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उसने कहा मार देंगे, मैंने कहा मार दो, देश सेवा कर चुका हूं, उम्र भी 75 हो चुकी है, अब गम नहीं

भागलपुर : उम्र 75 साल, लेकिन तेवर 25 साल वाला. गलत को बरदाश्त नहीं करने वाला. ईमानदारी जैसे खून में दौड़ रही हो. सालों तक देश की सेवा करने वाले सेवानिवृत्त नायक सूबेदार दीपनारायण सिंह. न कभी झुका न ही गलत होते देखा. पर शुक्रवार को इस बुजुर्ग नौजवान के स्वाभिमान को चुनौती देते हुए […]

भागलपुर : उम्र 75 साल, लेकिन तेवर 25 साल वाला. गलत को बरदाश्त नहीं करने वाला. ईमानदारी जैसे खून में दौड़ रही हो. सालों तक देश की सेवा करने वाले सेवानिवृत्त नायक सूबेदार दीपनारायण सिंह. न कभी झुका न ही गलत होते देखा. पर शुक्रवार को इस बुजुर्ग नौजवान के स्वाभिमान को चुनौती देते हुए उनसे छिनतई की कोशिश हुई. घटना उल्टा पुल की है.

बांका के अमरपुर स्थित भट्ठीचक निवासी सेना के सेवानिवृत्त नायक सूबेदार दीपनारायण सिंह से उल्टा पुल पर हबीबपुर के मारूफचक के निवासी अमरदीप कुमार दास ने छिनतई की कोशिश की. बुजुर्ग दीपनारायण ने उस लड़के को ऐसा करने से रोका और उसे पकड़ लिया. लोगों की मदद से उसे कोतवाली थाना ले गये और उसे पुलिस के हवाले कर दिया. दीपनारायण सिंह ने प्रभात खबर को बताया कि पुल पर उसने जब उस बदमाश को पकड़ा तो वह मार देने की बात कह रहा था. पर दीपनारायण ने उससे कहा कि देश की सेवा कर चुके और उम्र भी 75 हो चुकी है. अब मरने का डर नहीं पर गलत तो नहीं होने देंगे.

रोका और कहा, चाचा मेरी दुकान पर आइयेगा, मोबाइल नंबर मांगने लगा: सेवानिवृत्त नायक सूबेदार ने कहा कि वह कुछ काम से भागलपुर आये थे. बस से गुड़हट्टा चौक पर उतरे और वहां से पैदल ही चल पड़े. उल्टा पुल पर वे कोयला डीपो की तरफ जाने के लिए मुड़ने ही वाले थे कि वह लड़ा उनके सामने आकर खड़ा हो गया. उसने दीपनारायण को चाचा कहा. पूछा कि उन्होंने उसे पहचाना या नहीं. हाल भी पूछा. अमरदीप ने उनसे कहा कि तिलकामांझी में उसकी दुकान है वहां वे आयें. उसके बाद वह दीपनारायण सिंह को अपना मोबाइल नंबर लिखवाने लगा. उसी दौरान अमरदीप ने दीपनारायण के शर्ट के ऊपर के पॉकेट में हाथ डाला और उसमें रखे कुछ पैसे निकालने लगा. दीपनाराण ने उसे रोका पर तबतक अमरदीप को पता चल गया कि शर्ट के अदंर के पॉकेट में मोटी रकम है. उसके बाद उसने अंदर के पॉकेट से पैसे निकालने की काेशिश की पर तब तक दीपनारायण ने उसे पीछे से पकड़ लिया. हल्ला किया तो पुल पर मौजूद काफी संख्या में लोग वहां इकट्ठा हो गये और उसे पकड़ लिया. इस बीच
मौजूद ट्रैफिक सिपाही भी वहां पहुंचे और घटना की जानकारी लेने लगे. इसी दौरान अमरदीप भागने लगा. उसे भागता देख वहां मौजूद लोगों ने दोबारा उसे दौड़ा कर पकड़ लिया.
राष्ट्रपति से ईमानदारी का पुरस्कार मिल चुका है : सेवानिवृत्त नायक सूबेदार दीपनारायण सिंह ने बताया कि उन्हें सेवा के दौरान राष्ट्रपति के हाथों ईमानदारी का पुरस्कार मिल चुका है.

उन्होंने अपना कार्ड दिखाया जिसमें एचएनएस दीपनारायण सिंह लिखा हुआ है. उसमें एच से ऑनेस्ट यानी इमानदार और एन एवं एस से नायक सूबेदार है.

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