बीमारी. शाहकुंड व अकबरनगर में फंगस बनी महामारी
Advertisement
दलहन चौपट, गेहूं भी चपेट में
बीमारी. शाहकुंड व अकबरनगर में फंगस बनी महामारी सुलतानगंज प्रखंड के अकबरनगर क्षेत्र और शाहकुंड प्रखंड में फंगस की चपेट में आयी दलहन फसल की जांच मंगलवार को कृषि विश्वविद्यालय व कृषि विज्ञान केंद्र सबौर के वैज्ञानिकों की टीम ने की. दोनों जगह हजारों एकड़ जमीन में लगी दलहन की फसल लगभग बरबाद हो चुकी […]
सुलतानगंज प्रखंड के अकबरनगर क्षेत्र और शाहकुंड प्रखंड में फंगस की चपेट में आयी दलहन फसल की जांच मंगलवार को कृषि विश्वविद्यालय व कृषि विज्ञान केंद्र सबौर के वैज्ञानिकों की टीम ने की. दोनों जगह हजारों एकड़ जमीन में लगी दलहन की फसल लगभग बरबाद हो चुकी है.
अकबरनगर/शाहकुंड : टीम में शामिल कीट विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ एसएन राय ने अकबरनगर में कहा कि फसल में रोग लगने के कई कारण पाये गये हैं. रोग ने महामारी का रूप धारण कर लिया है. बड़े पैमाने पर रोकथाम व बचाव के उपाय करने की जरूरत है, नहीं तो बहियार में लगी गेहूं, मक्का व अन्य फसलों पर भी इसका असर पड़ जायेगा.
गेहूं की फसल की जांच करने पर बीमारी के प्रारंभिक लक्षण मिले.
वैज्ञानिक डॉ विनोद कुमार, दलहन फसल रोग विशेषज्ञ डॉ अभिजीत, डॉ एके मौर्या ने फसल व मिट्टी का नमूना लिया. वैज्ञानिक टीम को किसान अनिल यादव, शंकर यादव, प्रीतम कुमार, चंद्रिका राय ने फसल बोआई करने के तरीके से अवगत कराया. किसानों ने बताया कि पौधे निकलने के साथ ही खेतों में जगह-जगह उजलापन दिखने लगा था. कई तरह की कीटनाशक दवा का छिड़काव भी किया, लेकिन कोई असर नहीं हुआ. देखते-देखते पूरे बहियार का दलहन फसल नष्ट हो गया.
क्षेत्र में हजारों एकड़ में लगी दलहन की फसल बरबाद हो गयी है.
कहते हैं विशेषज्ञ : कृषि विज्ञान केंद्र सबौर के दलहन रोग विशेषज्ञ डॉ अभिजीत घटक ने कहा कि दलहन फसल में फैला यह संक्रमण रोग बहुत ही खतरनाक है. रोग लगने के कई कारण है. अच्छे बीज का चयन नहीं किया गया है. बाढ़ का पानी निकलने के बाद खेत में कीटनाशक का छिड़काव काया जाता तो हद तक इस रोग से फसल को बचाया जा सकता था. बाढ़ के बाद खेतों में संक्रमण फैलाने वाले क्रीड़े जमा हो गये, जो फसलाें पर लग गये हैं. पौघे के तना को विशेषज्ञों द्वारा प्रयोगशाला में जांच की जायेगी. फसलों पर लगे कीड़े भी मिले हैं. जांच के बाद ही रोग फैलने के सही कारण का पता चल पायेगा.
बरबाद हुई फसल की जांच करते कृषि वैज्ञानिक . फोटो। प्रभात खबर
कृषि विवि व केवीके सबौर के वैज्ञानिकों ने की जांच
दवा का करें छिड़काव
कृषि वैज्ञानिक बड़े पैमाने पर नष्ट हुई दलहन फसल देख हतप्रभ हो गये. विशेषज्ञों ने बताया कि कुशाहा त्रासदी के बाद ऐसी स्थिति उत्तरी बिहार के सहरसा, सुपौल, मधेपुरा क्षेत्र में उत्पन्न हुई थी. पौधों के तना प्रभावित हुए हैं, जबकि जड़ सुरक्षित है. सही दवा के छिड़काव से फसल बचायी जा सकती है.
इन दवाओं का करें छिड़काव : मोनोक्रोटोफॉस एक एमएल मात्रा एक लीटर पानी में, नुमान एक एमएल एक लीटर पानी में तथा थायोमिथो एक ग्राम तीन लीटर पानी में मिलाकर फसल पर छिड़काव करें. छिड़काव 15 से 20 दिन के अंतराल में किये जाने की जरूरत है. लेकिन, शाहकुंड में पानी की सुविधा नहीं रहने से इतने बड़े पैमाने पर छिड़काव करना किसानों के लिए मुश्किल है.
डॉ एसएन राय ने बताया कि फसल बोआयी से पूर्व खेतों की सफाई आवश्यक है.
शाहकुंड में 80 फीसदी फसल हो गयी बरबाद
शाहकुंड प्रखंड की मकंदपुर पंचायत के हरपुर गांव में भी कृषि वैज्ञानिकों की टीम ने मसूर की फसल में लगे कीड़े की जांच की. वैज्ञानिकों ने कहा कि यहां 80 फीसदी फसल बरबाद हो चुकी है. वैज्ञानिकों ने माना कि 20 फीसदी पौधे के तने हरे हैं, लेकिन उनके जिंदा बचने की संभावना काफी कम है. सबौर कॉलेज के कृषि वैज्ञानिक डॉ एके मौर्य व कीट विज्ञान केंद्र के विभागाध्यक्ष एसएन राय ने बताया कि एफीड, माहू, सीफेवेयर, सेमीलुपर जैसे कीट से फसल ग्रसित है. इसके अलावा यहां चना व गेहूं की फसल में कजरा कीट का भी प्रकोप है. जांच के दौरान किसान उदय शर्मा, विनय शंकर शर्मा, रामजी राय, बालमुकुंद शर्मा, नंदकिशोर शर्मा आदि मौजूद थे.
किसानों को सता रही चिंता : हरपुर गांव में वर्षों से किसान मसूर की खेती करते आ रहे हैं. इस बार कीटों के प्रकोप से इस गांव के अलावा आसपास के हजारों एकड़ खेत में लगी फसल प्रभावित है. अशरफपुर, पचरूखी, मिल्की के बहियार में भी मसूर की फसल रोग से ग्रसित हो चुकी है. बाढ़ प्रभावित इस पंचायतों के किसानों के सामने रोटी का संकट खड़ा हो गया है. धान की फसल तो बाढ़ में पहले ही बरबाद हो चुकी है. अब दलहन की फसल भी चौपट हो रही है. कई किसानों ने कर्ज लेकर खेती की थी या घर की सारी जमा पूंजी लगा दी थी.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement