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नियोजन मेले में उमड़े बेरोजगार युवा

आयोजन. 1777 युवाओं ने दिया आवेदन, महज 689 को ही मिल पाया रोजगार, अधिकतर िनराश लौटे कई नियोजकों ने लगाये नियोजन स्टॉल आरा : वीर कुंवर सिंह स्टेडियम में कई नियोजकों द्वारा लगाये गये नियोजन मेले में जिले के बेरोजगार युवकों की भीड़ उमड़ पड़ी. इस दौरान 26 नियोजन इकाइयों द्वारा नियोजन के लिए स्टॉल […]

आयोजन. 1777 युवाओं ने दिया आवेदन, महज 689 को ही मिल पाया रोजगार, अधिकतर िनराश लौटे

कई नियोजकों ने लगाये नियोजन स्टॉल
आरा : वीर कुंवर सिंह स्टेडियम में कई नियोजकों द्वारा लगाये गये नियोजन मेले में जिले के बेरोजगार युवकों की भीड़ उमड़ पड़ी. इस दौरान 26 नियोजन इकाइयों द्वारा नियोजन के लिए स्टॉल लगाये गये थे.पर बेरोजगारों की संख्या के अनुरूप न तो नियोजन इकाइयों की संख्या थी और न ही उसके अनुरूप उन्हें नियोजन ही मिल पाया. इसे लेकर युवाओं में काफी निराशा दिखी. मेले का उद्घाटन श्रम अधीक्षक जगदानंद दुबे ने किया. तीन हजार रिक्तियों के साथ मेले में कंपनियों के आने का दावा किया गया था, लेकिन रोजगार मिला केवल 689 बेरोजगारों को ही. मेले में रेाजगार के लिए युवक-युवतियों की काफी भीड़ जुटी हुई थी. जिन पदों के लिए चयन भी हुआ, वह भी अधिकतर गार्ड के लिए ही. अधिकतर युवक रोजगार मेले से निराश ही लौटे.
26 नियोजन इकाइयों ने लगाये थे स्टॉल : वीर कुंवर सिंह स्टेडियम में बेरोजगार युवकों को रोजगार देने के लिए विभिन्न जगहों से पहुंचे 26 नियोजन इकाइयों ने नियोजन के लिए स्टॉल लगाये थे. इनमें पीपल ट्री वेंचर मुंबई, ग्रो फास्ट ऑर्गेनिक लखनऊ, रैंड स्टैड लर्न एंड अर्न फोर माइनरिटी, रिलायंस लाइफ इंश्योरेंस दिल्ली, जय किशन फर्टिलाइजर, स्कॉर्पिक्स इंडिया लिमिटेड पटना, भारत इंडस्ट्रियल सिक्यूरिटी गुजरात, एलआइसी आरा सहित कुल 26 कंपनियों ने अपने स्टॉल लगाये गये थे.
क्या थी चयन की प्रक्रिया : कंपनियों द्वारा बेरोजगारों की क्षमता एवं कौशल के आधार पर ही चयन किया जा रहा था. कंपनी प्रबंधकों द्वारा बेरोजगार युवाओं से अपनी कंपनी के मानदंडों के अनुसार प्रश्न पूछकर ही उनका चयन किया जा रहा था.
विभागों के दावे साबित हुए गलत : श्रम संसाधन विभाग जिला नियोजन विभाग एवं कौशल विकास कार्यालय द्वारा तीन हजार से अधिक रिक्तियां प्राप्त होने की बात नियोजन मेले में गलत साबित हुई. बेरोजगारों की संख्या के अनुपात में रोजगार नहीं मिल पाया.
1777 बेरोजगारों ने किया आवेदन : रोजगार मेले में 1777 बेरोजगार युवाओं ने रोजगार के लिए आवेदन किया, जबकि मात्र 689 को ही रोजगार मिल पाया. हालांकि रोजगार मेले में बेरोजगार युवाओं की काफी भीड़ थी. स्टेडियम खचाखच भरा हुआ था. पर कुल कितने बेरोजगार मेले में आये, इसके रिकॉर्ड के लिए कोई व्यवस्था नहीं थी.
