डुमरांव : पुराना भोजपुर-बिक्रमगंज सड़क स्थित बाजारों में शुमार डुमरांव का राजगोला बाजार आज व्यवसायियों के बीच आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. गोला बाजार का डुमरांव राज ने नगर के चौतरफा विकास के लिए प्रयास किया था. हर तरह से इसे सजने संवारने का कार्य किया गया. साहित्य, सांस्कृतिक, कला, वास्तुकला के क्षेत्र में अथक प्रयास किया गया.
इस संबंध में शिक्षाविद ब्रह्मा पांडेय ने बताया कि तत्कालीन महाराजा बहादुर के द्वारा वाणिज्य व्यवसाय के दृष्टिकोण से लगभग 150 वर्ष पूर्व इसकी नींव रखी गयी थी. इस दौरान राजगोला का निर्माण अपने समय से आगे का कदम था. समय के साथ-साथ राजगोला के आसपास के व्यवसायियों के लिए यह बाजार आकर्षण का केंद्र बनता गया. सुदुर ग्रामीण इलाकों से भी व्यापारी यहां खरीद-बिक्री के लिए पहुंचने लगे हैं. दिन प्रतिदिन बाजार व शहर दोनों का विकास बढ़ता गया. आज इस बाजार में चूड़ी, सिंदूर एवं सौंदर्य के साथ-साथ हर प्रसाधनों के सामान उपलब्ध हैं. अनुमंडल इलाके के अन्य हिस्सों से भी लोग यहां शादी-विवाह सहित अन्य आयोजनों को लेकर खरीदारी के लिए पहुंचते हैं.