भागलपुर: घोरघट से मिरजाचौकी (एनएच-80, बदला हुआ नाम एनएच-33) तक लगभग 96 किमी लंबे मार्ग का निर्माण एनएच स्तर का होगा. इसके निर्माण पर विश्व बैंक का पैसा खर्च होगा. जुलाई 2012 में डीपीआर को स्वीकृति के लिए भेजा गया है. बिहार स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड से एनओसी के बाद एनएच का निर्माण संभव हो सकेगा.
अधिकारियों के मुताबिक तीन पैकेज में एनएच का निर्माण होगा. पहले पैकेज में घोरघट से जीरोमाइल मार्ग है, इसका डीपीआर 391.48 करोड़ का है. दूसरे पैकेज में बायपास मार्ग है, इसका डीपीआर 23244 लाख रुपये का है.
तीसरे पैकेज में जीरोमाइल से मिरजाचौकी मार्ग है, इसका डीपीआर 330.36 करोड़ रुपये का है. अधिकारियों ने बताया कि दूसरे पैकेज बायपास के निर्माण को लेकर प्रथम चरण का टेंडर हो चुका है. दूसरे चरण का टेंडर प्रक्रियाधीन है.
एनएच के फाइनल निर्माण को लेकर कुछ व्यवधान है, इसे निबटाने को लेकर राष्ट्रीय उच्च पथ अंचल, भागलपुर गंभीर है. अधिकारियों ने बताया कि फॉरेस्ट क्लीयरेंस के अलावा अन्य कई तरह के क्लीयरेंस सर्टिफिकेट लेने की दिशा में विभाग काम कर रहा है. क्लीयरेंस सर्टिफिकेट मिलते ही मंत्रलय को सौंप दिया जायेगा. बिहार स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड से क्लीयरेंस सर्टिफिकेट एनओसी मिलना है.