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जज बोले, सामूहिक अपराध काला धब्बा, नहीं दिखा सकते उदारता

‍विष्णुदत्त द्विवेदी, बक्सर कोर्ट : योगिया डबल मर्डर केस में अदालत ने फैसला सुरक्षित रखा था, इसलिए इसको लेकर लोग पहले से ही उत्सुक थे. फैसले को लेकर पूरा न्यायालय परिसर खचाखच भरा रहा. फैसला सुनाये जाने के समय न्यायालय के बरामदे एवं इजलास भवन में तिल रखने की भी जगह नहीं थी. अधिवक्ताओं ने […]

‍विष्णुदत्त द्विवेदी, बक्सर कोर्ट : योगिया डबल मर्डर केस में अदालत ने फैसला सुरक्षित रखा था, इसलिए इसको लेकर लोग पहले से ही उत्सुक थे. फैसले को लेकर पूरा न्यायालय परिसर खचाखच भरा रहा. फैसला सुनाये जाने के समय न्यायालय के बरामदे एवं इजलास भवन में तिल रखने की भी जगह नहीं थी.

अधिवक्ताओं ने न्यायालय से गुजारिश करते हुए कहा कि अभियुक्तों में कई युवा हैं तथा उनकी शादी भी नहीं हुई है. लिहाजा उन्हें कम से कम सजा दी जाये, जिससे उनका भविष्य बच सके.
वहीं अभियोजन पक्ष द्वारा इसका जमकर विरोध किया गया. फैसला सुनाये जाने से पहले अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय ज्योति स्वरूप श्रीवास्तव ने कहा कि सामूहिक अपराध समाज पर एक काला धब्बा है, जिससे समाज के साथ-साथ राष्ट्र भी प्रभावित होता है.
ऐसे में संगीन अपराध के मामलों में अदालत उदारता नहीं दिखा सकती. इसके बाद उन्होंने अपना फैसला सुना दिया, जिसके बाद आरोपियों के खेमे में मायूसी पसर गयी. अदालत ने दोषी पाए गए 19 अभियुक्तों में मुख्य अभियुक्त विवेक मिश्रा को हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई.
साथ ही ₹1 लाख 70 हजार का अर्थदंड लगाया. वहीं अन्य 18 अभियुक्तों को 10 -10 वर्षों का कारावास और 70-70 हजार रुपए के अर्थदंड की सजा मिली. फैसले के मुताबिक उक्त राशि का आधा हिस्सा मृतक के परिजनों को दिया जायेगा. न्यायालय ने जिला विधिक सेवा प्राधिकार को विक्टिम कंपनसेशन के तहत और राशि पीड़ित परिवार को देने के लिए पत्र भी लिखा है.
आपसी रंजिश में अंधाधुंध चली थी गोली: ब्रह्मपुर थाना के योगियां गांव में 16 अक्तूबर 2014 को अंधाधुंध गोलीबारी हुई थी, जिसमें दो व्यक्तियों की घटनास्थल पर ही मौत हो गयी थी. सूचक लाल बिहारी यादव ने पुलिस को बताया था कि शाम 5:30 बजे अचानक उसके दरवाजे पर अभियुक्तों ने हथियारों से फायरिंग शुरू कर दी जिसमें नीरज कुमार एवं प्रदीप की मौत हो गई. इस घटना के पीछे आपसी रंजिश वजह बतायी गयी.
22 पर दर्ज हुई थी प्राथमिकी, दो अब भी फरार
घटना को लेकर उसी गांव के रहने वाले कुल 22 लोगों पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी, जिसमें रविंद्र मिश्रा, विवेक मिश्रा, संतोष मिश्रा, पंकज मिश्रा, राकेश मिश्रा, चंदन मिश्रा, सूर्यवंशी यादव, अशोक मिश्रा, प्रदीप मिश्रा, नितेश मिश्रा, शशिशंकर मिश्रा, रामाधार मिश्रा, दीपक मिश्रा, रूपेश मिश्रा, मुकेश मिश्रा, अभिषेक मिश्रा, मुकेश चौधरी, ऋषि मिश्रा, त्रिपुरारी मिश्रा, ओंकारनाथ मिश्रा, सरोज तिवारी, पप्पू मिश्रा एवं राहुल मिश्रा के नाम शामिल हैं.
दो अभियुक्त राजेंद्र मिश्रा एवं कुबेर मिश्रा फरार हो गये, जिनका नाम अलग कर बाकी लोगों के खिलाफ सुनवाई की गयी. फरार अभियुक्तों की तलाश पुलिस द्वारा अब भी की जा रही है. वहीं साक्ष्य के अभाव में एक अभियुक्त रूपेश मिश्रा को न्यायालय ने बरी कर दिया था.

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