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ए-टू-जेड ने ट्रांसफार्मरों में अर्थिग नहीं लगा कर डाला संकट में

लो व हाइ वोल्टेज से जूझ रहे शहरवासी,शिकायतों का निबटारा सिर्फ कागजों में सिमटा बक्सर के शहर के लोग गरमी की शुरू होते ही बिजली की समस्या में से परेशान हो गये हैं. शहर में बिजली की आपूर्ति तो 20 से 21 घंटे प्रतिदिन हो रही है, लेकिन लो-हाइ वोल्टेज की समस्या से घरों के […]

लो व हाइ वोल्टेज से जूझ रहे शहरवासी,शिकायतों का निबटारा सिर्फ कागजों में सिमटा
बक्सर के शहर के लोग गरमी की शुरू होते ही बिजली की समस्या में से परेशान हो गये हैं. शहर में बिजली की आपूर्ति तो 20 से 21 घंटे प्रतिदिन हो रही है, लेकिन लो-हाइ वोल्टेज की समस्या से घरों के सभी इलेक्टॉनिक सामान बंद पड़े हैं. विभाग में इस समस्या को दूर करने के लिए लोग लगातार आवेदन दे रहे हैं, लेकिन विद्युत विभाग के अधिकारी हाथ-पर-हाथ धरे बैठे हैं.
बक्सर : बक्सर शहर के लोग लो वोल्टेज और हाइ वोल्टेज की समस्या से जूझ रहे हैं. लगातार बिजली विभाग को मिली शिकायतों के बावजूद बिजली विभाग विवश एवं लाचार बना हुआ है.
हर मुहल्ले के लोग शिकायतें लेकर बिजली ऑफिस रोज पहुंचे रहे हैं और शिकायतें दर्ज भी हो रही हैं, लेकिन शिकायतों का कोई निदान नहीं निकलता और शिकायत रजिस्टर में बिजली ठीक कर दिये जाने का और समस्या सुलझा लेने का विभाग के कर्मचारी रजिस्टर में अंकित कर देते हैं.
लो वोल्टेज और हाइ वोल्टेज के पीछे मूल कारण ट्रांसफार्मरों में अर्थिग का नहीं होना है. इसके कारण कई घरों के मोटर जल गये हैं, सीएफएल फ्यूज हो गये हैं और कई घरों के पंखे भी जल गये हैं.
इन इलाकों में है सबसे ज्यादा परेशानी : कोइरपुरवा, चीनी मिल, कोइरपुरवा स्थित बाइपास रोड, महात्मा गांधी नगर, बाजार समिति रोड, छोटकी सारिमपुर, काली मंदिर के समीप सोहनीपट्टी, धोबी घाट, सेंट्रल जेल का इलाका, पंजाबी मार्केट और ज्योति प्रकाश चौक का इलाका मुख्य रूप से बिजली संकट ङोल रहा है. जिन घरों में स्टेबलाइजर लगे हैं, वहां किसी तरह स्थिति नियंत्रित हो जा रही है, लेकिन इन क्षेत्रों में आधे से अधिक आबादी पूरी तरह परेशान हैं.
बिजली विभाग के पास मिलनेवाली शिकायतों का आंकलन करें, तो दो दिनों के अंदर शहरी क्षेत्र के 48 से अधिक उपभोक्ताओं ने शिकायतें दर्ज करायी हैं, जिसमें आधे दर्जन से अधिक लो वोल्टेज और हाइ वोल्टेज की परेशानियों को लेकर शिकायतें दर्ज करायी हैं, जिनका कोई निदान तीसरे दिन भी नहीं निकला.
ए-टू-जेड कंपनी को मिला था ट्रांसफॉर्मर लगाने को : इस संबंध में बक्सर जिले में ए टू जेड कंपनी को ट्रांसफॉर्मर लगाने का काम सौंपा गया था.
इस कंपनी को पिछले वर्ष ही काम पूरा कर बिजली विभाग को सारी जिम्मेदारियां सौंप देनी थी, लेकिन इस कंपनी ने आनन-फानन में काम भी कराया और अब तक वित्तीय वर्ष और वित्तीय वर्ष के समापन के बाद भी बिजली विभाग को कोई रिपोर्ट नहीं सौंपी है और तो और जिन जगहों पर ए टू जेड कंपनी ने ट्रांसफॉर्मर लगाये हैं, वहां अर्थिग का काम नहीं कराया, जिसके कारण उन तमाम क्षेत्रों में लो वोल्टेज और हाइ वोल्टेज की समस्या पूरी तरह गंभीर बनी हुई है. अब तक ए टू जेड कंपनी के खिलाफ कार्रवाई भी नहीं हो पायी है. क्योंकि इसने बिजली विभाग को अब तक अपना रिपोर्ट ही नहीं दिया है.
