आरा : जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन ने गुरुवार को कारा में संयुक्त औचक छापेमारी की, जिसमें पुलिस ने आठ मोबाइल, आठ मोबाइल चाजर्र, हेरोइन की सात पुड़िया सहित कई आपत्ति जनक समान व जेल से भागने के लिए उपयोग में लाये जाने वाले छेनी-हथौड़ी पुलिस ने बरामद किया.
वहीं छापेमारी के दौरान सिविल कोर्ट बम ब्लास्ट कांड में जेल में बंद कुख्यात लंबू शर्मा के पास से 5100 रुपये बरामद किया गया. छापेमारी टीम का नेतृत्व सदर एसडीओ अनिल कुमार व सदर एसडीपीओ विनोद कुमार राउत कर रहे थे. डीएम पंकज कुमार पाल व एसपी नवीन चंद्र झा को गुरुवार की अहले सुबह करीब चार बजे गुप्त सूचना मिली की जेल में बंद बंदियों के पास आपत्तिजनक समान है.
जेल से भगाने की थी योजना!
पहले से दो बार कोर्ट से पुलिस को चकमा देकर फरार हो चुका कुख्यात लंबू शर्मा का फूलप्रुफ प्लान तैयार कर तीसरी बार भी जेल से भागने की योजना तैयार हो चुकी थी, लेकिन ऐन वक्त पर गुरुवार की अहले सुबह पुलिस ने मंडल कारा में छापेमारी कर उसके तथा उसके साथियों द्वारा बनाया गया प्लान फेल हो गया.
मंडल कारा में छापेमारी के दौरान सिविल कोर्ट बम ब्लास्ट के मास्टर माइंड लंबू शर्मा के कमरे से छेनी और हथौड़ी बरामद की गयी, जो जेल ब्रेक करने के लिए काफी थे. कैसे मंडल कारा में छेनी व हथौड़ी पहुंच गयी. यह लंबू शर्मा के लिए मंगायी गयी थी अथवा किसी और बंदी ने जेल से भागने के लिए इस लोहे के उपकरण को मंगाया था. बहरहाल, यह जांच का विषय है.
कारा प्रशासन ने की कार्रवाई
कोर्ट बम ब्लास्ट के मास्टर माइंड लंबू शर्मा को कारा प्रशासन ने एक वार्ड से हटा कर सेल में डाल दिया गया है.
यह कार्रवाई शुक्रवार को मंडल कारा में छापेमारी के दौरान लंबू शर्मा के पास कई आपत्तिजनक सामान बरामद किये गये थे. इस घटना के बाद कारा प्रशासन सकते में आ गया. कारा आइजी के आदेश पर शुक्रवार की देर रात को लंबू शर्मा को सेल में डाल दिया गया है. बता दें कि कारा प्रशासन ने सुरक्षा के ख्याल से यह कार्रवाई की है.
आरा : 23 जनवरी, 2015 को कोर्ट बम कांड के दौरान पुलिस के एक जवान समेत दो की मौत हो गयी थी, जबकि कुछ लोग जख्मी हो गये थे. बम विस्फोट के दौरान लंबू शर्मा समेत दो अपराधी पुलिस की हिरासत से फरार हो गये थे. इसमें लंबू शर्मा को दिल्ली से गिरफ्तार किया था.
पुलिस ने लंबू शर्मा के स्वीकारोक्ति बयान व कॉल डिटेल के आधार पर अप्राथमिकी अभियुक्त बनाते हुए विधायक सुनील पांडेय को गिरफ्तार किया था. विधायक की ओर से अधिवक्ता सत्येंद्र सिंह दारा ने सीजेएम कोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल की थी.
सुनवाई के दौरान सीजेएम ने पुलिस से केस डायरी की मांग की थी. कोर्ट में डायरी आने के बाद अभियुक्त के अधिवक्ता भुनेश्वर तिवारी व सत्येंद्र सिंह दारा ने बहस की. अधिवक्ता भुनेश्वर तिवारी ने कहा कि डायरी में विधायक के खिलाफ हत्या का कोई ठोस साक्ष्य नहीं है. साथ ही मुख्य आरोपित लंबू शर्मा के स्वीकारोक्ति बयान का कानून साक्ष्य नहीं है.
पुलिस ने लंबू शर्मा को कोर्ट में बयान दर्ज नहीं कराया है. जेल में विधायक सुनील पांडेय समिति के साथ चेयरमैन होने के नाते गये थे, जबकि जिला अभियोजन पदाधिकारी ने विधायक सुनील पांडेय के जमानत का विरोध किया. सुनवाई के बाद सीजेएम ने कहा कि विधायक के खिलाफ कौन-सी धारा बनती है वह ट्रायल के समय देखा जायेगा. पुलिस ने 302 व अन्य धाराओं सहित विस्फोटक धारा लगाया है. इसलिए जमानत अर्जी खारिज की जाती है.