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13 करोड़ दबा आराम से हैं मुखिया
न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद सोलर लाइट मामले में104 पर हुई प्राथमिकी बक्सर : अंधेरे में डूबे जिले के गांवों को रोशन करने के लिए सोलर लाइट की योजना घोटाले की भेंट चढ़ गयी और बक्सर जिले में इस योजना में करीब 13 करोड़ रुपये का घोटाला हो गया. इस घोटाले में आरटीआइ द्वारा मांगी […]
न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद सोलर लाइट मामले में104 पर हुई प्राथमिकी
बक्सर : अंधेरे में डूबे जिले के गांवों को रोशन करने के लिए सोलर लाइट की योजना घोटाले की भेंट चढ़ गयी और बक्सर जिले में इस योजना में करीब 13 करोड़ रुपये का घोटाला हो गया. इस घोटाले में आरटीआइ द्वारा मांगी गयी सूचना के बाद और न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद जिले के 104 लोगों पर प्राथमिकी दर्ज करायी गयी.
प्राथमिकी दर्ज होने के बावजूद मामला उच्च न्यायालय में लंबित रहने के कारण अब तक दोषियों पर कोई कारगर कार्रवाई नहीं हो सकी है. इस मामले की जांच में भी कोई खास प्रगति नहीं हुई है. उल्लेखनीय है कि गांवों को रोशन करने के लिए जिले में सोलर लाइट की खरीद की गयी थी. खरीद में न तो मानक का ध्यान रखा गया और न ही सही क्वालिटी की लाइट खरीदी गयी. टाटा वीपी कंपनी की सोलर लाइट की खरीद जिले में होनी थी, मगर चाइनीज लाइट की खरीद की गयी और वह भी मानक लाइट से ज्यादा की कीमत पर.
सूत्रों का कहना है कि जो खरीदारी की गयी, उसकी कीमत कहीं 38 हजार रुपये तो कहीं 40 हजार रुपये तो कहीं कुछ और कीमत में खरीदी गयी हैं. जबकि टाटा वीपी कंपनी की मानक लाइट की कीमत 26 से 28 हजार रुपये ही थी. कुछ लाइटें पटना के पास भी चांदनी चौक से खरीदी गयीं थीं, जो मानक से काफी घटिया क्वालिटी की हैं. नागरिक अधिकार मंच नामक संस्था ने सूचना के अधिकार के तहत जब जानकारी हासिल की, तो बक्सर जिला प्रशासन की भी नींद उड़ गयी और तब कार्रवाई शुरू हुई. इसी संस्था ने पटना उच्च न्यायालय में मुकदमा भी दायर कर रखा है, जिसका जवाब प्रशासन ने भेज कर अपनी प्रक्रिया पूरी कर दी है.
आश्चर्य तो यह भी है कि पटना के चांदनी चौक मार्केट से खरीदी गयी 40 किलो वजन की एक सोलर लाइट बक्सर तक ढुलाई करके जब लायी गयी, तो उसमें डेढ़ हजार रुपये का भुगतान ढुलाई मद में किया गया और उसके बदले तीन हजार रुपये का बिल भजा लिया गया. प्रशासन के इस खेल में कार्रवाई और जांच की इतिश्री सिर्फ न्यायालय में रिपोर्ट भेज कर दी गयी और खरीद के साथ-साथ ढुलाई में गोलमाल करनेवालों पर अब तक प्रशासनिक लगाम नहीं लग पाया है.
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