बिजली के कारण सामान खराब होने पर मिलता है मुआवजा : शिकायतों को लेकर बिजली विभाग मुआवजा देता है, लेकिन इस संबंध में जागरूकता का अभाव है. बिजली विभाग ने पिछले दिनों बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स के आरा के अध्यक्ष रहे पद्मराज कुमार जैन को वर्ष 2007 में दायर की गयी शिकायत के आलोक में सात साल बाद कुल 80 हजार 400 रुपये का क्षतिपूर्ति मुआवजा भुगतान करने का आदेश दिया.
विद्युत उपभोक्ता कष्ट निवारण फोरम के अध्यक्ष एमपी श्रीवास्तव और सदस्य जीके श्रीवास्तव की पीठ ने अपना फैसला सुना कर बिजली विभाग को क्षतिपूर्ति भुगतान के लिए विवश कर दिया. बिजली विभाग में हर तरह की शिकायतों और परेशानियों के लिए अलग-अलग मुआवजा और क्षतिपूर्ति राशि देने का प्रावधान बना है सिर्फ एक आवेदन फोरम में देने के बाद विद्युत उपभोक्ता का दावा बन जाता है.
किस सेवा के लिए कितना मुआवजा मिलता है. इसके लिए आवेदन बिहार विद्युत विनियामक आयोग के पास अपील और आवेदन उपभोक्ताओं को करना है. इसके अतिरिक्त नया कनेक्शन लेने, स्वामित्व परिवर्तन करने, मीटर लाइन व ट्रांसफॉर्मर के स्थानांतरण के मामले में भी क्षतिपूर्ति भत्ता विभाग ने तय कर रखे हैं.
मेंटेनेंस के नाम हो रही बिजली कटौती : बिजली विभाग 18 से 20 घंटे बिजली मुहैया कराने का दावा करता है, लेकिन गरमी आते ही विभाग की कलई खुलने लगी है. मेंटेनेंस के नाम पर बिजली की कटौती हो रही है और लोग परेशान हैं. फिलहाल शहर के तीन फीडरों में से स्टेशन फीडर को पिछले कई दिनों से मेंटेनेंस के नाम पर 10 बजे दिन से शाम पांच बजे तक बंद किया जा रहा है, जिसके कारण शहर की एक बड़ी आबादी गरमी में हाथ का पंखा झलने को मजबूर हैं.
वहीं, समाहरणालय की सड़क निर्माण को लेकर लगाये जा रहे खंभे में चल रहे कनेक्शन देने के चलते भी आपूर्ति बंद की जा रही है. जबकि शहर के दो अन्य फीडर आइओसीएल और टाउन फीडर से बिजली की आपूर्ति यथावत चल रही है.
केस-एक : छोटकी सारिमपुर के निवासी संजीत कुमार ने बताया कि उनके ट्रांसफॉर्मर से तीन सौ से लेकर 320 वोल्ट तक सप्लाई हो रही है. पानी का मोटर और घर का पंखा जल चुका है साथ ही कई बल्ब फ्यूज हो चुके हैं और कई उपकरण खराब हो चुके हैं. लगातार शिकायत के बाद भी बिजली विभाग उदासीन बना हुआ है.
क्या कहते हैं कार्यपालक अभियंता
बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता राजीव कुमार ने अपनी लाचारी बतायी और कहा कि लो वोल्टेज और हाइ वोल्टेज की समस्या की जद में ट्रांसफार्मरों का अर्थिग नहीं होना है. जब तक अर्थिग की व्यवस्था नहीं होगी, तब तक वोल्टेज की समस्या शहर में ठीक नहीं हो सकती. उन्होंने कहा कि वैसे यह कार्य पूरा कर पिछले साल ही ए टू जेड कंपनी को दे देना था, जो अब तक नहीं हुआ है, जिससे बिजली विभाग लाचार और बेबस है. उन्होंने यह भी कहा कि मेंटेनेंस का काम भी ए टू जेड कंपनी को ही करना था, जो नहीं हो रहा है.
क्या कहते हैं ए-टू-जेड के कार्यपालक अभियंता प्रोजेक्ट
इस संबंध में ए टू जेड कंपनी के साथ समन्वय रखनेवाले कार्यपालक अभियंता, प्रोजेक्ट दिलीप कुमार चौधरी से जब बातचीत की गयी, तो उन्होंने कहा कि कितने ट्रांसफॉर्मर बक्सर जिले में लगाये गये हैं और कितने में अर्थिग लगी है, इसका पूरा ब्योरा उनके पास उपलब्ध नहीं है. उन्होंने यह कहा कि आंकड़े मिलने के बाद प्रेस को दिये जा सकते हैं.

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