आरा : कातिल कितना भी शातिर क्यों न हो. कत्ल करने के बाद कोई-न-कोई ऐसा सुराग छोड़ देता है, जिसके बल पर पुलिस उस कातिल तक पहुंच ही जाती है. ऐसा ही एक और मामले का भोजपुर पुलिस ने खुलासा किया है. मृतक महिला के हाथ पर गोदना और चप्पल ने असली कातिल तक पहुंचा […]
आरा : कातिल कितना भी शातिर क्यों न हो. कत्ल करने के बाद कोई-न-कोई ऐसा सुराग छोड़ देता है, जिसके बल पर पुलिस उस कातिल तक पहुंच ही जाती है. ऐसा ही एक और मामले का भोजपुर पुलिस ने खुलासा किया है. मृतक महिला के हाथ पर गोदना और चप्पल ने असली कातिल तक पहुंचा दिया.
सबसे पहले इस मामले में पीरो थाना क्षेत्र के ओराईं गांव निवासी राजेश कुमार सिंह को गिरफ्तार किया, तो मामला पूरी तरह से साफ हो गया. महिला की पहचान उतर प्रदेश के इलाहाबाद जिले के कोरांव थाना अंतर्गत बितनीटोला-कुकरहटा गांव निवासी अजय कुमार सिंह की पत्नी रीता देवी के रूप में की गयी. मृतक महिला का पति फरार चल रहा है, जिसकी गिरफ्तारी को लेकर पुलिस लगी हुई है.
इस संबंध में धनगाई थानाध्यक्ष मोहन कुमार ने बताया कि रीता देवी के पति का अपनी भाभी से अवैध संबंध में थे, जिसका वह विरोध करती थी. हत्या के चार रोज पहले अजय कुमार सिंह अपनी पत्नी को लेकर बक्सर जिले के सिकरौल लख स्थित ससुराल बाबू-इंगलिस आया हुआ था. जहां अपने फूफा के बच्चों के साथ मिल कर हत्या की साजिश रच डाली. इसके बाद 10 अप्रैल को अपने घर ले जाने की बात कहकर अपने फूफा के घर ओराई टोला गया
और वहां से अपनी पत्नी को लेकर धनगाई थाना क्षेत्र के इलाके में आया. अजय और राजेश कुमार अपने साथियों के साथ मिल कर धारदार हथियार से गला रेतकर उसकी हत्या कर दी. हत्या करने के बाद साक्ष्य को छुपाने के उद्देश्य से शव को दिलीपपुर गांव के बधार में फेंक दिया, ताकि उसकी शिनाख्त नहीं हो सके. लेकिन कातिलों की छोटी सी गलती ने मामले का पूरी तरह से खुलासा कर दिया. अवैध संबंध का विरोध करना रीता देवी को महंगा पड़ गया और इसकी कीमत जान देकर चुकानी पड़ी.