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बक्सर : जेल में स्नेह का आंचल, मिलेगी अच्छी तालीम
जेल में बंद महिला कैदियों के बच्चों का भविष्य संवारने की कवायद बक्सर : किसी भी आपराधिक मामले में जेल में बंद महिला कैदियों के लिए सबसे बड़ी चिंता उनके छोटे बच्चे की परवरिश की होती है. बच्चों के पालन-पोषण के साथ-साथ उनकी समुचित शिक्षा नहीं होने का डर भी महिला कैदियों को सताता रहता […]
जेल में बंद महिला कैदियों के बच्चों का भविष्य संवारने की कवायद
बक्सर : किसी भी आपराधिक मामले में जेल में बंद महिला कैदियों के लिए सबसे बड़ी चिंता उनके छोटे बच्चे की परवरिश की होती है. बच्चों के पालन-पोषण के साथ-साथ उनकी समुचित शिक्षा नहीं होने का डर भी महिला कैदियों को सताता रहता है.
ऐसे में सरकार ने जेल में बंद महिला कैदियों के बच्चों को घर जैसा माहौल व बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने की योजना बनायी है. शून्य से छह वर्ष के वैसे बच्चे जो अपनी मां के साथ जेल में रहते हैं, उनकी जिंदगी बदलने के लिए सरकार ने यह पहल की है. कारा प्रशासन अब उन बच्चों को घर जैसे खेलने-कूदने व पढ़ने की पूरी व्यवस्था इसी माह से शुरू करने जा रहा है.
महिला कैदियों के 12 बच्चे रह रहे हैं साथ में महिला कारा में फिलहाल 54 महिला बंदी हैं, जिनके साथ 12 बच्चे भी रह रहे हैं. उन 12 बच्चों को फिलहाल शिक्षा एवं खेल की जानकारी देने के लिए कारा प्रशासन ने ब्लैक बोर्ड, टेबुल, प्लास्टिक के घोड़े-हाथी जैसे खिलौनों के अलावा कॉपी-किताब की खरीदारी करने के निर्देश दिया है.
महिला जेल में खुलेगा प्ले स्कूल, मिलेगा पौष्टिक आहार
महिला जेल में सरकार ने महिला कैदियों के बच्चों को पढ़ने एवं खेलने के लिए प्ले स्कूल खोलने का निर्देश जारी किया है. बक्सर कारा प्रशासन ने बताया कि महिला जेल में बच्चों को खेलने एवं पढ़ने के लिए मैदान की सफाई के साथ-साथ दीवारों पर ज्ञानवर्धक कार्टून व फल-जानवर आदि के चित्र पेंट कराने का निर्देश दिया गया है.
वहीं वार्डों में बच्चों को टीवी पर कार्टून भी दिखाया जायेगा. बच्चों को पौष्टिक आहार भी कारा प्रशासन उपलब्ध करायेगा. सरकार की मंशा है कि जेल में मां के साथ रहनेवाले बच्चों को शिक्षा और खेल के प्रति इतनी रुचि पैदा कर दी जाये कि जब वह जेल से बाहर निकले, तो उन बच्चों को अपने घरों में जाकर आगे की पढ़ाई पूरी करने में कोई परेशानी न हो.
काराधीक्षक बोले
कारा में बंद महिला कैदियों के बच्चों को खेल एवं शिक्षा देने के लिए कवायद तेज कर दी गयी है. एक-दो सप्ताह के अंदर बच्चों को कारा की शिक्षित महिला कैदी एवं कक्षपाल शिक्षा एवं खेल के प्रति जानकारी देने का काम शुरू कर देंगे.
विजय अरोरा, जेल अधीक्षक, बक्सर
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