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बिजली दर वृद्धि के प्रस्ताव का विरोध

भागलपुर: साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड (एसबीडीसीएल) की ओर से बिजली दर में बढ़ोतरी के प्रस्ताव पर शुक्रवार को बिहार विद्युत विनियामक आयोग (बीइआरसी)की टीम ने प्रमंडलीय आयुक्त के सभागार में जन सुनवाई की. जन सुनवाई के लिए आयोग के मेंबर एससी झा पटना से पहुंचे थे. जन सुनवाई में शहर के विभिन्न संगठनों, […]

भागलपुर: साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड (एसबीडीसीएल) की ओर से बिजली दर में बढ़ोतरी के प्रस्ताव पर शुक्रवार को बिहार विद्युत विनियामक आयोग (बीइआरसी)की टीम ने प्रमंडलीय आयुक्त के सभागार में जन सुनवाई की.

जन सुनवाई के लिए आयोग के मेंबर एससी झा पटना से पहुंचे थे. जन सुनवाई में शहर के विभिन्न संगठनों, आम जनों व बुद्धिजीवी वर्ग के लोगों ने प्रस्ताव का पुरजोर विरोध किया और प्रस्ताव को नामंजूर करने का आग्रह किया है. बिजली उपभोक्ता संघर्ष समिति के सलाहकार अशोक जीवराजिका ने जन सुनवाई में कहा कि कंपनी की टैरिफ दर के अलावा कई तरह की अतिरिक्त आमदनी है. 50 प्रतिशत से ज्यादा उपभोक्ता न्यूनतम यूनिट से कम यूनिट का उपयोग करते हैं.

पश्चिम बंगाल, गुजरात, उत्तराखंड, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, गोवा, केरला आदि कई राज्यों में घरेलू व वाणिज्यिक विद्युत संबंधों में न्यूनतम चार्ज नहीं है. बिहार में भी न्यूनतम चार्ज खत्म होना चाहिए. उन्होंने कहा कि आवासीय श्रेणी में दो कि लोवाट लोड के उपभोक्ता का न्यूनतम विपत्र वर्तमान में 271 रुपये आता है, पर प्रस्तावित टैरिफ लागू होने से न्यूनतम 1503 रुपये का बिल विपत्र आयेगा. यानी, 550 प्रतिशत की वृद्धि होगी, जो उपभोक्ताओं के लिए असहनीय है.

उन्होंने कहा कि यूनिट चार्ज के साथ-साथ न्यूनतम चार्ज भी 40 यूनिट की जगह 150 यूनिट कर दिया गया है. इससे इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी भी बढ़ जायेगी. उन्होंने कहा कि वाणिज्य श्रेणी में एक किलोवाट लोड पर वर्तमान में 465 रुपये का बिल विपत्र आता है, पर प्रस्तावित टैरिफ लागू होने से 1331 रुपये का न्यूनतम बिल आयेगा. न्यूनतम चार्ज भी 50 यूनिट से बढ़ा कर 120 यूनिट कर दिया गया है और फिक्सड चार्ज भी 180 रुपये से 325 रुपये प्रति किलोवाट कर दिया गया है. इससे चाय-पान के दुकानदार, छोटी-छोटी दुकान वाले बेरोजगार हो जायेंगे.

अधिकांश छोटे दुकानदार एक माह में 120 यूनिट की खपत नहीं कर पाते हैं. इसी तरह से आटा चक्की, कैलेंडर मशीन, वेल्डिंग मशीन, पावर लूम आदि उद्योगपतियों को 4728 रुपये की जगह प्रस्तावित वृद्धि लागू होने पर 7410 रुपये लगेंगे. यानी, 250 रुपये प्रति दिन. बंदी व आकस्मिक दुर्घटना के दिन भी 250 रुपये प्रति दिन न्यूनतम लगेंगे. पश्चिम बंगाल में सभी श्रेणी में विद्युत दर बिहार से कम है. फिर भी वहां कंपनी फायदे में है. मौके पर बिहार विद्युत विनियामक आयोग के उपसचिव लक्ष्मण भक्त, एसबीडीसीएल के अधीक्षण अभियंता रामचंद्र प्रसाद सिंह, भागलपुर विद्युत अंचल कार्यालय के अधीक्षण अभियंता नरेंद्र कुमार, कार्यपालक अभियंता (ग्रामीण) बीके श्रीवास्तव, कार्यपालक अभियंता (शहरी) एसपी सिंह आदि उपस्थित थे.

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