भागलपुर: वोट देना हमारा अधिकार ही नहीं बल्कि कर्तव्य है. वादे तो सभी करते हैं पर चुनाव नतीजे सामने आते ही वो अपने वादे भूल जाते हैं. हमारे शहर में सड़क की हालत जजर्र, शिक्षा व्यवस्था, बिजली की समस्या है. सबसे अहम सवाल महिलाओं की सुरक्षा का है. ये बातें पीजी गर्ल्स हॉस्टल में रहनेवाली छात्रओं ने कहीं. सबका कहना था एक जिम्मेदार नागरिक को लोकतंत्र के इस महापर्व में शामिल जरूर होना चाहिए. इन छात्रओं से बातचीत के अंश.
निधि कुमारी कहती है कि लड़कियों की सुरक्षा की जो गारंटी दे उसी को वोट दूंगी. महंगाई के कारण पढ़ाई और रहने का खर्च ज्यादा हो गया है. कोमल कहती हैं कि हमारे देश में परिवर्तन की जरूरत है. महिलाएं सुरक्षित नहीं होने के कारण आत्मनिर्भर नहीं हो पा रही हैं. उन्हें सुरक्षा देनेवाले को ही मैं वोट करूंगी. नियति शर्मा भ्रष्टाचार को गंभीर समस्या मानते हुए कहती हैं कि भ्रष्टाचार के कारण कई युवाओं का कैरियर अंधेरे में हैं. शिक्षा, रोजगार हर जगह भ्रष्टाचार की जड़ें मजबूत हैं. ग्रामीण छात्रों के लिए भी कई सुविधाएं होनी चाहिए. सरकारी शिक्षा की दशा में भी सुधार की जरूरत है.
प्रियंका झा का कहना है कि जो प्रगति की ओर सोचे और उसे अमलीजामा पहनाये हम वैसे ही सरकार को चुनेंगे. वहीं रश्मि कुमारी महिला आरक्षण की बात करते हुए कहती हैं कि महिलाओं के 50 प्रतिशत आरक्षण की बात तो की जाती है पर वो अभी भी कागजी रूप में ही है. नयी सरकार को महिला सशक्तीकरण के मुद्दे पर काम करना चाहिए. रोटी, कपड़ा ओर मकान ये तीन मूलभूत आवश्यकताएं हैं. इसे तो पूरा करना ही चाहिए. साथ ही शिक्षा की नीतियों में सुधार लानेवाला हमारा जनप्रतिनिधि हो. ये कहना है रिचा का. उषा किरण कहती हैं कि देश के विकास को अवरुद्ध करनेवाला भ्रष्टाचार है. वहीं श्वेता सत्यम व निधि कहती हैं कि लड़कियां सुरक्षा नहीं होने के कारण आगे नहीं बढ़ पाती हैं. साथ ही उन्हें हर जगह पर दबाने की कोशिश की जाती है. हमारा जो भी जन प्रतिनिधि हो वो विधि व्यवस्था को दुरुस्त करनेवाला हो. शोभा कहती है कि लड़कियों का शोषण नहीं हो ऐसा ठोस कानून एक यूथ ही ला सकता है. हमारा प्रतिनिधि एक युवा ही होना चाहिए.
चंदा कहती हैं कि देश तरक्की में बहुत पीछे है अगर हमें दूसरे देश की तुलना में खड़े रहना है तो एक सही सोचवाले प्रतिनिधि की जरूरत है. रश्मि गुप्ता कहती हैं कि वादा नहीं जमीनी काम करनेवाले को अपना वोट दूंगी. अर्चना कुमारी कहती हैं कि हमारा विवि कई समस्याओं से जूझ रहा है. शिक्षा के क्षेत्र में काफी पिछड़ा है. यहां जॉब की सुविधा नहीं है. इन समस्याओं को सुलझाने वाले को ही मैं अपना कीमती वोट दूंगी.