28.8 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पेट्रोल पंप मैनेजर हत्याकांड: आंखों में आंसू, घर पर पसरा था मातमी सन्नाटा

भागलपुर: पेट्रोल पंप मैनेजर जय किशन शर्मा की हत्या के दूसरे दिन मंगलवार को चुनिहारी टोला स्थित घर व आसपास क्षेत्रों में मातमी सन्नाटा छाया रहा. दिनभर शहर के गणमान्य व अन्य सगे-संबंधियों का मृतक के परिजनों से मिलने का तांता लगा रहा. मृतक जय किशन शर्मा की पत्नी सामाजिक कार्यकर्ता कुसुम शर्मा रो-रोकर एक […]

भागलपुर: पेट्रोल पंप मैनेजर जय किशन शर्मा की हत्या के दूसरे दिन मंगलवार को चुनिहारी टोला स्थित घर व आसपास क्षेत्रों में मातमी सन्नाटा छाया रहा. दिनभर शहर के गणमान्य व अन्य सगे-संबंधियों का मृतक के परिजनों से मिलने का तांता लगा रहा. मृतक जय किशन शर्मा की पत्नी सामाजिक कार्यकर्ता कुसुम शर्मा रो-रोकर एक ही बात बोलती, इतना काम किये समाज के लिए कुछ काम नहीं आया.

घटना के बाद उनके पति को इलाज के लिए उठाने वाला कोई नहीं था. अस्पताल में भी डॉक्टर नहीं थे. अन्य परिजनों का कहना था हमलोगों का तो बड़ा परिवार है, कुछ सहयोग है. गरीबों का इस अस्पताल में क्या हाल होता होगा. कैसे वे इलाज कर घर लौटते होंगे या गंभीर बीमारी में भगवान भरोसे ही खुद को छोड़ देते होंगे. इस तरह की ढेर सारे प्रश्न कर रहे थे. कुसुम शर्मा व अन्य परिजनों को पूर्व मेयर डा वीणा यादव, डिप्टी मेयर प्रीति शेखर, सामाजिक कार्यकर्ता सुनीता सिंह, मीरा शर्मा आदि ढाढ़स बंधाते रहे.

बच जाते जयकिशन भैया
इधर आंगन में छोटे भाई गणोश शर्मा, उमा शंकर शर्मा, व्यवसायी अरुण चोखानी समेत अन्य व्यवसायी व सगे-संबंधी घटना को लेकर विमर्श कर रहे थे. इसी दौरान गणोश शर्मा ने बताया गोली लगने की घटना के बाद जब मायागंज अस्पताल के आपातकालीन वार्ड में भैया को ले जाया गया तो वहां पर डॉक्टर ही मौजूद नहीं थे. इसके बाद डॉ हेमशंकर शर्मा को फोन लगाया. तब उन्होंने बताया कि अभी डॉक्टर मृत्युंजय कुमार की ड्यूटी है. उन्हें शीघ्र ही भेज रहा हूं. एक घंटा देर से डा मृत्युंजय कुमार पहुंचे, जिससे भैया का सही इलाज नहीं हो सका. उन्होंने बताया भैया गोली लगने के बाद कुछ दूर तक पैदल चले भी और लोगों को बोले गोली मार दी. गोली मारने वाले तीन से चार की संख्या में थे. अस्पताल में भी भैया ठीक से बोल रहे थे. पहले लगा कि भैया की गंभीर स्थिति नहीं. ऐसी स्थिति में यदि इलाज शीघ्र शुरू हो जाता तो संभावना थी, वे बच जाते.

शाहनवाज व चौबे पहुंचे श्मशान घाट
सांसद शाहनवाज हुसैन व पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सह विधायक अश्विनी कुमार चौबे श्मशान घाट पहुंचे और यहां भी परिवार के सदस्यों को ढाढ़स बंधाया. मुखागिA बड़े पुत्र सूरज ने दी है.

घर पर लगा रहा तांता
जय किशन शर्मा की हत्या की खबर सुन कर उनके जानने वालों की भीड़ मंगलवार को गोशाला रोड स्थित मकान पर उमड़ पड़ी. सुबह से रात तक उनके जानने वालों का घर पर तांता लगा रहा. हर कोई आपस में एक ही बात कह रहे थे कि जय किशन शर्मा नेक इनसान थे. जब तक दुनिया में रहे उनकी किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी. समाज के सारे लोगों से उनका अच्छा व्यवहार था. आखिर क्यों उनकी हत्या की गयी. पुलिस ऐसे लोगों का जल्द गिरफ्तार कर फांसी की सजा दिलाये. जय किशन के बड़े भाई हरि शर्मा ने बताया कि जय किशन को किसी से कोई मतलब नहीं रहता था. पेट्रोल पंप जाना और वहां से घर आना उनकी आदत बनी हुई थी. किसी को भी कड़े आवाज तक में भी नहीं बोलते थे. हर किसी से प्रेम के साथ पेश आते थे. भाई के हत्या से पूरा परिवार सदमे में डूब गया है. भाई की कमी हमेशा परिवार के लोगों को खलेगी.

40 साल से पेट्रोल पंप पर कार्यरत थे शर्मा जी
उनके पुत्र ने बताया कि पिता जी पेट्रोल पंप पर 40 साल से कार्यरत थे. रोजाना आठ-साढ़े आठ बजे के बीच घर आ जाया करते थे. घटना वाले दिन यानी, सोमवार को भी पेट्रोल पंप पर हिसाब-किताब कर कर्मचारियों के साथ पहले रेलवे स्टेशन चौक पहुंचे और वहां उन्होंने चाय पिया. उन्होंने कर्मचारी से जानकारी ले कर बताया कि चाय पीने के बाद वे लोग अपने-अपने रास्ते चले गये और पिता जी रोजाना की तरह पैदल घर के लिए स्टेशन चौक से निकला. यश मेडिकल के पास जब घटना घटी तो फोन आया और दौड़ कर गये. वहां लोगों ने बताया कि गोली लगने के बाद पिता जी चिल्लाये की मार दिया बचाओ. उन्होंने बताया कि लोगों ने देखा कि गोली लगने के बाद भी पिता जी करीब 50 मीटर चले और फिर लड़खड़ा कर गिर गये.

शांत स्वभाव के थे : पंप संचालक
जय किशन शर्मा पिता जी के जमाने से ही पेट्रोल पंप मैनेजर थे. उनके सामने हम तो बच्चे हैं. वह पूरी तरह से शांत स्वभाव व सुलङो व्यक्तित्व के थे. उक्त बातें पेट्रोल पंप के संचालक राजीव शिपपानी ने कही. उन्होंने बताया कि बिक्री का हिसाब-किताब पेट्रोल पंप पर ही होता है और इसका चलान बैंकों में स्वयं करते हैं. रोजाना की तरह से सोमवार को भी स्वयं बैंक में कैश जमा किया है. उन्होंने बताया कि उनको पेट्रोल पंप के कैश से कोई मतलब नहीं रहता था. उन्हें इससे दूर रखा गया था. वे कैश को घर नहीं लाते थे. इसलिए छिनतई के मामले में हत्या का प्रश्न ही नहीं उठता है. हालांकि इस बात को परिजनों ने भी स्वीकार किया है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें