भागलपुर: सबौर थाना क्षेत्र अंतर्गत लोदीपुर के कोयला खजुरिया गांव निवासी विक्रम रजक को गुरुवार को चतुर्थ तदर्थ अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश जनार्दन त्रिपाठी की अदालत ने सात साल सश्रम कारावास की सजा सुनायी.
अदालत ने विक्रम को पत्नी मानती देवी की हत्या मामले में दोषी पाया और आइपीसी की धारा 304 बी/ 34 में सजा सुनायी. अदालत में सरकार की ओर से अपर लोक अभियोजक जय प्रकाश यादव व्यास ने बहस में भाग लिया. मामले में सूचक मृतका के पिता भगीरथ रजक हैं. मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से आठ गवाहों की गवाही हुई थी और सफाई पक्ष की ओर से एक गवाह की गवाही हुई थी.
इस मामले में 16 जुलाई 2009 को आरोप गठन हुआ था. विक्रम रजक को एक कट्टे के साथ हरियाणा की पुलिस ने गिरफ्तार किया था और हरियाणा से विक्रम को रिमांड पर भागलपुर लाया गया था. घटना 21 अगस्त 2008 की है. मानती का ससुराल का घर अर्धनिर्मित पक्का का मकान है. छत की ढलाई के लिए वह अपनी पत्नी को उसके पिता से पैसे लाने का दबाव देता था.
दहेज के लिए मानती को हमेशा परेशान करता था. एक दिन विक्रम ने हसुआ से मानती का गला काट दिया. उसके बाद ससुरालवाले मानती का शव बिछावन पर रख घर कर दरवाजे पर ताला लगा कर भाग गये. मृतका के जीजा विनोद रजक ने इस बाद की जानकारी मानती के बांका के फुल्लीडूमर स्थित मायके में परिजनों को दी. जब मानती के परिजन खजुरिया पहुंचे तो घर पर ताला लटका था. तब गांव के सरपंच मनोज रजक को इसकी सूचना दी गयी. मनोज ने पुलिस की इस बात की सूचना दी थी.