बिहार में लोगों को अपने गाड़ी का फिटनेस सर्टिफिकेट बनवाने के लिए डीटीओ के चक्कर नहीं लगाने होंगे. बताया जा रहा है कि राज्य भर में अब ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के लिए जिस तरह लोगों को ऑनलाइन स्लॉट बुक करना पड़ता है. इसी तरह अब गाड़ियों का फिटनेस बनाने के लिए भी स्लॉट बुक कराना होगा. इसको लेकर परिवहन विभाग ने निर्देश जारी कर दिया है. स्लॉट बुक कराने पर वाहन मालिकों को समय और जगह दोनों का समय दिया जायेगा. उसी समय पर गाड़ी लेकर पहुंचना होगा. इस प्रक्रिया में फीस तक ऑनलाइन जमा करा सकते हैं. फिलहाल इस प्रक्रिया को ऑफलाइन किया जाता था. इसमें रसीद कटाने व आवेदन करने के लिए लोगों को डीटीओ कार्यालय आना पड़ता था. लेकिन ऑनलाइन व्यवस्था शुरू होने के बाद लोगों को काफी सहूलियत होगी.
मई से शुरू होगी ये व्यवस्था
परिवहन विभाग के मुताबिक मई से ऑटोमैटिक फिटनेस सेंटर में गाड़ियों की जांच हाइटेक मशीनों से किया जायेगा. इसके बाद एमवीआइ गाड़ी को देखकर फिटनेस नहीं दे पायेंगे और सड़क पर फिट गाड़ियां ही चलेगी. गाड़ियों के फिटनेस देने के लिए लगभग 20 से अधिक तरह की जांच मशीनों से होगी और फिटनेस सर्टिफिकेट ऑनलाइन के माध्यम से निकलेगा. इसमें किसी तरह की गड़बड़ी करना मुश्किल होगा और कंडम गाड़ियों पर अंकुश लग पायेगा. अभी गुजरात में पहला ऑटोमैटिक फिटनेस सेंटर काम करने लगा है.
एक सेंटर बनाने में खर्च होंगे 1.5 करोड़ से अधिक रुपये
परिवहन विभाग ने ऑटोमैटिक फिटनेस सेंटर बनाने के लिए लगभग 57 निजी लोगों को स्वीकृति दी है. सेंटर को केंद्र सरकार के परिवहन नियमों के तहत तैयार करना होगा. जिसकी लागत डेढ़ करोड़ से अधिक होगी. विभाग ने इन सभी सेंटर को मई तक शुरू करने का लक्षय रखा है, ताकि लोगों को सहूलियत हो सके. अभी बिहार में गाड़ियों का फिटनेस किसी भी गाड़ी को अधिकारी दूर से देखकर दे देते है, जिसमें पैसों का बड़ा खेल होता है.इस कारण से बिहार में कंडम गाड़ियों की संख्या अधिक है.