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किसानों को 27 लाख के दिये कृषि यंत्र

दो दिवसीय कृषि यांत्रिकीकरण मेले का किसान गोष्ठी के साथ हुआ समापन आरा : दो दिवसीय कृषि यांत्रिकीकरण मेला सह किसान गोष्ठी का बुधवार को समापन हो गया. समापन के मौके पर किसानों की भीड़ उमड़ पड़ी. दूसरे दिन लगभग 20 लाख रुपये के कृषि यंत्र अनुदानित दर पर किसानों को वितरित किये गये. दो […]

दो दिवसीय कृषि यांत्रिकीकरण मेले का किसान गोष्ठी के साथ हुआ समापन

आरा : दो दिवसीय कृषि यांत्रिकीकरण मेला सह किसान गोष्ठी का बुधवार को समापन हो गया. समापन के मौके पर किसानों की भीड़ उमड़ पड़ी. दूसरे दिन लगभग 20 लाख रुपये के कृषि यंत्र अनुदानित दर पर किसानों को वितरित किये गये. दो दिनों के कृषि यांत्रिकीकरण मेले में सैकड़ों किसानों को लगभग 27 लाख का कृषि यंत्र वितरित किया गया. पहले दिन सात लाख रुपये के विभिन्न कृषि यंत्र किसानों को प्रदान किये गये. मेले में कृषि से संबंधित सामान के लगभग 40 स्टॉल लगाये गये थे.
जिसमें कृषि यंत्र, बीज, सुधा डेयरी आदि के स्टॉल प्रमुख थे. किसानों ने कृषि यंत्रों के संबंध में जानकारी प्राप्त की और दर्जनों किसानों ने कृषि यंत्र के लिए अपना रजिस्ट्रेशन भी कराया. दो दिनों तक चले कृषि मेला में सैकड़ों की संख्या में किसानों ने योजनाओं का लाभ उठाया. इस मेले में निबंधन कराने वाले किसानों को आगामी आयोजित होने वाले मेले में कृषि यंत्र का लाभ प्रदान किया जायेगा. दूसरे दिन 108 किसानों ने कृषि यंत्रों के लिए निबंधन कराया है. जबकि पहले दिन 168 किसानों ने निबंधन कराया था.
किसान गोष्ठी के माध्यम से किसानों को दी गयी कई जानकारियां : कृषि यांत्रिकीकरण मेला में आयोजित किसान गोष्ठी के माध्यम से उपस्थित किसानों को कई तरह की कृषि से संबंधित जानकारी दी गयी. यंत्रों, उर्वरकों के प्रयोग तथा बीज शोधन व उसका निरोपण करने के बारे में बताया गया. इस अवसर पर जिला कृषि पदाधिकारी संजय कुमार तिवारी ने किसानों से रू-ब-रू होते हुए कहा कि कृषि यंत्रों के द्वारा फसल कटाई, मड़ाई, जुताई, बुआई, निराई, गुड़ाई और सिंचाई आदि कार्य सुगमता एवं दक्षता के साथ कम लागत एवं कम समय पर संपन्न किये जा सकते हैं. वहीं यंत्रों के इस्तेमाल से फसल उत्पादन में काफी वृद्धि होती है एवं लाभकारी होती है.
आधुनिक तकनीक से खेती करने से किसानों को आर्थिक तंगी से नहीं गुजरना पड़ेगा. उन्होंने किसानों से कृषि कार्य के लिए आधुनिक तकनीक एवं यंत्रों के इस्तेमाल का अनुरोध किया. उद्यान के सहायक निदेशक वीरेंद्र शंकर सिंह ने उद्यान द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के जानकारी कृषकों को देते हुए कहा कि स्प्रिंकलर सिंचाई से खेती करने से फसलों को काफी लाभ होता है पानी भी बर्बाद नहीं होता. उन्होंने घुलन शील उर्वरक तथा कीटनाशक दवाओं के प्रयोग करने की सलाह किसानों को दी.
कृषि वैज्ञानिक डॉ अनिल कुमार यादव ने दलहनी एवं तेलहनी फसलों में रोग व्याधी एवं कीट नियंत्रण के बारे में बताया. संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन उप परियोजना निदेशक राणा राजीव रंजन कुमार ने किया. इस अवसर पर अनुमंडल कृषि पदाधिकारी अशोक कुमार सिंह, सत्येंद्र नारायण सिंह सहित प्रखंड कृषि पदाधिकारी, कृषि समन्वयक आदि उपस्थित थे.

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