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कागज पर दो, हकीकत में एक अस्पताल दक्षिणी शहर

बड़ी आबादी को नहीं मिल रही समुचित इलाज के लिए दो स्वास्थ्य केंद्र की सुविधा महादलित बस्ती में खोलने के बजाय अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र में ही चल रहा शहरी स्वास्थ्य केंद्र अलग-अलग दो जगहों पर रहते सरकारी अस्पताल, तो मरीजों को कतारों से मिलती राहत भागलपुर : आज के समय में बीमारियां बढ़ने से मरीजों […]

बड़ी आबादी को नहीं मिल रही समुचित इलाज के लिए दो स्वास्थ्य केंद्र की सुविधा

महादलित बस्ती में खोलने के बजाय अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र में ही चल रहा शहरी स्वास्थ्य केंद्र
अलग-अलग दो जगहों पर रहते सरकारी अस्पताल, तो मरीजों को कतारों से मिलती राहत
भागलपुर : आज के समय में बीमारियां बढ़ने से मरीजों की संख्या में भी काफी इजाफा हुआ है. अस्पताल चाहे वे सरकारी हो या प्राइवेट, वहां मरीजों की कतारें लगी हुई हैं. यह देख जहां पहले से एक अस्पताल है, वहां दूसरा खोलने की कवायद चल रही है, ताकि उन मरीजों काे समुचित इलाज की सुविधा मिल सके, जो निजी अस्पतालों का खर्चा नहीं उठा सकते हैं. दक्षिणी शहर में भी पहले से एक अस्पताल रहते दूसरा उन जगहों पर खोलने का आदेश आया, जहां महादलितों की बड़ी आबादी बसी है. दुर्भाग्य है कि दक्षिणी शहर को दो सरकारी अस्पतालों की सुविधा अबतक मयस्सर नहीं हो सकी है. दक्षिणी शहरवासियों के लिए यह केवल कागज पर ही स्थापित है, उनके लिए हकीकत में यहां एक ही अस्पताल है.
अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र के सभी कर्मियों की सेवा शहरी स्वास्थ्य केंद्र के अंतर्गत लिया जा रहा है. प्रभारी डा कल्पना कुमारी के अनुसार अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र खुलने का समय सुबह आठ बजे से दोपहर दो बजे तक है. वहीं शहरी स्वास्थ्य केंद्र का दोपहर 12 बजे से रात आठ बजे तक. मगर, मरीजों का इलाज अब केवल शहरी स्वास्थ्य केंद्र के नाम पर हो रहा है. मरीजों को सुबह आठ बजे से लेकर रात आठ बजे तक शहरी स्वास्थ्य केंद्र की सुविधा मिलती है. प्रभारी के बताये अनुसार अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र भी संचालन में है, मगर इसके कर्मियों के नाम पर केवल बड़ा बाबू बचे हैं. लगभग सभी कर्मी शहरी स्वास्थ्य केंद्र के अधीन कार्यरत है. अगर अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र के नाम पर जो ड्यूटी करेंगे, उनके लिए शहरी स्वास्थ्य केंद्र के अधीन ड्यूटी करना नामुमकिन है.
अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र में शहरी स्वास्थ्य केंद्र कुछ दिन के लिए खुला है. जैसे ही इसके लिए भवन मिलेगा, यहां से हटा लिया जायेगा. जो कर्मी अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र के हैं, वह वहीं रह जायेंगे. शहरी स्वास्थ्य केंद्र की अलग से पूरी व्यवस्था होगी.
डा विजय कुमार, सिविल सर्जन
शहरी स्वास्थ्य केंद्र को खोल कर की केवल खानापूरी
स्वास्थ्य विभाग से जनवरी में जिला को आठ शहरी स्वास्थ्य केंद्र खोलने का आदेश आया, जिसकी सूची में दक्षिणी शहर भी शामिल है. शहरी स्वास्थ्य केंद्र किराये के मकान में ही सही, मगर बागबाड़ी के आसपास महादलित बस्ती में खुलना है. स्वास्थ्य विभाग ने पहले से स्थापित अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र में ही शहरी स्वास्थ्य केंद्र को खोल कर केवल खानापूरी की है. इससे शहरी स्वास्थ्य केंद्र तो चलने लगा, मगर अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र लगभग बंद हो चुका है. अगर दोनों सरकारी अस्पताल अलग-अलग जगहों पर रहता, तो दक्षिणी शहर की बड़ी अाबादी को दो सरकारी अस्पताल का समुचित लाभ मिलता. मरीजों को केवल अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र पर लगने वाली भीड़ से राहत मिलती.
शहरी स्वास्थ्य केंद्र के लिए भी कम पड़ रहे कर्मी
प्रभारी चिकित्सक के अनुसार शहरी स्वास्थ्य केंद्र के लिए भी कर्मी कम पड़ रहे हैं. शहरी स्वास्थ्य केंद्र के नाम पद एक डाटा ऑपरेटर, एक होमगार्ड एवं एक एएनएम मिला है. अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र के दो एएनएम, दो चतुर्थवर्गीय कर्मचारी, एक पुरुष कक्ष सेवक, दो लैव टेक्नीशियन, एक क्लर्क एवं एक डाॅक्टर की ड्यूटी शहरी स्वास्थ्य केंद्र में लिये जा रहे हैं. वर्तमान में शहरी स्वास्थ्य केंद्र के लिए एक डाॅक्टर एवं एक एएनएम की दरकार है.

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