भागलपुर: राज्य सरकार ने राज्य के सभी 12 सौ संबद्ध इंटर कॉलेजों की स्थिति का पता करने का निर्णय लिया है. इसके लिए संस्थान के पास शिक्षकों, गैर शिक्षकों, बुनियादी सुविधाओं, अकादमिक गतिविधियों आदि की वर्तमान स्थिति का पता करने का जिम्मा बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (बीएसइबी) को दिया है.
बोर्ड ने भागलपुर के संबद्ध इंटर कॉलेजों को बैठक में दो फॉरमेट (अंगरेजी व हिंदी में) उपलब्ध करवा कर इसकी शुरुआत जिला स्कूल में शुक्रवार को की. फॉरमेट भरने व इसकी जांच के बाद कॉलेजों को ग्रेड दिया जायेगा. इसके बाद सूबे के अन्य प्रमंडलों के इंटर कॉलेजों को फॉरमेट उपलब्ध कराया जायेगा. ये बातें बीएसइबी के अध्यक्ष राजमणि सिंह ने जिला स्कूल के प्राचार्य कक्ष में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कही.
श्री सिंह ने कहा कि राज्य सरकार हर साल संबद्ध इंटर कॉलेजों या स्कूलों को 300 करोड़ रुपये का अनुदान देती है, लेकिन सरकार को कॉलेजों का स्टेटस पता नहीं है. सरकार का कहना है कि जब तक ग्रेडिंग नहीं होगी तब तक कॉलेजों को अनुदान नहीं दिया जायेगा. हर पांच साल पर ग्रेडिंग की जांच होगी और अगर कॉलेज की स्थिति में सुधार दिखेगा, तो निर्धारित मापदंड के अनुसार उनकी ग्रेडिंग भी बढ़ेगी. संबंधित कॉलेज छात्रों को जारी होनेवाले स्थानांतरण प्रमाणपत्र में भी ग्रेड का उल्लेख कर पायेगा. उन्होंने बताया कि अगर के वल बोर्ड व दो-चार कमरे में कॉलेज चल रहा होगा, तो वे ग्रेडिंग से बाहर हो जायेंगे. इसके बाद ऐसे कॉलेजों को अनुदान से भी वंचित किया जा सकता है.
मैट्रिक के रिजल्ट में अभी विलंब
बीएसइबी के अध्यक्ष श्री सिंह ने इस सवाल के जवाब में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया कि मैट्रिक का रिजल्ट कब तक प्रकाशित होगा. उन्होंने अधिकतम समयसीमा भी नहीं बतायी, लेकिन उन्होंने संकेत दिया कि मैट्रिक का रिजल्ट आने में अभी विलंब है. हालांकि उन्होंने कहा कि सारे रिजल्ट पाइपलाइन में हैं. श्री सिंह ने कहा कि उनका पहला लक्ष्य इंटर व मैट्रिक का रिजल्ट प्रकाशित करना है. इसके बाद अगला टारगेट भागलपुर में बीएसइबी का पहला क्षेत्रीय कार्यालय खोलना है.