भागलपुर: राजा यादव के नाम सुनते ही साहेबगंज इलाके के लोग कांप उठते हैं. पिछले दो साल में राजा तीन लोगों की हत्या कर चुका है. लेकिन एक भी मामले में उसकी गिरफ्तारी नहीं हुई.
14 मार्च 2012 को गांधी यादव के बड़े भाई कारू यादव उर्फ कारे यादव उर्फ राजकुमार यादव की साहेबगंज चौक पर गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी. इस मामले में कारू के भाई दिनेश यादव के बयान पर सिकंदर यादव, कैलू यादव, जमुना यादव, राजा यादव, रंजीत यादव, कोलो यादव, छोटन यादव, गड्डू यादव के खिलाफ हत्या, आर्म्स एक्ट का मामला दर्ज किया गया था. मामले में राजा को छोड़ सभी आरोपित को पुलिस ने गिरफ्तार भी किया था. राजा के खिलाफ न्यायालय से कुर्की-जब्ती का आदेश हुआ था. अबतक राजा पुलिस की पकड़ से बाहर है. इस केस के आइओ तत्कालीन विश्वविद्यालय थानाध्यक्ष शमशेर अली थे. सारे आरोपितों के खिलाफ आइओ ने न्यायालय में आरोप-पत्र समर्पित किया था.
11 नवंबर 2013 को राजा यादव ने माले रामदेव यादव की घर में घुस कर हत्या कर दी थी. राजा ने रामदेव पर दबाव दिया था कि वह कारू यादव की हत्या के मामले में मध्यस्था करे और केस में समझौता करा दे. लेकिन रामदेव ने ऐसा करने से इनकार कर दिया था. इस कारण रामदेव की बेहरमी से हत्या कर दी गयी. इस मामले में भी राजा की गिरफ्तारी नहीं हो पायी. पुलिस ने उसके घर कुर्की-जब्ती की, लेकिन राजा अब भी पुलिस पकड़ से बाहर है. इसी का परिणाम है कि राजा ने पुन: साहेबगंज इलाके में गांधी यादव की लॉज में घुस कर गोली मार कर हत्या कर दी. गांधी पर भी केस में समझौता करने का दबाव राजा बना रहा था.