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शिक्षकों ने नहीं पी रखी थी शराब, जांच में पुष्टि

15 अगस्त को शराब पीने के आरोप में किये गये थे तीन शिक्षक गिरफ्तार बिना जांच रिपोर्ट के ही विभाग ने सस्पेंशन लेटर थमाया बक्सर : बक्सर में सरकारी महकमे का हाल कहावत वाले राजा की है. जिसका आंख नहीं सिर्फ कान होता है. शिक्षा विभाग ने मेडिकल जांच रिपोर्ट बिना देखे ही कथित रूप […]

15 अगस्त को शराब पीने के आरोप में किये गये थे तीन शिक्षक गिरफ्तार
बिना जांच रिपोर्ट के ही विभाग ने सस्पेंशन लेटर थमाया
बक्सर : बक्सर में सरकारी महकमे का हाल कहावत वाले राजा की है. जिसका आंख नहीं सिर्फ कान होता है. शिक्षा विभाग ने मेडिकल जांच रिपोर्ट बिना देखे ही कथित रूप से शराब के नशे में गिरफ्तार तीन शिक्षकों को सस्पेंशन का लेटर थमा दिया. निर्दोष शिक्षक अपनी बेगुनाही का साक्ष्य लेकर विभाग में फरियाद लगा रहे हैं. मामला उच्च विद्यालय कुकुढ़ा से जुड़ा हुआ है, जहां 15 अगस्त के दिन तीन शिक्षकों को इटाढ़ी थाना पुलिस ने कथित रूप से शराब पीने के आरोप में गिरफ्तार किया था. एफआईआर में कहीं भी यह जिक्र नहीं किया गया कि इन लोगों के पास से किसी प्रकार की शराब की बरामदगी एवं कोई उपकरण(पीने वाला सामग्री) बरामद हुआ है. एफआईआर में सिर्फ यह लिखा हुआ है कि तीनों शिक्षक नशे की हालत में हैं, जिसके आधार पर एफआईआर दर्ज करते हुए मेडिकल जांच करायी गयी और बिना रिपोर्ट देखे जेल भेज दिया गया. जबकि मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार कहीं भी शराब पीने की पुष्टि नहीं हुई है.
क्या है मेडिकल रिपोर्ट : 15 अगस्त, 2017 को रजिस्ट्रेशन नंबर 1563 के आधार पर पुर्जा तैयार किया गया, जहां पकड़े गये शिक्षक विनय चौबे की मेडिकल जांच करायी गयी. मेडिकल जांच में 0.16 अल्कोहल की मात्रा उनके शरीर में बतायी गयी, लेकिन मेडिकल पुर्जे पर यह नहीं लिखा गया कि अल्कोहल की मात्रा जो पायी गयी है, वह शराब पीने से है. जब मेडिकल करनेवाले डॉक्टर ने इसे शराब पीने से इनकार किया, तो बिना शिक्षक के पक्ष को जाने हुए व बिना रिपोर्ट देखे विभाग ने सस्पेंशन लेटर थमा दिया.
एक्सपर्ट की राय : शराब पीने की जांच के लिए पुलिस के पास ब्रेथ एनेलाइजर दिया गया है, जिसके आधार पर वो शराबियों को पकड़ते हैं. इस संबंध में एक्सपर्ट डॉक्टर संजय कुमार ने बताया कि 0.16 जो अल्कोहल की मात्रा आयी है. वह शराब पीने की पुष्टि नहीं करती है. अल्कोहल की मात्रा का मानक 0.09 रखा गया है. फिर भी कुछ दवाएं ऐसी हैं कि जिनके खाने के बाद शरीर में अल्कोहल की मात्रा बढ़ जाती है. इससे यह कतई साबित नहीं होता है कि शिक्षकों ने शराब पी थी. उन्होंने कहा कि अगर इसकी मात्रा 0.20 के ऊपर आता, तो शराब पीने की पुष्टि होती.

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