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पूर्व सांसद के पौत्र की डेंगू से मौत

दुखद . जेएलएनएमसीएच के आइसीयू में चल रहा था इलाज पूर्व सांसद चुनचुन यादव के पुत्र डॉ अजय कुमार यादव सबौर कॉलेज में टीचर हैं. इनके पुत्र विक्सी िवक्रम उर्फ गप्पू को बदन दर्द व बुखार की शिकायत पर डॉ संदीप लाल को दिखाया गया, जहां जांच में डेंगू की पुष्टि हुई थी. बाद में […]

दुखद . जेएलएनएमसीएच के आइसीयू में चल रहा था इलाज

पूर्व सांसद चुनचुन यादव के पुत्र डॉ अजय कुमार यादव सबौर कॉलेज में टीचर हैं. इनके पुत्र विक्सी िवक्रम उर्फ गप्पू को बदन दर्द व बुखार की शिकायत पर डॉ संदीप लाल को दिखाया गया, जहां जांच में डेंगू की पुष्टि हुई थी. बाद में उन्हें जेएलएनएमसीएच में भर्ती कराया गया था.
भागलपुर : पूर्व सांसद चुनचुन यादव के 21 वर्षीय पाैत्र की डेंगू से मौत हो गयी. उसका इलाज जेएलएनएमसीएच के आइसीयू में चल रहा था. इस मौत के बाद एक बार फिर शहर क्षेत्र में आम शहरी को डेंगू के डंक से बचाने के दावे पर सवाल खड़े हो गये. पूर्व सांसद के पुत्र डॉ अजय कुमार यादव सबौर कॉलेज में टीचर हैं. इनके पुत्र विक्की विक्रम उर्फ गप्पू (21 वर्ष) को बदन दर्द, बुखार की शिकायत पर वरिष्ठ फिजिशियन डॉ संदीप लाल को परिजनों ने दिखाया.
पैथोलॉजी कराया गया तो डेंगू पॉजिटिव मिला. 10 नवंबर की रात 11 बजे विक्की विक्रम को जेएलएनएमसीएच (मायागंज हॉस्पिटल) के डेंगू वार्ड में भरती कराया गया. जहां उसकी हालत बिगड़ी तो शुक्रवार को दिन में 12 बजे आइसीयू में भरती किया गया. इलाज के दौरान विक्की विक्रम की शुक्रवार की मध्य रात्रि 12:15 बजे मृत्यु हो गयी.
‘’डेंगू होने के कारण विक्की विक्रम को कार्डियाइटिस हो गया. जिससे उनकी मौत हो गयी.’’ : डॉ आरसी मंडल, अधीक्षक जेएलएनएमसीएच
अब तक डेंगू के 615 मामले, 225 में डेंगू की पुष्टि : इस बार डेंगू के संदिग्ध मामले की बात करें तो अकेले जेएलएनएमसीएच (मायागंज हॉस्पिटल) के दोनों डेंगू वार्ड में 615 डेंगू के मामले आ चुके हैं. इन मरीजों का एलिजा टेस्ट कराया गया तो 225 मरीजों को डेंगू कन्फर्म पाया गया.
दो मौत के बाद भी नहीं जगा नगर निगम प्रशासन : मायागंज हॉस्पिटल में भरती होने वाले डेंगू मरीजों में से अब तक पांच डेंगू के मरीजों की माैत हो चुकी है. इनमें से दो शहरी क्षेत्र के थे. नाथनगर क्षेत्र की रहने वाली शाहिन की माैत मध्य अक्टूबर में हुई तो पूर्व सांसद का पौत्र डेंगू का दूसरा शिकार है. शहर क्षेत्र में अब तक साै से अधिक डेंगू के मामले आ चुके हैं.
बावजूद नगर निगम एवं मलेरिया विभाग अपनी-अपनी जिम्मेदारी निभाने के बजाय एक-दूसरे पर जिम्मेदारी थोप रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग केे अधिकारियों की माने तो यह जिम्मेदारी नगर निगम की होती है कि वह शहर क्षेत्र में डेंगू के लार्वा को नष्ट करने के लिए टीम गठित कर टेमीफास का छिड़काव कराये.

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