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अपराध कर धनाढ्य होने वाले होंगे चिह्नित, संपत्ति होगी जब्त

भागलपुर : अपराध कर बनायी गयी संपत्ति से खुद को समृद्ध कहनेवालों की अब खैर नहीं. सरकार की नजर उन लोगों की संपत्ति पर है जिन्होंने संपत्ति अर्जित करने के लिए अपराध का रास्ता अपनाया हो. डीजीपी पीके ठाकुर ने राज्य के सभी आइजी, डीआइजी, एसएसपी और एसपी को पत्र लिख कर अपराध जनित परिसंपत्तियों […]

भागलपुर : अपराध कर बनायी गयी संपत्ति से खुद को समृद्ध कहनेवालों की अब खैर नहीं. सरकार की नजर उन लोगों की संपत्ति पर है जिन्होंने संपत्ति अर्जित करने के लिए अपराध का रास्ता अपनाया हो. डीजीपी पीके ठाकुर ने राज्य के सभी आइजी, डीआइजी, एसएसपी और एसपी को पत्र लिख कर अपराध जनित परिसंपत्तियों को सुसंगत प्रावधानों के तहत जब्त करने का आदेश दिया है. काेई व्यक्ति मादक द्रव्य या नशीले पदार्थों के अवैध कारोबार से जुड़ कर संपत्ति अर्जित की हो या किसी अन्य अवैध कारोबार से धन जुटाया हो तो उसकी संपत्ति को सरकार जब्त कर लेगी.

अपराध कर संपत्ति…
इन प्रावधानों पर चर्चा
संपत्ति जब्त करने के लिए कई प्रावधानों की कॉपी भेजी गयी है. डीजीपी ने अपने पत्र में अपराध जनित परिसंपत्तियों की जब्ती के लिए कई प्रावधानों की चर्चा की.
प्रिवेंशन ऑफ मनी लांडरिंग एक्ट 2002 – यह एक्ट 2005 से प्रभावी हुआ. इसके तहत वैसे लोगों की संपत्ति को जब्त करने का प्रावधान है जिसके खिलाफ 2005 के बाद आपराधिक कांड दर्ज किया गया हो. उसके द्वारा अर्जित की गयी संपत्ति भी 2005 के बाद की हो. इसके तहत इस बात का भी ध्यान रखना जाना चाहिए कि उस व्यक्ति की आय का कोई अन्य वैधानिक स्रोत तो नहीं.
बिहार पुलिस एक्ट 2007 – इस एक्ट के तहत यदि कोई बेनामी संपत्ति की जानकारी उस क्षेत्र के थानाध्यक्ष या अन्य पुलिस अधिकारी को होती है तो उनका कर्तव्य होगा कि वह उक्त संपत्ति का प्रभार लेते हुए इसकी सूचना संबंधित जिला दंडाधिकारी को दें.
बिहार स्पेशल कोर्ट एक्ट 2009 – इसके तहत भी अपराध जनित संपत्ति जब्त करने का प्रावधान है. प्राथमिकी दर्ज होने के बाद साक्ष्य के आधार पर को प्रतिवेदन भेजा जाता है.
सीआरपीसी के प्रावधान – धारा 102 के तहत वर्णित है कि कोई पुलिस अधिकारी वैसी संपत्ति को जब्त कर सकता है जिसके बारे में संदेह हो कि वह चुरायी गयी है या फिर जिनसे अपराध किये जाने का संदेह है.
यूएपीए 1967 – इसके तहत 39 प्रतिबंधित संगठन अधिसूचित हैं जो मुख्य रूप से आतंकवाद, उग्रवाद और देश विरोधी संगठन हैं. अभी तक बिहार में 44 मामलों में कार्रवाई की गयी है.
डीजीपी ने सभी आइजी, डीआइजी व एसपी को लिखा पत्र
सरकारी राशि के गबन पर भी होगी कार्रवाई : डीजीपी ने अपने पत्र में यह भी स्पष्ट कर दिया है कि सरकार की विभिन्न योजनाओं, विशेष कर लोक कल्याणकारी योजनाओं में सरकारी राशि का आपराधिक दुरुपयोग या गबन होने से सरकार को राजस्व की काफी क्षति होती है. इसलिए ऐसा करनेवालों की भी संपत्ति जब्त की जायेगी. कोई सरकारी कर्मचारी या अधिकारी अवैध संपत्ति अर्जित करता है तो उसकी पहचान कर संपत्ति जब्त कर ली जायेगी.
पत्र में कई प्रावधानों का किया गया है उल्लेख
अपराध जनित संपत्ति को जब्त करने को लेकर पत्र प्राप्त हुआ है. सभी थानाध्यक्षों से कहा गया है कि वे वैसे लोगों की पहचान करें जिन्होंने अवैध संपत्ति अर्जित की हो और उनका तरीका आपराधिक रहा हो. उनकी पहचान कर संपत्ति जब्त की जायेगी.

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