उपेक्षा. वृद्धा ने विक्रमशिला सेतु से लगायी छलांग
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बेटा-बहू से तंग गंगा में कूदी मां
उपेक्षा. वृद्धा ने विक्रमशिला सेतु से लगायी छलांग बेटा व पतोहू की उपेक्षा व प्रताड़ना ने मां को इतना दुखी किया कि जीने की इच्छा खत्म हो गयी. एक मां ने विक्रमशिला पुल से छलांग लगा कर जान देने की कोशिश की. 70 साल की उम्र में एक मां ने शायद सब जगह से निराश […]
बेटा व पतोहू की उपेक्षा व प्रताड़ना ने मां को इतना दुखी किया कि जीने की इच्छा खत्म हो गयी. एक मां ने विक्रमशिला पुल से छलांग लगा कर जान देने की कोशिश की. 70 साल की उम्र में एक मां ने शायद सब जगह से निराश होने के बाद ही यह कदम उठाया होगा.
भागलपुर : बेटा जब पैदा हुआ तो बहुत खुशी हुई थी. मिठाई बांटी गयी. बुढ़ापे का सहारा मिला. जब हड्डियां कमजोर हो जायेंगी, बेटा हाथ बढ़ायेगा. बड़े जतन से पाला. उसकी हर इच्छा को पूरा किया. बेटा जवान हुआ और बूढ़ी हो गयी मां. बूढ़ी मां की उम्मीदें टूट गयीं. बेटा मां का नहीं हुआ. वह सब कुछ भूल गया. बची हुई जिंदगी को अंधकार में जाता देख एक मां का ह्रदय रो पड़ा. दिल को इतनी तकलीफ हुई कि 70 साल की उम्र में जान देने को सोच लिया.
पहुंच गयी विक्रमशिला पुल और लगा दी छलांग. शाहकुंड के पंचरुखी की रहने वाली 70 वर्षीय बसंती देवी अपने बेटे-बहू के दुर्व्यवहार से तंग आकर मंगलवार को दोपहर विक्रमशिला पुल से नदी में छलांग लगा दी. बुजुर्ग महिला को नदी कूदते देख नाविक उसके पास पहुंच गये और महिला को पानी से बाहर निकाला. घाट पर ही मौजूद महिला ने उस बसंती देवी को पहनने के लिए कपड़े दिये. पुलिस ने महिला को इलाज के लिए मायागंज स्थित जेएलएनएमसीएच लाया.
बसंती का कहना है कि उसका बेटा और बहू उसके साथ अच्छा व्यवहार नहीं करते. उसकी बहू ने कहा कि अगर वह घर से नहीं निकलेगी तो वह जान दे देगी. बहू के इस बात से नाराज बसंती जान देने को मजबूर हो गयी और नदी में छलांग लगा दी.
शाहकुंड के पंचरुखी की रहनेवाली 70 वर्षीय बसंती देवी प्रताड़ना व उपेक्षा नहीं कर सकी बरदाश्त
महिला को कूदते हुए देख नाविक वहां पहुंचे और उसे बचा लिया
मायागंज में महिला का किया जा रहा इलाज
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