कहलागांव: एनटीपीसी में उत्सजिर्त राख के बढ़ते भंडार की खपत बढ़ाने के लिए एक एक्शन प्लान की आवश्यकता है. इसके लिए एनटीपीसी को अपने आसपास सीमेंट फैक्टरी लगाने, सड़क निर्माण में मिट्टी भराई की जगह राख भरने, गड्ढे भरने के लिए राख का उपयोग करने की आवश्यकता है. ये बातें बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के अध्यक्ष डॉ सुभाष चंद्र सिंह ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहीं.
उन्होंने एनटीपीसी प्रबंधन से कहा कि परियोजना के सौ किलोमीटर के दायरे में जितने भी ईंट भट्ठे हैं उनमें 25 प्रतिशत राख का उपयोग आवश्यक रूप से हो, इसके लिए प्रयास करें. उन्होंने इसके लिए एनटीपीसी द्वारा किये जा रहे कार्यो को संतोषप्रद बताया. डॉ सिंह ने कहा कि कहलगांव को प्रदूषण मुक्त रखने के लिए राख बोरियों की अनियंत्रित ढुलाई को गंभीरता से लेन की जरूरत है.
पर्यावरण संरक्षण के उपायों का लिया जायजा : डॉ सुभाष चंद्र सिंह ने कहलागांव एनटीपीसी का दौरा किया. उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के लिए एनटीपीसी द्वारा किये जा रहे उपायों का निरीक्षण किया तथा अन्य गतिविधियों का जायजा लिया. श्री सिंह ने एनटीपीसी में पौधरोपण, एनटीपीसी टाउनशिप एरिया से निकलने वाले खाद्य कचरों से वर्मी कंपोस्ट बनाने के लिए तैयार किए गये प्रोजेक्टर का उदघाटन किया.
ऐश ब्रिक्स निर्माण कार्यशाला का उदघाटन : डॉ सिंह ने राख उपयोगिता विभाग की ओर से एनटीपीसी के प्रशासनिक भवन में आयोजित राख से ईंट निर्माण संबंधित एक कार्यशाला का उदघाटन किया. कार्यशाला में 100 से अधिक उद्यमियों को आइआइएमटी भुवनेश्वर के मुख्य वैज्ञानिक डॉ बीडी नायक ने ऐश ब्रिक्स निर्माण की आधुनिक तकनीक की जानकारी दी. कार्यशाला में मौजूद एनटीपीसी के समूह महाप्रबंधक पीके महापात्र ने प्रदूषण नियंत्रण पर्षद अध्यक्ष का सम्मान करते हुए उन्हें धन्यवाद दिया. श्री महापात्र ने इस वर्ष 60 लाख से ज्यादा इंट बना कर उसका प्रचार-प्रसार करने का आश्वासन दिया. इस अवसर पर पर्षद के क्षेत्रीय अधिकारी एके गुप्ता, सहित अन्य अधिकारी एनटीपीसी के विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे.