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400 लोगों को बांटी गयी राहत सामग्री बक्सर/ब्रह्मपुर: गंगा के जल स्तर में कमी होने के बाद बाढ़ प्रभावित इलाके के लोगों ने राहत की सांस ली है. हालांकि जल स्तर में कमी के बाद भी बाढ़ से घिरे गांव के लोगों की परेशानियां कम नहीं हुई है. बाढ़ के पानी से घिरे उत्तरी इलाके […]

400 लोगों को बांटी गयी राहत सामग्री

बक्सर/ब्रह्मपुर: गंगा के जल स्तर में कमी होने के बाद बाढ़ प्रभावित इलाके के लोगों ने राहत की सांस ली है. हालांकि जल स्तर में कमी के बाद भी बाढ़ से घिरे गांव के लोगों की परेशानियां कम नहीं हुई है. बाढ़ के पानी से घिरे उत्तरी इलाके के 55 गांवों की आबादी संकट से जूझ रही है. हर दिन बाढ़ से घिरे गांव के लोगों को जीवन से संघर्ष करना पड़ रहा है. पानी से लेकर भोजन के लिए लोगों को परेशानियों से जूझना पड़ रहा है. जिले के उत्तरी इलाके के ब्रहमपुर प्रखंड स्थित नैनीजोर की हालत सबसे दयनीय है. बाढ़ से घिरे गांव के गरीब तबके के लोग दाने-दाने को मोहताज हो गये हैं. बाढ़ प्रभावित गरीबों को राहत नहीं मिल पा रहा है. सिमरी, चौसा और सदर प्रखंड के गांवों में स्थिति आज भी भयावह बनी हुई है. सदर प्रखंड के उमरपुर, मझरिया, गड़नी, करहंसी सहित अन्य गांवों की स्थिति भयावह बनी हुई है. उमरपुर के ग्रामीणों का कहना है कि तटबंध पर पानी के दबाव से जहां ग्रामीण दहशत में हैं वहीं, बाढ़ से गांव में आवागमन पूरी तरह ठप पड़ा हुआ है. चौसा के बनारपुर, नरबतपुर, खिलाफतपुर में बाढ़ से ग्रामीणों की स्थिति बिगड़ने लगी है. सबसे खराब स्थिति उन लोगों की है जो मेहनत मजदूरी कर परिवार की गाड़ी खींचते थे. इधर, जिला प्रशासन की ओर से राहत वितरण का कार्य चल रहा है. सदर प्रखंड के करहंसी गांव में अंचलाधिकारी विजय कुमार सिंह की देखरेख में राहत वितरण का कार्य चलाया जा रहा है. अंचलाधिकारी ने बताया कि करहंसी के अलावा मझरिया, रामो बोरिया के इलाकों में बाढ़ पीड़ितों के बीच राहत का वितरण किया गया है. अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जल स्तर में कमी के बाद ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य कर्मियों को सक्रिय किया गया है ताकि बीमारी से पीड़ित लोगों का इलाज किया जा सके.

नहीं हुआ राहत का वितरण

दियरा के बाढ़ क्षेत्र के जल स्तर में गिरावट के बावजूद बाढ़ की गंभीर समस्या बनी हुई है. प्रशासन के द्वारा मंद गति से राहत व नगद राशि वितरण की जा रही है. राशन का वितरण अब तक किसी भी पंचायत में नहीं किया जा सका है. यातायात पूरी तरह से प्रभावित है. लोगों की खाने पीने की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गयी है. यातायात का एक मात्र सहारा नाव है. जिसके द्वारा दैनिक जीवन में गति देखने को मिलती है. फिर भी नावों की संख्या इतनी कम है कि सभी लोग चाह कर भी दूर के बाजारों नहीं जा पाते हैं. हालांकि, बाढ़ पीड़ितों द्वारा सरकारी सहायता की मांग लगातार जारी है.

पलायन करने को मजबूर

डुमरांव में नदियों के उफान थमने के बाद भी सिमरी व चक्की प्रखंड के दर्जनों गांव बाढ़ से घिरे है़ सरकारी राहत की चिंता छोड़ लोग अब गांव से पलायन कर रहे है़ सिमरी के दादा बाबा डेरा, श्रीकांत राय डेरा, रामदास डेरा, नगपुरा, दुल्लहपुर, सिघनपुरा, डुमरी एवं चक्की के भरियार, चंदा, बिंद टोली, पेड़ा डेरा इत्यादि गांव पानी से पूरी तरह घिरे हुए है़ इन गांवों में आवागमन पूरी तरह ठप है़ गांवों के पीड़ित ग्रामीण नाव के सहारे अपने रिश्तेदारों व अन्य सुरक्षित जगहों पर पलायन कर रहे हैं.

कौमी एकता ने बढ़ाया हाथ

बक्सर जिले में आयी बाढ़ ने हजारों लोगों को तबाह कर दिया है. हर जगह राहत के लिए बाढ़ पीड़ित गुहार लगा रहे है. ऐसे में कौमी एकता दल ने बाढ़ पीड़ितों के बीच राहत सामग्री वितरित कर उनके दुखों को कम करने की सफल कोशिश की. बुधवार को पार्टी के जिलाध्यक्ष रिंकू कुमार यादव के नेतृत्व में बाइ पास रोड स्थित शांति नगर में 400 बाढ़ पीड़ितों के बीच राहत सामग्री का वितरण किया. बाढ़ पीड़ितों के लिए बने 6 केजी के पैकेट में 2 किलो सत्तू , 2 किलो आटा, चना का भुजा, मुढ़ी एवं बिस्किट एवं तिरपाल दिया गया. कार्यक्रम का संचालन मीडिया प्रभारी अजरुन सिंह ने किया. सभा को संबोधित करते हुए शाहाबाद प्रभारी मदन पासवान ने कहा कि सरकार केवल सुशासन का ढ़ोल पीट रही है, जबकि सरकार बाढ़ पीड़ितों की मदद में नाकाम साबित हो रही है. इस अवसर पर जिला उपाध्यक्ष मेराज खान, लक्ष्मण वार्ड पार्षद, मुन्ना चौधरी, राम जी यादव, रूबी, तेतरी देवी, राजू पांडेय, रमल राम, हैपी वर्मा समेत अन्य उपस्थित थी.

धरना पर बैठे पूर्व विधायक

ब्रह्मपुर में उधुरा गांव के गोकुल जलाशय के समीप बाढ़ पीड़ितों के नाव की समस्या को लेकर पूर्व विधायक स्वामी नाथ तिवारी बुधवार से धरना पर बैठ गये हैं. अनुमंडल पदाधिकारी प्रमोद कुमार एवं वरीय पदाधिकारी मनोज कुमार धरना पर बैठे पूर्व विधायक को मनाने के लिए बुधवार की शाम धरना स्थल पर पहुंचे. धरनार्थियों ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में आवागमन की परेशानी को दूर करने की मांग रखी. धरनार्थियों ने बताया कि सरकारी नावों पर बाढ़ पीड़ितों से अवैध वसूली किया जा रहा है. सैकड़ों लोग प्रतिदिन आवागमन करते हैं किंतु नैनीजोर के उधुरा गांव तक आवागमन के लिए मात्र एक नाव का परिचालन हो रहा था. जिससे ग्रामीण में आक्रोश है. उधुरा गांव के समीप घंटों इंतजार करने के बाद कोई नाव नहीं आया तो जनप्रतिनिधि पूर्व विधायक स्वामी नाथ तिवारी के नेतृत्व में धरने पर बैठ गये. एसडीओ ने बाढ़ पीड़ितों से यातायात के नाम पर किये जा रहे अवैध वसूली पर सीओ राज शेखर को फटकार लगायी और एक नाव की वृद्धि करने का निर्देश दिया. साथ ही यह भी निर्देश दिया कि जो मल्लाह अवैध रूप से वसूली कर रहा है. उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करे. ज्ञात हो कि महीनों भर से एक ही नाव के द्वारा आवागमन हो रहा था. जहां लोगों को आवागमन के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है. धरने में नर्वदेश्वर तिवारी, प्रदीप राम, राकेश सिंह, प्रमुख दीपक कुमार, उप प्रमुख अयोध्या सिंह यादव शामिल रहे.

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