भागलपुर: इंजीनियरिंग कॉलेज में हुए हंगामे के बाद भी लड़कियों का आक्रोश थमता नजर नहीं आ रहा है. हॉस्टल में रह रही छात्राओं का आरोप है कि कॉलेज प्रशासन सिर्फ मामले की लीपा-पोती में लगा हुआ है.
साथ ही वो किसी अनहोनी की आशंका से भी सशंकित हैं. छात्राओं का यह भी कहना है कि जब भी वो छेड़खानी के विरोध में शिकायत करती हैं तो हमेशा उन पर ही लड़कों को उकसाने का आरोप लगाया जाता है. लड़कियों का कहना है कि आने जाने के क्रम में लड़के गाली गलौज करते हैं जिसका वो डर के कारण विरोध नहीं कर पाती हैं.
हॉस्टल सुपरिटेंडेंट से कई बार शिकायत कर चुकी है. पर मामले को बार बार दबा दिया जाता है. गल्र्स हॉस्टल में 200 छात्राएं रहती हैं जिनकी सुरक्षा सिर्फ एक बुजुर्ग गार्ड के भरोसे है. कुछ अस्थायी गार्ड तैनात रहते हैं लेकिन निहत्थे वो भी लड़कियों की सुरक्षा नहीं कर सकते हैं. शोहदों का लड़कियों में इतना डर व्याप्त है कि वो शिकायत के लिए सामने नहीं आना चाहती क्योंकि ऐसा करने से वो और भी असुरक्षित हो जायेंगी. प्रभात खबर संवाददाता के हॉस्टल पहुंचने के बाद लड़कियों ने अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता जतायी. उन्होंने कहा अगर उनकी सुरक्षा के लिए सही कदम नहीं उठाये जाते तो वो आगे बड़ा आंदोलन करेंगी.
वर्ष 2012 के 31 दिसंबर को भी हॉस्टल में घुस आये थे छात्र : वर्ष 2012 के 31 दिसंबर को भी गल्र्स हॉस्टल में घुस कर छात्रों ने हंगामा व गाली गलौज की थी लेकिन तभी भी इस मामले पर कोई कारवाई नहीं की गयी थी. छात्राओं का कहना है अगर उस समय उन शोहदों पर ठोस कारवाई की जाती और लड़कों को दंडित किया जाता तो उनका मनोबल नहीं बढ़ता.