पटना. राज्य में आपदा का जोखिम कम करने के लिए आगामी चार वर्षों में 1708 करोड़ खर्च होगा. आपदा प्रबंधन विभाग के माध्यम से यह राशि राज्य आपदा प्रश्मन कोष (एसडीएमएफ) के तहत खर्च होगी. केंद्र प्रायोजित योजना होने के कारण इस राशि में केंद्र सरकार से 75 फीसदी मिलेगी और 25 फीसदी राशि राज्य सरकार खर्च करेगी.
अधिकारियों के मुताबिक इस राशि से आपदा का जोखिम कम करने के लिए जागरूकता अभियान के अलावा वैसे हर काम को किया जायेगा, जिससे लोगों को क्षति कम -से -कम हो.राशि से भूकंपरोधी संरचनाओं का निर्माण होगा, वज्रपात से लोगों को बचाने के लिए नयी तकनीक का उपयोग होगा. वहीं, बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सुझाव पर आपदा के जोखिम कम करने के लिए काम होंगे.
खर्च होने वाली राशि का सामंजन मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित राज्य कार्यकारिणी की समिति तय करेगी. समिति में मुख्य सचिव के अलावा विकास आयुक्त,वित्त विभाग के सचिव व प्रधान सचिव, जल संसाधन विभाग के सचिव व प्रधान सचिव सदस्य होंगे. वहीं, आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव व प्रधान सचिव समिति के संयोजक होंगे.
आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक पहले एसडीआरएफ था. आपदा आने पर इसी योजना से राहत- बचाव कार्य होता था. 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा के आलोक में एसडीआरएफ को दो भागों में बांट दिया गया. एसडीआरएफ में 80 फीसदी राशि खर्च होगी, जबकि आपदा का जोखिम कम करने के लिए एसडीएमएफ में 20 फीसदी राशि खर्च होगी. नया कोष गठित करने के साथ ही इस योजना में खर्च होने वाली राशि का प्रावधान भी तय कर दिया गया है. विभागीय आदेश में कहा गया है कि एसडीएमएफ की राशि प्राकृतिक आपदा, विशेष स्थानीय प्रकृति की आपदा मद में खर्च की जायेगी.
वित्तीय वर्ष केंद्रांश राज्यांश योग
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2022-23 282.20 99.20 396.60
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2023-24 312.20 104.00 416.20
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2024-25 327.80 109.20 437.00
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2025-26 344.20 114.80 459.00
योग 1281.60 427.201708.80