पूरे दिन होता रहा पुलिस व झुग्गीवासियों के बीच ड्रामा
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कब्जा हटाने पहुंची पुलिस से झड़प, महिला जख्मी
पूरे दिन होता रहा पुलिस व झुग्गीवासियों के बीच ड्रामा जमीन की करायी गयी मापी, लगाये गये पिलर झुग्गीवासियों के समर्थन में उतरे पूर्व विधायक आरा : मार्टिन रेलवे की जमीन से विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. एक सप्ताह से अवैध कब्जा हटाने को लेकर पुलिस और झुग्गीवासियों में शह-मात का खेल […]
जमीन की करायी गयी मापी, लगाये गये पिलर
झुग्गीवासियों के समर्थन में उतरे पूर्व विधायक
आरा : मार्टिन रेलवे की जमीन से विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. एक सप्ताह से अवैध कब्जा हटाने को लेकर पुलिस और झुग्गीवासियों में शह-मात का खेल चल रहा है. ऐसे में पुलिस और झुग्गीवासियों के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है.
गुरुवार को भी कब्जा हटाने पहुंची पुलिस के साथ हल्की झड़प हुई, जिसमें एक महिला का सिर फट गया. महिला का सिर फटने के बाद लोग आक्रोशित हो उठे और पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. जमीन की मापी करा कर पिलर लगा दिया गया है. जिसे बाद में झुग्गीवासियों ने उखाड़ दिया.
महिलायें भी भारी संख्या में हाथों में झाड़ू व डंडे लिये नारेबाजी कर रही थी. झुग्गीवासियों के समर्थन में जगदीशपुर के पूर्व विधायक भाई दिनेश उतर आये हैं. उन्होंने कहा कि सरकार पहले इनके रहने की व्यवस्था करें. इसके बाद इन्हें हटाया जाये. अगर ऐसा नहीं किया जाता है, तो व्यापक तौर पर आंदोलन किया जायेगा.
झुगीवासियों के काफी विरोध के बीच पिलर गाड़ा गया.
एक सप्ताह से चल रहा है विरोध प्रदर्शन, हटने को तैयार नहीं: गत एक सप्ताह से अवैध कब्जा हटाने को लेकर पुलिस द्वारा कार्रवाई की जा रही है. वहीं झुगीवासी भी विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. सड़क जाम कर यातायात को भी बाधित कर दे रहे हैं. इसको लेकर मुख्यमंत्री को भी झुगीवासियों ने पत्र भेजा है. भेजे गये पत्र में लोगों ने भू-माफियाओं से जान का खतरा बताया है. वहीं पुलिस को भी इनलोगों के भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है.
झुग्गीवासियो ने कहा, हम कहां जाएं साहब : हाइकोर्ट के निर्देश के बाद पुलिस कब्जा हटाने के लिए तत्पर है. वहीं झुगीवासी हटने को तैयार नहीं हैं. ऐसे में चिल-चिलाती धूप में छोटे-छोटे बच्चे इस तमाशे को देख रहे हैं. झुगीवासी किरण प्रसाद ने कहा कि इस जमीन पर हम 40 साल से हैं. अब हमारा एक पैर कब्र में है. ऐसी स्थिति में हम कहां जायें. मेरे सभी बच्चों के जन्म यहीं पर हुये हैं. अब हमारे बच्चों का भविष्य दांव पर लग गयी है.
सुरेंद्र प्रसाद ने कहा कि हमलोग जब इस जमीन पर रहने आये, तो हम यहीं जानते थे कि यह छोटी लाइन की सरकारी जमीन है. उस समय कोई विरोध नहीं किया. आज सरकार नहीं, बल्कि बड़े-बड़े भू-माफिया गलत ढंग से कागज बनाकर हटने को कह रहे हैं. ऐसे में हम इसका विराध करते हैं. सरकार हमें जमीन दे, तभी हमलोग जमीन छोडेंगे. जबकि विवेक यादव ने कहा कि यह सब ड्रामा प्रशासन और भू-माफिया के गठजोड़ का नतीजा है. जिसे कभी बरदाश्त नहीं किया जायेगा.
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