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अंडा उत्पादन फार्म हाउस खोलकर अनीश बने रोल मॉडल

राजपुर : जिले में पारंपरिक खेती से अलग एक किसान ने अंडा उत्पादन का व्यवसाय शुरू किया है. अंडा उत्पादन से न केवल किसान की आर्थिक आय में वृद्धि होगी, बल्कि जिले व आसपास के जिलों में अंडा के मामले में निर्भरता कम होगी. इसकी आधारशिला प्रखंड मुख्यालय से महज पांच किलोमीटर दक्षिण तियरा गांव […]

राजपुर : जिले में पारंपरिक खेती से अलग एक किसान ने अंडा उत्पादन का व्यवसाय शुरू किया है. अंडा उत्पादन से न केवल किसान की आर्थिक आय में वृद्धि होगी, बल्कि जिले व आसपास के जिलों में अंडा के मामले में निर्भरता कम होगी. इसकी आधारशिला प्रखंड मुख्यालय से महज पांच किलोमीटर दक्षिण तियरा गांव में रखी गयी है. अंडा उत्पादन में लागत की अपेक्षा ज्यादा आय होती है. बक्सर लेयर फार्म हाउस की क्षमता एक ग्यारह हजार अंडों की प्रतिदिन है.
इसके साथ ही अंडे का बाजार स्थानीय स्तर पर उपलब्ध है. इसको देखते हुए तियरा निवासी अनीश ने इसकी शुरुआत की है. किसान अनीश 2012 में दिल्ली स्थित जामिया हमदा यूनिवर्सिटी से मैनेजमेंट कोर्स से स्नातकोत्तर की पढ़ाई किये हैं. अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी की बजाय कृषि कार्य की शुरुआत की. अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी विजय प्रकाश की सलाह पर इन्होंने मुर्गी पालन कर प्राकृतिक अंडा उत्पादन करने का निर्णय लिया. आज अनीश के फार्म हाउस की शुरुआत हो चुकी है. शीघ्र ही अंडा निकलना पोल्ट्री फार्म से शुरू हो जायेगा. अंडा उत्पादन व्यवसाय में लागत की अपेक्षा दो गुना आय होगी. आज जिले के अन्य किसानों के लिए अनीश रोल मॉडल बन चुके हैं. जिले के अन्य पशुपालकों में अंडा उत्पादन केंद्र खोलने को लेकर सुगबुगाहट शुरू हो चुकी है. ऐसे व्यवसाय के लिए सरकार द्वारा अनुदान भी दिया जाता है.
लागत से दोगुनी होती है आय: अंडा उत्पादन व्यवसाय को लेकर वर्ष 2014 में अनीश अपने गांव लौटे और 2017 में पशुपालन विभाग द्वारा 15 दिवसीय प्रशिक्षण प्राप्त किया. इसके बाद बक्सर लेयर फार्म हाउस की आधारशिला रखी गयी. जो बनकर पूर्ण रूप से तैयार हो गया तथा मुर्गी फार्म हाउस में पाले जा चुकी है. जिले में शीघ्र ही अंडा उत्पादन का कार्य शुरू भी हो जायेगा. इन दिनों 11 हजार मुर्गी पालने में करीब 750 प्रति दिन का खर्च हो रहा है. यह खर्च आने वाले दिनों में दोगुना हो जायेगा. बाजार में थोक भाव से पांच की दर से अंडे की बिक्री होती है. इस तरह प्रतिदिन 55000 की आय होगी. इस तरह मुर्गी अंडा उत्पादन से लाखों में आये प्रतिवर्ष की जा सकती है. मुर्गी पालन के चार महीने में अंडे का उत्पादन शुरू हो जाता है.
स्थानीय स्तर पर है बाजार उपलब्ध: अंडे की खपत गांव से लेकर बड़े नगरों तक है. इसको देखते हुए जिले में उत्पादित अंडे की खपत स्थानीय स्तर पर आसानी से हो जायेगी. स्थानीय स्तर पर उत्पादित अंडे शीघ्र ही बाजार में आने के कारण ये अंडे ताजे होंगे.
एक मुर्गी से 370 से 380 अंडे होते हैं प्राप्त
मुर्गी फ्रांस की हाइब्रीड कंपनी की है. जो अपने पूरे जीवन काल में 370- 380 अंडा देगी. प्रत्येक 26 घंटे के बाद मुर्गी एक अंडा देगी. जैसे-जैसे बच्चे बढ़ेंगे उसके अनुपात में चारा बढ़ने के अनुसार खर्च बढ़ता है़. लेयर हाउस में अभी लगभग छह लोगों का रोजगार दिया है़ इस क्षेत्र में इस तरह का यह पहला केंद्र है. जहां पर प्रत्येक दिन साढ़े दस हजार प्राकृतिक अंडा एक दिन में तैयार होगा. जिससे राजपुर भी आंध्र प्रदेश की तरह अंडे की टोकरी हो जायेगा. यहां का ताजा अंडा बक्सर, रोहतास, कैमूर सहित निकटवर्ती प्रदेश उत्तर प्रदेश में भी जायेगा.

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