस बार भी मैदान में रहेंगे.

कई बार निर्दलीय लड़ चुके कांग्रेस के मुन्ना तिवारी इस बार भी भाग्य आजमा सकते हैं.प्रत्याशियों की घोषणा के बाद स्थिति स्पष्ट होगी.

इन दिनों

जदयू की ओर से हर घर दस्तक कार्यक्रम चल रहा है. भाजपा के नेता भी क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं. राजद की ओर से भी कार्यक्रम.

मुद्दे

मलई बराज परियोजना का निर्माण पूरा न होना

कानून व्यवस्था की क्षेत्र में लचर स्थिति

औद्योगिक क्षेत्र का विकसित नहीं होना

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