भागलपुर : जयकिशन शर्मा हत्याकांड, दिवेश हत्याकांड, रेशम हत्याकांड जैसे चर्चित मामले पुलिस के लिए चैलेंज बना हुआ है. कुछ यही चैलेंज अपने परिवार का एक मात्र नौकरी करने वाले मयंक शुक्ला अपहरण कांड भी पुलिस के लिए हो गया है. 27 अगस्त 2014 से गायब मयंक शुक्ला को घटना के 22 माह बाद भी पुलिस के हाथ एक सुराग तक नहीं लगा है.
इधर, मयंक शुक्ला के पिता राजकुमार शुक्ला और केस के अहम गवाह को धमकी मिलने लगी है. राजकुमार शुक्ला ने सीजेएम कोर्ट में मामले को लेकर पिटीशन दिया. अज्ञात द्वारा जान से मारने की धमकी देने से पूरा परिवार डरा-सहमा है. रोचक बात यह है कि इस केस की जांच में तीन जांच पदाधिकारी भी बदल गये. मगर मयंक शुक्ला को खोजने में पुलिस नाकाम रही है. न तो मयंक शुक्ला को खोजा जा सका है और न ही उसके मृत होने की बात सामने आयी है. इस कारण यह केस और पेचीदा होता जा रहा है. इस तरह पुलिस जांच पर भी सवाल उठ गये हैं.
तीन थाना प्रभारी और जांच पदाधिकारी बदले : मयंक शुक्ला अपहरण केस में अब तक तीन थाना प्रभारी और जांच पदाधिकारी बदल गये. इसमें थाना प्रभारी संजय विश्वास, रणधीर कुमार सिंह, एस वैधनाथन और जांच पदाधिकारी में दिलीप प्रसाद सिंह, नीलेश कुमार, विजय कुमार बदल गये.
अपहृत मयंक शुक्ला के पिता राजकुमार शुक्ला ने कहा कि मेरा बेटा जिंदा है या मुर्दा, यह पुलिस नहीं बता रही है. वे इस बारे में पुलिस के आला पदाधिकारी सहित सभी जगह ज्ञापन दे चुके हैं. सभी जांच पदाधिकारी को पूरा सहयोग दे रहे हैं, मगर कोई सकारात्मक बातें सामने नहीं आ रही है.
सीजेएम कोर्ट में पिटीशन देकर लगायी गुहार
मयंक शुक्ला अपहरण केस: 22 माह, तीन जांच पदाधिकारी बदले, नतीजा सिफर
27 अगस्त 2014 को फुलवरिया से गायब हुआ मयंक
अपहरण कांड के सभी आरोपित के खिलाफ चल रहा केस
पुलिस की जांच में कोई नतीजा नहीं निकलने पर उठे सवाल
गवाह को मिल रही धमकी
सीजेएम कोर्ट में मयंक शुक्ला के पिता राजकुमार शुक्ला ने पिटीशन में बताया कि उसके अलावा गवाहों को अज्ञात द्वारा धमकी दी जा रही है. उन्होंने बताया कि घटना के गवाह शिवशंकर चौबे को मुंह बंद करने अन्यथा जान से हाथ धोने की बात कही. इस पिटीशन को न्यायालय ने गंभीरता से लिया है.
यह हुई थी घटना
जगदीशपुर थाना में 31 अगस्त 2014 को अभय कुमार शुक्ला ने बताया कि उसका भाई मयंक शुक्ला 27 अगस्त 2014 से फुलवरिया (जगदीशपुर) से गायब है. इस बारे में रजनीश दुबे उर्फ डब्लू, किशन दुबे उर्फ कन्हैया, रविशंकर दुबे उर्फ तिनसुकिया, रोहित दुबे उर्फ बिट्टू, चंदन कुमार पांडे उर्फ मनीष कुमार, अरविंद कुमार मिश्रा, चुन्नु मिश्रा उर्फ अमिताभ, मुकेश तिवारी उर्फ चुन्नु तिवारी के खिलाफ मामला दर्ज हुआ. आरोपित फिलहाल पटना हाइकोर्ट से जमानत पर हैं. यह केस षष्टम अपर सत्र न्यायाधीश की कोर्ट में विचाराधीन है.