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टीएमबीयू: मामला पूर्व प्रभारी वीसी डॉ एनके वर्मा के कार्यकाल का, राजभवन ने 15 दिनों में मांगा जवाब

भागलपुर: कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी होने की शिकायत की है. वर्ष 2013 से सात फरवरी 2014 तक पूर्व प्रभारी कुलपति प्रो के निर्णय से जिन लोगों को नियम के उलट जाकर लाभ दिया गया है, उनलोगाें से राजभवन ने अपना पक्ष रखने के लिए कहा है. राजभवन ने 15 दिनों […]

भागलपुर: कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी होने की शिकायत की है. वर्ष 2013 से सात फरवरी 2014 तक पूर्व प्रभारी कुलपति प्रो के निर्णय से जिन लोगों को नियम के उलट जाकर लाभ दिया गया है, उनलोगाें से राजभवन ने अपना पक्ष रखने के लिए कहा है. राजभवन ने 15 दिनों के अंदर लाभ पाये लोगों से जवाब मांगा है. संबंधित लोगों को राजभवन पत्र भेजने की तैयारी कर रहा है.
पूर्व प्रभारी कुलपति के एक साल के कार्यकाल में शिक्षकों को प्रमोशन, अस्थायी कर्मचारी को स्थायी करना, पेंशन, कॉपी खरीद, स्थानांतरण, शिक्षकों को वेतन भुगतान, अतिथि व्याख्याता सहित कई अन्य मामलों में नीतिगत निर्णय के तहत नियम के उलट जाकर संबंधित लोगों को लाभ पहुंचाया गया है. राजभवन सूत्रों के अनुसार पूर्व प्रभारी कुलपति को विवि के रूटीन चीजों के लिए प्रभार दिया गया था.
नीतिगत निर्णय पर रोक थी. राजभवन से बिना अनुमति के पूर्व प्रभारी कुलपति ने नीतिगत निर्णय लिया. एक साल के कार्यकाल में दो से तीन साल का कार्य पूर्व प्रभारी ने कर दिया. जांच कमेटी के एक सदस्य ने बताया कि दूसरे विवि की तुलना में तिलकामांझी भागलपुर विवि में गड़बड़ी ही गड़बड़ी फाइल में मिली है. पूर्व प्रभारी कुलपति के कार्यकाल के एक साल के दौरान की फाइल में व्यापक पैमाने पर उलट फेर किया गया है. तमाम चीजों की रिपोर्ट तैयार कर राजभवन को सौंप दी गयी है. हालांकि उस कार्यकाल में लिये गये सारे निर्णय रद्द किये जा सकते हैं. सारा कुछ एक प्रक्रिया के तहत राजभवन के द्वारा किया जायेगा.

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