तीन वर्षों से लगाया जा रहा है जिलास्तर पर नियोजन मेला : बेरोजगारों की बढ़ती संख्या को देखकर सरकार द्वारा विगत तीन वर्षों से जिला मुख्यालय पर रोजगार मेले का आयोजन किया जा रहा है ताकि बेरोजगारों को सुविधाजनक तरीके से रोजगार मिल सके.
क्या रहती है शैक्षणिक योग्यता : नियोजन मेले में बेरोजगार युवकों को रोजगार देने के लिए विभिन्न कंपनियों द्वारा मैट्रिक से लेकर स्नातकोत्तर तथा आइटीआइ जैसी तकनीकी शिक्षा तक का मानदंड तय किया गया था.
छह हजार प्रतिमाह से ऊपर तक का दिया जाता है रोजगार : बेरोजगार मेले में युवकों को छह हजार रुपये प्रतिमाह से लेकर नौ हजार रुपये प्रतिमाह का रोजगार प्रदान किया जाता है.
नियोजन मेले में कौशल विकास प्रबंधक ने युवाओं को दी जानकारी : वीर कुंवर सिंह स्टेडियम में लगाये गये नियोजन मेले में जिला कौशल विकास प्रबंधक अरुण कुमार ने बेरोजगार युवाओं को जानकारी देते हुए कहा कि भोजपुर जिले में कौशल विकास केंद्र तीन जगहों पर स्थापित किया गया है.
इसमें प्रशिक्षण के लिए 15 से 25 वर्ष के युवा ऑन लाइन आवेदन कर सकते हैं. इसके तहत 120 घंटे का बेसिक कंप्यूटर प्रशिक्षण, 80 घंटे का हिंदी-अंगरेजी संवाद कौशल सहित कई तरह के प्रशिक्षण दिया जाता है. स्वयं सहायता भत्ता का भी लाभ युवा ले सकते हैं.
श्रम विभाग, नियोजन कार्यालय व कौशल विकास कार्यालय की देखरेख में हुआ कार्यक्रम
शनिवार को वीर कुंवर सिंह स्टेडियम में नियोजन मेले का उद्घाटन करते श्रम अधीक्षक.
सरकार द्वारा जिला स्तर पर रोजगार के लिए मेला लगाया जाना अच्छी बात है. इससे रोजगार पाने में सुविधा मिलती है.
संजीव कुमार
रोजगार मेले में उतने रोजगार के अवसर उपलब्ध नहीं कराये जाते हैं, जितनी संख्या में बेरोजगार वहां पहुंचते हैं. इससे निराशा होती है.
कामेंद्र कुमार
इंश्योरेंस सेक्टर को छोड़कर बेरोजगार युवतियों के लिए पसंदीदा रोजगार के अवसर मेले में उपलब्ध नहीं रहते हैं.
अनामिका कुमारी
बेरोजगार युवतियों के लिए भी बड़ी संख्या में रोजगार का अवसर उपलब्ध कराया जाये. ताकि युवतियां भी अपने दम पर खड़ी हो सकें.
नीलू कुमारी
क्या कहते हैं अधिकारी
बेरोजगार मेले में मुख्यत: ब्लू कॉलर जॉब उपलब्ध कराया जाता है. केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय स्तर पर नेशनल कैरियर पोर्टल लांच किया है. इस पर बेरोजगार अपना निबंधन करा सकते हैं तथा रोजगार देने वाली कंपनियां भी निबंधन करा सकती हैं. इससे एक-दूसरे की जरूरत की पूर्ति होने में काफी मदद मिलेगी.
निशांत कुमार सिन्हा, जिला नियोजन पदाधिकारी

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