होली मनाएं, पर रंग में भंग न हो
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सावधानी. नकली रंग से आंखों में जलन, सिर में खुजली
होली मनाएं, पर रंग में भंग न हो होली का त्योहार उमंग व उत्साह के साथ मनाएं . इस बात का खास ख्याल रखें कि कहीं रंग में भंग न पड़ जाये. केमिकलयुक्त नकली रंग के इस्तेमाल से आंखों मे जलन, सिर में खुजली व चेहरे पर सूजन हो सकती है, जिससे गंभीर बीमारियों के […]
होली का त्योहार उमंग व उत्साह के साथ मनाएं . इस बात का खास ख्याल रखें कि कहीं रंग में भंग न पड़ जाये. केमिकलयुक्त नकली रंग के इस्तेमाल से आंखों मे जलन, सिर में खुजली व चेहरे पर सूजन हो सकती है, जिससे गंभीर बीमारियों के शिकार भी हो सकते हैं.इसलिए कोशिश करें कि अच्छी क्वालिटी की अबीर-गुलाल की ही खरीदारी करें.
आरा : होली मानसिक शुद्धि, उमंग, मस्ती, शांति, भाईचारा और आपसी सौहार्द्र का उत्सव है और हमारी सनातन परंपरा भी यही है. अगर इन परंपराओं से जरा भी हटकर होली मनाते हैं, तो इसे हुड़दंग ही कहा जायेगा. प्राय: देखा जाता है कि लोग होली मनाने के नाम पर उसे हुड़दंग में बदल देते हैं. कोई किसी पर रंग की जगह मोबिल, ग्रिस, पेंट्स, मिट्टी, बालू, किचड़, नाले का गंदा पानी आदि डाल देते हैं. जिससे लोग गंभीर रूप से जख्मी हो जाते हैं.
अत: होली के रंग में भंग न हो, इसका अवश्य ख्याल रखना चाहिए. रंग व अबीर-गुलाल की खरीदारी में भी बहुत सावधानी बरतने की जरूरत है. रंग व अबीर-गुलाल भी बाजारों में नकली बिक रहे हैं, जिसमें केमिकल की मात्रा अधिक होती है. उसे किसी के चेहरे पर लगा दें, तो आंखों में जलन, सिर में खुजली व चेहरे पर सूजन हो जाती है. इसलिए रंग व अबीर-गुलाल की खरीदारी में काफी सावधानी बरतने की आवश्यकता है. वहीं दूसरी ओर आज धरती का जलस्तर तेजी से नीचे जा रहा है. कई इलाकों में पेयजल का संकट गहरा गया है. इसलिए यह भी जरूरत है कि अधिक-से-अधिक सूखी होली मनायें, ताकि रंगों को साफ करने में ज्यादा पानी का इस्तेमाल न हो.
मोबिल, डीजल, ग्रिस, पेंट्स, कीचड़ न फेंकें : होली शांति का त्योहार है. रंग के साथ सादगीपूर्ण होली मनाएं. अगर कोई सहमत हो, तभी उस पर रंग डालें. और सिर्फ रंग ही डालें, मोबिल, ग्रिस, पेंट्स, डीजल, किचड़ या नाले का गंदा पानी नहीं डालें, अन्यथा आपके डालने से अगले व्यक्ति को नुकसान होगा, इससे आपकी आपकी होली खराब भी हो सकती है.
रंग व अबीर-गुलाल की खरीदारी में बरतें सावधानी : बाजार में महंगे और सस्ते अनेक प्रकार के रंग व अबीर-गुलाल बिक रहे हैं. लाल-हरा-पीले रंग स्थापित कंपनियों की क्वालिटीपूर्ण रंग ही खरीदें, भले ही दो रुपये महंगा ही मिले. केमिकलयुक्त नकली रंग के इस्तेमाल से आंखों मे जलन, सिर में खुजली व चेहरे पर सूजन हो जाती है.
इसके कारण गंभीर बीमारी भी हो सकती है. वहीं अबीर-गुलाल भी कभी खुले रूप में बिक रहे हैं. जो कम पैसे में ही ज्यादा देने की बातें करते हैं. लेकिन उसकी क्वालिटी अच्छी नहीं होती है. उसके इस्तेमाल से चेहरे की त्वचा छिल जाती है और जलन व सूजन भी आ जाती हैं. अगर वह आंखों में चली जाये, तो आपकी आंखों की रोशनी भी जा सकती है. इसलिए कोशिश करें कि पैकेट में बंद अच्छी क्वालिटी की अबीर-गुलाल की ही खरीदारी करें.
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