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जर्जर भवन को छिपा कर करवा ली केंद्रीय सचिव की सभा

भागलपुर : दो दिन पहले पंखा टोली मोहिउद्दीनपुर स्थित भागलपुर क्षेत्रीय हस्तकरघा बुनकर सहयोग संघ भवन में टेक्सटाइल सेक्रेटरी समेत संबंधित विभाग के आला-अधिकारी के स्वागत में खंडहर को ढंक कर पूरे परिसर में कालीन बिछा दी गयी थी. इतना ही नहीं जहां पर डिजाइन स्टूडियो बनाया गया था, वहां भी आकर्षक कपड़े की मदद […]

भागलपुर : दो दिन पहले पंखा टोली मोहिउद्दीनपुर स्थित भागलपुर क्षेत्रीय हस्तकरघा बुनकर सहयोग संघ भवन में टेक्सटाइल सेक्रेटरी समेत संबंधित विभाग के आला-अधिकारी के स्वागत में खंडहर को ढंक कर पूरे परिसर में कालीन बिछा दी गयी थी. इतना ही नहीं जहां पर डिजाइन स्टूडियो बनाया गया था,

वहां भी आकर्षक कपड़े की मदद से शोरूम तैयार किया गया था. उनके जाते ही जब परदे हटाये गये, तो अंदर की जर्जर दीवारें दिखने लगी. यहां पर बुनाई प्रशिक्षण पा रहे 20 बुनकरों को खंडहर कमरे में किसी दुर्घटना की आशंका सता रही है. इतना ही नहीं, बुनकर मूलभूत सुविधा का अभाव भी झेल रहे हैं.

यह है कार्यक्रम : मेगा हस्तकरघा कलस्टर विकास योजना के तहत बुनकर सेवा केंद्र की ओर से बुनाई प्रशिक्षण कार्यक्रम चल रहा है, जो 45 दिनों तक चलेगा. इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में फ्रेम लूम पर डॉबी, जैकाई, लेटऑफ, टेकअप एवं इंडिया हैंडलूम ब्रांड के प्रोडक्ट को शामिल किया गया है.
खंडहर में तब्दील भवन : 1982 में 13 लाख की राशि से हबीबपुर स्थित पंखा टोली में बिहार एवं झारखंड के हस्तकरघा बुनकरों के विकास के लिए बने भागलपुर क्षेत्रीय हस्तकरघा बुनकर सहयोग संघ का भवन खंडहर में तब्दील हो चुका है. डेढ़ बीघा में फैला संघ परिसर विकास की बाट जोह रहा है, कि कोई तारणहार आये और सूरत बदल कर भागलपुर एवं यहां से जुड़े हस्तकरघा बुनकरों की स्थिति में सुधार करेगा.
कई सामान बन गया है कबाड़ : यहां से जुड़े लोगों का कहना है देखरेख के अभाव में यहां की गाड़ी, जेनरेटर, टेबुल व अन्य सामान कबाड़ बन गया है. 1989 में संघ का चुनाव नहीं हुआ. इसके बाद इस भवन और संघ को देखने वाला कोई नहीं रह गया. लंबे अंतराल के बाद 2008 में फिर से संघ का चुनाव हुआ, जिसमें मो इबरार अंसारी अध्यक्ष बने. तब तक पूरा भवन खंडहर में तब्दील हो चुका था. संघ के पूर्व अध्यक्ष मो इबरार अंसारी बताते हैं उनके अध्यक्ष बनने तक भवन जर्जर होकर गिरने लगा था. उसी स्थिति में कार्य होता रहा. बिहार सरकार को कई बार भवन निर्माण व अन्य प्रगतिशील कार्यों के लिए पत्राचार करता रहा. उन्होंने कहा पहले भी बैठक और निर्णय कई बार लिये गये, लेकिन कोई विकास कार्य नहीं हो सका.
बिहार-झारखंड की 182 समिति संचालित होती थी : भागलपुर क्षेत्रीय हस्तकरघा बुनकर सहयोग संघ के इस भवन से बिहार-झारखंड की 182 समिति संचालित होती थी. संघ का हर जिले में बिक्री केंद्र था. इसके तहत सभी समिति में 100 से 150 बुनकर जुड़े थे. इस प्रकार 27 हजार से अधिक बुनकर प्रतिनिधि सीधे रूप से जुड़े थे. यहीं पर मिल के दर पर सूता मुहैया होता था, जो सभी बुनकरों को रियायती दरों पर मिलता था. बुनकरों का बना माल संघ द्वारा खरीदारी कर यहां पर रखा जाता था. यहां पर प्रोसेसिंग प्लांट से लेकर रंगाई के मशीन भी थे, जिससे बुनकर को कई प्रकार की तकनीकी जानकारी भी दी जाती थी. बुनकर में सहयोग की भावना को बढ़ावा मिलता था. बुनकर प्रतिनिधियों का कहना है पूंजी के अभाव में सब-कुछ चौपट हो गया.
बुनकर सेवा केंद्र की ओर से बिना किसी मूलभूत सुविधा के 20 बुनकरों को मिल रहा बुनाई प्रशिक्षण
प्रशिक्षणार्थी ने बतायी परेशानी
पानी व शौचालय की परेशानी है. यहां पर प्रशिक्षण मिल रहा है, लेकिन यह उपयुक्त स्थान नहीं है. यह भवन डराने वाला है. यहां पर पहले भवन को ठीक करना होगा.
रानी, प्रशिक्षणार्थी, शाहजंगी
पीने के पानी के लिए बार-बार बोलना पड़ता है. यहां पर कुछ नहीं है. बाथरूम है, लेकिन अव्यवस्थित है. यहां पर महिला-पुरुष प्रशिक्षण पा रहे हैं. यहां पर कुछ भी सुविधा नहीं है.
मो वली अहमद,प्रशिक्षणार्थी, हुसैनाबाद संघ का भवन खंडहर हो गया है. यहां पर दीवार के ईंट गिर रहे हैं. भवन से डर लगता है. कर्मशाला बनाने के पहले भवन को ठीक करने की जरूरत है. बारिश व आंधी में बड़ी दुर्घटना हो सकती है.
मो चांद, शाहजंगी
संघ की ओर से बुनकर सेवा केंद्र को प्रशिक्षण के लिए भवन दिया है. सारी व्यवस्था केंद्र को करना है. इसमें 20 बुनकरों को प्रतिदिन प्रशिक्षण के साथ-साथ 210 रुपये मानदेय भी दिया जाता है. भवन का निर्माण किया जायेगा. डिजाइन स्टूडियो के लिए अलग भवन बनेगा. फिलहाल इसी में यह रहेगा.
जावेद सालैह अंसारी, अध्यक्ष, भागलपुर क्षेत्रीय हस्तकरघा बुनकर सहयोग संघ

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