विश्वविद्यालय प्रशासन ने पहले तो चिट्ठी लिख कर कंपनी से कॉपी की मांग की. इस मांग की पूर्ति नहीं होने पर राशि लौटाने के लिए कंपनी को करीब एक दर्जन बार रिमाइंडर भेजा गया. मगर कंपनी ने इसका भी कोई जवाब नहीं दिया. वित्त व ठेका कमेटी की पिछली बैठक में कंपनी से ब्याज समेत राशि वसूलने का निर्णय लिया गया था. कंपनी द्वारा अभी तक यह राशि नहीं लौटायी गयी है. जानकारी के मुताबिक कंपनी का अब कोई अता-पता नहीं चल पा रहा है. अब कंपनी के खिलाफ विश्वविद्यालय प्रशासन कानून के दरवाजे पर दस्तक देनेवाला है.
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कंपनी 26 लाख डकार गयी, विवि प्रशासन करायेगा प्राथमिकी
भागलपुर : 26 लाख डकारने वाली कंपनी के खिलाफ टीएमबीयू प्रशासन एफआइआर दर्ज करायेगा. दो वर्ष पूर्व विश्वविद्यालय द्वारा पटना की एचपीसी कंपनी को उत्तरपुस्तिकाएं देने के लिए राशि तो थमा दी गयी पर कॉपी आज तक नहीं मिल पायी. विश्वविद्यालय प्रशासन ने पहले तो चिट्ठी लिख कर कंपनी से कॉपी की मांग की. इस […]
भागलपुर : 26 लाख डकारने वाली कंपनी के खिलाफ टीएमबीयू प्रशासन एफआइआर दर्ज करायेगा. दो वर्ष पूर्व विश्वविद्यालय द्वारा पटना की एचपीसी कंपनी को उत्तरपुस्तिकाएं देने के लिए राशि तो थमा दी गयी पर कॉपी आज तक नहीं मिल पायी.
विश्वविद्यालय प्रशासन ने पहले तो चिट्ठी लिख कर कंपनी से कॉपी की मांग की. इस मांग की पूर्ति नहीं होने पर राशि लौटाने के लिए कंपनी को करीब एक दर्जन बार रिमाइंडर भेजा गया. मगर कंपनी ने इसका भी कोई जवाब नहीं दिया. वित्त व ठेका कमेटी की पिछली बैठक में कंपनी से ब्याज समेत राशि वसूलने का निर्णय लिया गया था. कंपनी द्वारा अभी तक यह राशि नहीं लौटायी गयी है. जानकारी के मुताबिक कंपनी का अब कोई अता-पता नहीं चल पा रहा है. अब कंपनी के खिलाफ विश्वविद्यालय प्रशासन कानून के दरवाजे पर दस्तक देनेवाला है.
12 रुपये की कॉपी पांच रुपये में खरीदी : कॉपी खरीद में टीएमबीयू में अर्से से गड़बड़ी हो रही है. विश्वविद्यालय के प्रेस में समय पर कॉपी नहीं छपवायी जाती है. परीक्षा की घोषणा के बाद आनन-फानन में कॉपी खरीदी जाती रही है. कुछ माह पहले तक 12 रुपये में कॉपी खरीदी गयी. वीसी प्रो नलिनी कांत झा ने महज 5 रुपये में कॉपी खरीद कर सिस्टम को आइना दिखाया है.
डीएनएस कॉलेज रजौन के प्रिंसिपल को 50 हजार जुर्माना
भागलपुर : डीएनएस कॉलेज रजौन के प्रिंसिपल डॉ महेश प्रसाद सिंह पर 50 हजार रुपया जुर्माना ठोका गया है. कॉलेज द्वारा बॉयोलॉजी की छात्रा का फिजिक्स में एडमिशन कर लिया गया. छात्रा ने तीनों पार्ट की परीक्षा भी दे दी. मगर रिजल्ट रुक गया. एक्जामिनेशन बोर्ड के पास भी मामला आया पर रिजल्ट क्लीयर नहीं हुआ. कॉलेज के इस गड़बड़ी का खामियाजा छात्रा को भुगतना पड़ा. तीन सालों की मेहनत के बावजूद उनका कैरियर संवर नहीं पाया. वीसी प्रो एनके झा ने सख्त निर्णय लेते हुए डीएनएस कॉलेज के प्रिंसिपल को इसके लिए 50 हजार जुर्माना ठोका है. उनके वेतन से इस राशि की कटौती कर विश्वविद्यालय कल्याण कोष में जमा करवाया जायेगा. दर्जनों कॉलेजों में इस तरह की गड़बड़ी हो रही है, जिससे छात्रों का भविष्य बरबाद हो रहा है. विवि प्रशासन की मानें, तो पहला मामला था इसलिए 50 हजार ही जुर्माना किया गया. आगे से गलती होने पर दो लाख तक जुर्माना किया जायेगा.
डीएनएस कॉलेज के प्राचार्य पर 50 हजार का जुर्माना लगाया गया है. उन्होंने एक छात्रा को बिना विषय चेक किये सेंटप किया. स्पष्टीकरण के जवाब में प्राचार्य ने कहा कि टेबलेटर की गलती है, जबकि टेबलेटर सिर्फ मार्क्स चेक करता है. यह सिर्फ शुरुआत है. इस तरह की गलती पकड़े जाने पर किसी को छोड़ा नहीं जायेगा.
प्रो नलिनी कांत झा, कुलपति, टीएमबीयू
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